Punjab में किसानों का अनिश्चितकालीन धरना शुरू, लुधियाना-जालंधर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवरोध
Punjab: पंजाब के किसानों ने फगवाड़ा-जालंधर राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया है। किसान संगठनों ने सड़क के बीच में ट्रॉलियाँ पार्क कर दोनों तरफ से राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया है। किसानों की यह ज़ोरदार प्रतिक्रिया लुधियाना-जालंधर राष्ट्रीय राजमार्ग पर धन्नोवाली के पास आज सुबह 11 बजे से शुरू हुई है।
किसानों का गुस्सा
किसान मंडियों में धान की खरीदारी में देरी को लेकर बेहद नाखुश हैं। किसान संगठनों के लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर विरोध कर रहे हैं। उन्होंने अनिश्चितकालीन समय तक राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करने का ऐलान किया है। भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर के जिला अध्यक्ष कुलविंदर सिंह मछीयाना ने कहा कि सरकार धान की खरीद और उठाने को लेकर किसानों की समस्याओं को लगातार नजरअंदाज कर रही है।
समस्याओं का बढ़ता संकट
धरना सोमवार की सुबह 11 बजे सरकार की नीतियों के खिलाफ शुरू किया गया। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार मंडियों से धान की खरीद शुरू नहीं करती, तब तक यह प्रदर्शन जारी रहेगा। इस आंदोलन के कारण हाईवे से यात्रा करने वाले लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
ट्रेनों के लेट होने की संभावना
किसानों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध करने से ट्रेनों का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन जालंधर कैंट स्टेशन पर चल रहे कार्य के कारण 16 से अधिक ट्रेनों को डाइवर्ट किया गया है। इसके कारण यात्रियों को समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
न केवल यह, बल्कि पिछले काफी समय से ट्रेनों में देरी भी हो रही है। नकोदर मार्ग, जालंधर से लुधियाना और जम्मू आने-जाने वाले यात्रियों को इस स्थिति के कारण अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करें
यात्रियों और चालकों को इन समस्याओं से बचने के लिए वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है:
- अमृतसर और पठानकोट से आ रहे चालक: वे जालंधर से दीपनगर के रास्ते लुधियाना और दिल्ली की ओर जा सकते हैं।
- होशियारपुर से आ रहे चालक: वे जालंधर शहर से ताल्हरण रोड के माध्यम से पैरागपुर के पास अंडरपास से हाईवे पर आ सकते हैं। यह मार्ग जालंधर कैंट और डकोहा सहित आसपास की कॉलोनियों के लिए फायदेमंद होगा।
- लुधियाना से आ रहे यात्री: वे पैरागपुर अंडरपास या फिल्लौर से नकोदर मार्ग की ओर जा सकते हैं।
धरने के उद्देश्यों और किसानों की माँगें
किसानों का यह धरना न केवल धान की खरीद की समस्या का समाधान चाह रहा है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहता है कि उनकी आवाज़ें सुनी जाएँ। किसानों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों से उनके मुद्दों को नजरअंदाज किया गया है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है।
किसान नेता कहते हैं, “हमारी खेती और कृषि की स्थिति बेहद नाजुक है। हम केवल अपनी फसल के लिए उचित मूल्य की मांग कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी समस्याओं को गंभीरता से लेगी।”
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि वे किसानों के मुद्दों को समझते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रयासरत हैं। हालांकि, धरने के चलते यातायात में बाधाएँ उत्पन्न होने से कई यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इस धरने से यह स्पष्ट होता है कि पंजाब के किसान अपनी समस्याओं को लेकर गंभीर हैं और वे किसी भी हालत में अपनी माँगों को लेकर पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं। सभी लोगों को इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, और अगर सरकार जल्दी इस मामले का समाधान नहीं करती है, तो यह आंदोलन और भी बढ़ सकता है।
यात्रियों को सलाह दी जा रही है कि वे वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करें और अपने यात्रा की योजना को ध्यान में रखकर बनाएं। वहीं, किसानों का कहना है कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक उनका यह धरना जारी रहेगा।
पंजाब के किसानों की यह लड़ाई न केवल उनकी आर्थिक स्थिति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक ऐसे संदेश को भी उजागर करती है कि उन्हें भी सुनने की आवश्यकता है। यह स्थिति न केवल कृषि क्षेत्र के लिए, बल्कि पूरे राज्य की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर भी प्रभाव डाल रही है।