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Jalandhar gas leak case: एक की मौत, 3 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया

Jalandhar gas leak case: जालंधर में डोमोरिया पुल के पास स्थित आइस फैक्ट्री से गैस लीक होने के कारण हड़कंप मच गया है। इस दुर्घटना में कई लोगों के बेहोश होने की खबर है। हालांकि, घटना में अधिक जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पूरे इलाके को सील कर दिया है, क्योंकि लीक होने वाली गैस जहरीली है। फैक्ट्री के अंदर फंसे तीन अन्य लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि गैस लीक को रोकने के लिए एक अन्य व्यक्ति अब अंदर जा रहा है।

Jalandhar gas leak case: एक की मौत, 3 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया

घटना की जानकारी और प्राथमिक जांच

यह घटना जालंधर के डोमोरिया पुल के पास स्थित एक आइस फैक्ट्री में हुई, जहां अमोनिया गैस (NH3) का रिसाव हो गया। अमोनिया का उपयोग मुख्य रूप से उर्वरक बनाने और आइस फैक्ट्री में कूलिंग के लिए किया जाता है। आमतौर पर अमोनिया गैस अत्यधिक हानिकारक नहीं मानी जाती, लेकिन अगर इसे अधिक मात्रा में श्वास में लिया जाए, तो यह जानलेवा हो सकती है।

प्रारंभिक जांच के अनुसार, फैक्ट्री में अचानक गैस का रिसाव होने से वहां काम कर रहे कई लोग बेहोश हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस और दमकल विभाग की टीमों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और फैक्ट्री के अंदर फंसे लोगों को बाहर निकालने का प्रयास किया। तीन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन एक व्यक्ति की मौत हो गई है।

दमकल विभाग की चुनौती

दमकल विभाग की टीमों को गैस पर नियंत्रण पाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। फैक्ट्री के अंदर प्रवेश करने से पहले उन्हें पानी का छिड़काव करना पड़ता है ताकि गैस को नियंत्रित किया जा सके और सुरक्षित रूप से अंदर प्रवेश किया जा सके। टीम के अधिकारियों का कहना है कि जब तक पानी का छिड़काव होता है, तब तक वे फैक्ट्री के अंदर जा सकते हैं।

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अमोनिया गैस के रिसाव को रोकने के लिए एक विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे गैस के प्रसार को रोका जा सके। दमकल विभाग के अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और गैस के रिसाव को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

अमोनिया गैस का प्रभाव

अमोनिया गैस सामान्यतः घातक नहीं होती, लेकिन अगर यह अधिक मात्रा में वातावरण में फैल जाए तो यह घातक साबित हो सकती है। जब हवा में अमोनिया की मात्रा बढ़ जाती है, तो इससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और व्यक्ति को दम घुटने जैसा महसूस होता है। इसके साथ ही, इससे त्वचा में खुजली, गले, नाक और श्वसन तंत्र में जलन हो सकती है और व्यक्ति बेहोश हो सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक मात्रा में अमोनिया गैस के संपर्क में आने से यह जानलेवा साबित हो सकती है, इसलिए इस प्रकार के गैस रिसाव की घटनाओं में तत्काल कार्रवाई और राहत कार्य आवश्यक होते हैं।

फैक्ट्री मालिक से संपर्क नहीं

घटना के बाद फैक्ट्री के मालिक से संपर्क नहीं हो सका है। खबर है कि मालिक फोन नहीं उठा रहा है, जिससे स्थिति को लेकर संदेह और चिंता बढ़ रही है। पुलिस और प्रशासन द्वारा मालिक से संपर्क करने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि इस दुर्घटना के कारणों की सही जानकारी मिल सके और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।

राहत और बचाव कार्य

घटना के बाद राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है। पुलिस, दमकल विभाग, और अन्य प्रशासनिक टीमों ने मिलकर मौके पर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की है। गैस के रिसाव को रोकने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों को बुलाया गया है, जो गैस के प्रसार को रोकने के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं।

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प्रशासन ने आसपास के इलाके को सील कर दिया है और लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। स्थानीय प्रशासन की ओर से आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है, ताकि लोगों को इस गैस रिसाव से कोई नुकसान न हो।

भविष्य की सुरक्षा के उपाय

इस घटना के बाद प्रशासन ने सभी आइस फैक्ट्रियों और अन्य गैस उपयोग करने वाली इकाइयों की सुरक्षा जांच कराने का निर्णय लिया है। सरकार ने घोषणा की है कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए भविष्य में कड़े नियम लागू किए जाएंगे और सभी फैक्ट्रियों में सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य किया जाएगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की दुर्घटनाओं से बचने के लिए फैक्ट्रियों में नियमित रूप से सुरक्षा जांच की जानी चाहिए और कर्मचारियों को गैस रिसाव जैसी स्थितियों में निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, गैस रिसाव के समय इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की भी नियमित जांच होनी चाहिए, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटा जा सके।

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