Madhya Pradesh विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कमलनाथ ने भाजपा सरकार पर घोटालों का आरोप लगाया
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Madhya Pradesh विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हुआ, और पहले ही दिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य की बीजेपी सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मध्यप्रदेश अब “घोटाले का राज्य” बन चुका है। इस दौरान कांग्रेस पार्टी ने सरकार के खिलाफ अपना आक्रामक रुख अपनाया और राज्य में हो रही समस्याओं पर सवाल उठाए।
कमलनाथ ने लगाए घोटालों के आरोप
भोपाल में विधानसभा सत्र में भाग लेने पहुंचे कमलनाथ ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि “पूरा देश देख रहा है कि मध्यप्रदेश अब ‘घोटाले का राज्य’ बन चुका है।” उन्होंने कहा कि राज्य में घोटाला एक प्रणाली बन चुकी है और हर क्षेत्र में घोटाले हो रहे हैं। कमलनाथ ने आगे कहा, “युवाओं के साथ घोटाला, किसानों के साथ घोटाला, व्यापारियों के साथ घोटाला – अब यह राज्य ‘घोटाले का राज्य’ बन गया है।”
कांग्रेस ने मोहन यादव सरकार पर तुष्टिकरण और विफलताओं के आरोप लगाए
कमलनाथ ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह विधानसभा सत्र मोहन यादव सरकार के एक साल पूरे होने के बाद पहला सत्र है। कांग्रेस पार्टी लगातार सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रही है, विशेष रूप से किसानों की समस्याओं को लेकर। कांग्रेस का कहना है कि राज्य में किसानों को खाद्य सामग्री नहीं मिल रही है, और इसका असर कृषि क्षेत्र पर पड़ रहा है।
कांग्रेस का हमला: निवेश की कोशिशें एक दिखावा
कांग्रेस ने राज्य सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि जो निवेश लाने की कोशिशें की जा रही हैं, वे केवल एक आयोजन तक सीमित हैं। कांग्रेस ने कहा कि इन प्रयासों से कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आए हैं और राज्य की अर्थव्यवस्था लगातार बिगड़ रही है। कांग्रेस ने राज्य की खराब आर्थिक स्थिति पर भी सवाल उठाते हुए सरकार से ‘सफेद पत्र’ जारी करने की मांग की है।
शीतकालीन सत्र की पूरी कार्यवाही पर नजर
मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हुआ और यह सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। पहले दिन कांग्रेस ने राज्य में व्याप्त समस्याओं के खिलाफ विधानसभा का घेराव किया। कांग्रेस पार्टी ने यह प्रदर्शन अपनी ताकत दिखाने के लिए किया, जिससे यह सत्र काफी हंगामेदार होने की संभावना जताई जा रही है।
कांग्रेस का दबाव और सरकार की स्थिति
कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा में घेराव कर यह संदेश दिया कि वह राज्य में सरकार की विफलताओं को लेकर गंभीर है। खासकर किसानों, युवाओं और व्यापारियों से संबंधित मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेस के आक्रामक रुख से यह साफ है कि वह आगामी चुनावों को देखते हुए सरकार के खिलाफ जनमत तैयार करने में जुटी हुई है।
शीतकालीन सत्र में संभावित हंगामा
राज्य की मौजूदा सरकार पर उठाए गए सवालों और आरोपों के बीच यह सत्र काफी हंगामेदार हो सकता है। कांग्रेस ने पहले दिन ही विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर यह दिखा दिया कि वह सरकार को लेकर कितनी आक्रामक स्थिति में है। विधानसभा के इस शीतकालीन सत्र में विपक्षी दलों का दबाव और सरकार की प्रतिक्रिया दोनों पर ही सबकी नजरें बनी रहेंगी।
कांग्रेस ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही अपनी ताकत दिखाते हुए सरकार को घेरे लिया है। कमलनाथ का आरोप है कि मध्यप्रदेश में घोटाले की संस्कृति फैल चुकी है और यह राज्य अब किसी भी प्रकार के विकास के लिए उपयुक्त नहीं रहा। इस पूरे मुद्दे पर सरकार का क्या जवाब होता है और विधानसभा सत्र का माहौल किस दिशा में जाता है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।