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Jharkhand High Court ने एमएस धोनी को भेजा नोटिस, इस मामले में कोर्ट में पेश होने का आदेश

Jharkhand High Court ने मंगलवार को भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को एक मामले में नोटिस भेजा है। यह मामला धोनी के पूर्व साझेदारों, मिहिर दिवाकर और सौम्य दास द्वारा दायर किया गया है। कोर्ट ने धोनी को आदेश दिया है कि वह अदालत में उपस्थित होकर इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करें। आइए, जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है और इसमें एमएस धोनी का क्या संबंध है।

पूरा मामला क्या है?

सूत्रों के अनुसार, मिहिर दिवाकर और सौम्य दास ‘अर्का स्पोर्ट्स एंड मैनेजमेंट लिमिटेड’ के निदेशक हैं। इन दोनों का धोनी के साथ एक समझौता था, जिसके अंतर्गत वे धोनी के नाम से एक क्रिकेट अकादमी खोलने वाले थे। हालांकि, कुछ समय बाद एमएस धोनी ने मिहिर दिवाकर और सौम्य दास पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया। धोनी ने इस संबंध में 5 जनवरी को झारखंड की राजधानी रांची में एक आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी।

Jharkhand High Court ने एमएस धोनी को भेजा नोटिस, इस मामले में कोर्ट में पेश होने का आदेश

धोनी ने लगाया 15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप

इस आपराधिक शिकायत में महेंद्र सिंह धोनी ने आरोप लगाया है कि उन्हें 15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया है। धोनी का कहना है कि उन्होंने 2021 में अकादमी के लिए किए गए समझौते के अधिकार को रद्द कर दिया था। इसके बावजूद, मिहिर दिवाकर और सौम्य दास द्वारा उनके नाम का उपयोग जारी रखा गया। इस मामले में रांची के एक न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने दिवाकर और दास के खिलाफ संज्ञान लिया था। हालांकि, दोनों ने इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट का रुख किया। अब हाई कोर्ट ने धोनी को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।

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क्या है धोनी का रुख?

धोनी का मानना है कि उनके नाम और प्रतिष्ठा का दुरुपयोग कर उनके साथ वित्तीय धोखाधड़ी की गई है। उन्होंने कहा कि अकादमी के प्रोजेक्ट को पहले ही बंद कर दिया गया था और उन्होंने इसके लिए मिहिर और सौम्य को सूचित भी कर दिया था। लेकिन, इस फैसले के बावजूद उनके नाम का अवैध उपयोग जारी रहा, जिससे उनकी छवि और वित्तीय स्थिति को नुकसान पहुंचा।

मिहिर दिवाकर और सौम्य दास का पक्ष

मिहिर दिवाकर और सौम्य दास का कहना है कि इस मामले में धोनी द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं। वे मानते हैं कि धोनी के साथ उनके संबंध हमेशा से पेशेवर और पारदर्शी रहे हैं। दोनों का दावा है कि धोनी के साथ हुआ समझौता कानूनी तौर पर मान्य था और इस प्रकार उनके द्वारा धोनी के नाम का उपयोग गलत नहीं था।

झारखंड हाई कोर्ट का आदेश

झारखंड हाई कोर्ट ने धोनी को नोटिस जारी कर अदालत में उपस्थित होने के लिए कहा है। कोर्ट चाहता है कि धोनी इस मामले में आकर अपनी स्थिति स्पष्ट करें और सभी पक्षों के बयानों को सुनने के बाद कोर्ट इस मामले पर अपना निर्णय लेगा। यह मामला अब कोर्ट के दायरे में आ गया है, और सभी की निगाहें इसके परिणाम पर टिकी हैं।

एमएस धोनी का आईपीएल 2025 में खेलना संभव

इस कानूनी मामले के बीच धोनी के फैंस के लिए एक अच्छी खबर है। धोनी ने संकेत दिया है कि वे आईपीएल 2025 में भी चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेल सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने करियर के आखिरी कुछ सालों का क्रिकेट का मजा लेना चाहते हैं। धोनी के इस बयान के बाद, उनके प्रशंसकों में एक नया उत्साह देखने को मिल रहा है।

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यह मामला अब न्यायालय के समक्ष है, जहां सभी पक्षों को अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। धोनी और उनके पूर्व साझेदारों के बीच का यह विवाद कानूनी तौर पर सुलझेगा। इस मामले के परिणाम का सभी को इंतजार रहेगा, विशेषकर धोनी के प्रशंसकों को।

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