सत्यखबर, जींद
आपको बता दे कीनिडानी गांव के कोरोना पॉजिटिव युवक को रोहतक पीजीआई में बने कोविड स्पेशल अस्पताल में रेफर कर दिया गया। सुबह युवक को आइसोलेशन वार्ड से बाहर निकालकर एंबुलेंस तक लाने के लिए खास तैयारियां की गई थी। युवक की पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद ज्यादातर स्टाफ सदस्य आइसोलेशन वार्ड के पास फटकने में भी डर महसूस कर रहे थे।
सुबह आइसोलेशन वार्ड में पहुंचकर डॉ. रमेश पांचाल ने जब युवक को बताया कि उसे बताया कि उसे रोहतक पीजीआइ शिफ्ट किया जा रहा है, तो युवक उछलकर बिस्तर से खड़ा हो गया। उसके चेहरे की हवाइयां उड़ गई। एकदम कांपने लगा और पूरी तरह घबरा गया।
उसने कहा, डॉक्टर साहब! मैं बच तो जाऊंगा। डॉ. पांचाल ने उसे समझाया कि वह ठीक-ठाक है। कुछ नहीं हुआ है। उसके अंदर तो कोरोना के लक्षण भी नहीं हैं। खांसी-जुकाम भी नहीं है। रोहतक पीजीआई सिर्फ इसलिए रेफर किया जा रहा है कि वहां ज्यादा अच्छी चिकित्सा सुविधाएं हैं। स्पेशल अस्पताल बनाया गया है। कोरोना की नई टैबलेट आई हैं, वे भी पीजीआई में उपलब्ध हैं। किसी भी तरह से डरने की जरूरत नहीं है। इसके बाद भी युवक सामान्य नहीं हुआ। उसे पानी पीने को कहा गया। करीब पांच मिनट तक डॉ. पांचाल ने युवक की काउंसिलिंग की। इसके बाद उसे कहा कि वह अपनी पानी की बोतल सहित सारा सामान एक थैले में पैक कर ले। इसके बाद उसे आइसोलेशन वार्ड से बाहर लाने की तैयारी शुरू हुई। जब उसे नीचे खड़ी एंबुलेंस तक के रास्ते को पूरी तरह सील कर दिया गया। आगे-आगे डॉक्टर पांचाल चले और उनके पीछे युवक। उनके आगे भी स्प्रे किया गया और जहां-जहां युवक ने कदम रखे, उसके पीछे-पीछे भी एक व्यक्ति सैनिटाइजर स्प्रे करता रहा। आइसोलेशन वार्ड से लेकर एंबुलेंस तक भी युवक ने कई बार कहा कि डॉक्टर साहब, मैं बच तो जाउंगा। मुझे कुछ होगा तो नहीं। डॉक्टर उसे बार-बार दिलासा देते रहे।
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