India-Italy relations को नया आयाम, प्रधानमंत्री मोदी और मेलानी के प्रयासों से होंगे फलित
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India-Italy relations: भारत और इटली के द्विपक्षीय संबंधों को एक नई दिशा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलानी के बीच पांच वर्षीय रणनीतिक क्रियावली योजना का शुभारंभ किया गया है। यह बात इटली के उद्योग और ‘मेड इन इटली’ मंत्री एडोल्फो उर्सो ने मुंबई में एक प्रदर्शनी के दौरान कही। यह प्रदर्शनी इटली के 93 वर्षीय नौसैनिक जहाज ‘अमेरिगो वेस्पुसी’ के भारत के इंदिरा डॉक (पोर्ट) में आगमन के अवसर पर आयोजित की गई थी।
प्रधानमंत्रियों की घोषणा और उद्देश्य
भारत और इटली के प्रधानमंत्रियों ने इस रणनीतिक क्रियावली योजना की घोषणा जी-20 सम्मेलन के दौरान की थी। यह योजना दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से बनाई गई है और इसमें 10 प्रमुख क्षेत्रों को ध्यान में रखा गया है। इन क्षेत्रों में रक्षा, व्यापार, स्वच्छ ऊर्जा और कनेक्टिविटी प्रमुख हैं। योजना का उद्देश्य भारत-इटली सहयोग को बढ़ावा देना और दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को प्रगति की दिशा में ले जाना है।
एडोल्फो उर्सो की टिप्पणी
इटली के उद्योग मंत्री एडोल्फो उर्सो ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मेलानी की साझेदारी से इटली और भारत के संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति होगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की ‘मैन्युफैक्चरिंग प्लेटफॉर्म’ पर दोनों देशों के उद्योगों का एक साथ विकास होगा। मोदी सरकार द्वारा निर्मित इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से उद्योगों को मिलकर काम करने का अवसर मिलेगा, जिससे दोनों देशों के बीच तकनीकी और औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
उर्सो ने यह भी बताया कि इटली की कंपनी स्पार्कल द्वारा शुरू किया गया ‘ब्लू रामन’ सबमरीन केबल प्रोजेक्ट, जो मुंबई और जेनोआ को जोड़ने वाला है, डिजिटल कनेक्टिविटी को और भी मजबूत करेगा। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से दोनों देशों के बीच डिजिटल और व्यापारिक संबंधों में वृद्धि देखने को मिलेगी।
भारत-इटली के आर्थिक और औद्योगिक संबंधों का महत्व
भारत और इटली के बीच व्यापार और निवेश में वृद्धि की दिशा में यह रणनीतिक कदम बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दोनों देशों के बीच तकनीकी, वैज्ञानिक और औद्योगिक साझेदारी में नई संभावनाएँ उत्पन्न हो सकती हैं। भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और इटली की औद्योगिक क्षमता दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को और प्रगति की ओर ले जाएंगे।
भारत ने अपने ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत औद्योगिक प्लेटफॉर्म तैयार किया है, जो विदेशी कंपनियों के लिए भारत में निवेश करने और उत्पादन बढ़ाने के लिए एक आकर्षक अवसर प्रस्तुत करता है। इटली की कंपनियाँ, खासकर उन कंपनियों का जो डिज़ाइन, प्रौद्योगिकी और निर्माण क्षेत्र में माहिर हैं, इस प्लेटफॉर्म का लाभ उठा सकती हैं और भारत में निवेश बढ़ा सकती हैं।
स्वच्छ ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र में सहयोग
भारत और इटली के बीच स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने की संभावना है। दोनों देशों ने अपने-अपने देशों में स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित किया है। इस दिशा में किए गए कदमों से पर्यावरणीय संकट को कम करने और ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है।
इसके अलावा, रक्षा क्षेत्र में भी भारत और इटली के बीच सहयोग को बढ़ावा देने की योजना है। इटली की कंपनियाँ भारतीय रक्षा क्षेत्र में तकनीकी और सामरिक साझेदारी के लिए तत्पर हैं। रक्षा उपकरणों के निर्माण और आपूर्ति में सहयोग से दोनों देशों की सेनाओं को मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है।
भारत-इटली संबंधों की भविष्यवाणी
भारत और इटली के रिश्ते भविष्य में और भी गहरे और प्रगति की ओर बढ़ेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जॉर्जिया मेलानी के नेतृत्व में तैयार की गई यह रणनीतिक योजना न केवल दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगी, बल्कि यह क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगी।
भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका और इटली की औद्योगिक और तकनीकी क्षमता दोनों देशों को एक साझेदार के रूप में महत्वपूर्ण बनाती है। दोनों देशों के बीच सहयोग की यह नई दिशा न केवल व्यापार और उद्योग में वृद्धि को बढ़ावा देगी, बल्कि यह विभिन्न वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए भी सहायक सिद्ध होगी।
भारत और इटली के बीच बढ़ते संबंध और प्रधानमंत्री मोदी एवं मेलानी की रणनीतिक क्रियावली योजना के तहत किए गए प्रयासों से दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में सहयोग को नई दिशा मिलेगी। इससे ना केवल द्विपक्षीय व्यापार और निवेश बढ़ेगा, बल्कि यह दोनों देशों को वैश्विक मंच पर भी एक मजबूत साझेदार के रूप में स्थापित करेगा।
उम्मीद जताई जा रही है कि यह सहयोग आने वाले वर्षों में और अधिक मजबूत होगा, जिससे दोनों देशों के नागरिकों के लिए नए अवसर उत्पन्न होंगे और उनके बीच आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संबंध भी प्रगति करेंगे।