हरियाणा विधानसभा में आपस में ही भिड़े जेजेपी नेता जानिए कौन-कौन और क्यों
JJP leaders clashed among themselves in Haryana Assembly
सत्य खबर ,चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में गुरुवार को कांग्रेस की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सत्तारूढ़ BJP की सहयोगी पार्टी, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी ) के तीन वरिष्ठ नेता आपस में ही भिड़ गए।
सदन में जेजेपी के नारनौंद हलके के विधायक राजकुमार गौतम की अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से तू तू-मैं मैं तक हो गई। यही नहीं, दोनों ने सदन में ही एक-दूसरे से इस्तीफा तक देने को कह डाला।
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने हिसार जिले के नारनौंद विधानसभा सीट के जेजेपी विधायक राजकुमार गौतम को बोलने के लिए 7 मिनट दिए। दुष्यंत चौटाला से तकरार के बाद जब गौतम ने अपनी ही पार्टी के मंत्री देवेंद्र बबली से जुड़े पंचायत महकमे को कमीशनखोर कहा तो बबली भी खड़े होकर उनका विरोध करने लगे।
सदन में अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ बोलते हुए रामकुमार गौतम ने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को सीधे निशाने पर ले लिया। गौतम ने कहा- ‘दुष्यंत चौटाला कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से पूछ रहे थे कि मेरे पास 14-14 विभाग होने पर किसे तकलीफ है? तो मैं कहना चाहता हूं कि मुझे तकलीफ है।‘
उन्होंने कहा- ‘नारनौंद से दुष्यंत चौटाला और उनके पिता अजय चौटाला ने 2019 में मुझे इसलिए टिकट दी क्योंकि वहां मेरे पास 35 हजार वोट थे। मैं तेरी मदद से नहीं जीता। उस समय मेरे पास दो-दो पार्टियों से टिकट का ऑफर था। तेरे अकेले की टिकट नहीं थी मेरे पास। मेरे पास टिकट न भी होती तो मैं 35 हजार वोट अकेले ले जाता। ऐसी बातें मत करो, ये बहुत बुरी बात है। अपना काम करो ठीक से।’
याद दिलाई 2014 की हार
गौतम यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा- ‘डिप्टी चीफ मिनिस्टर बैठा है। ये मेरे इलाके के लोगों को वादा करके आया था कि मुआवजा दिलाऊंगा लेकिन आज तक कुछ नहीं मिला। मुझे याद है जब तू बिजेंद्र सिंह (हिसार से BJP के मौजूदा लोकसभा सांसद ) की मां प्रेमलता (2014 के विधानसभा चुनाव में उचाना कलां सीट से) से 10 हजार वोटों से हारा था। जब तू पहली बार MP बना था तो तेरे पिताजी ने मुझसे आशीर्वाद लिया था, पता कर लेना उनसे। तेरे लिए हलके में 5 दिन लगाए। उसके बाद तेरे भाई दिग्विजय की मैंने मदद की।‘
एक-दूजे से मांग लिया इस्तीफा
राजकुमार गौतम जब लगातार निशाना साधते रहे तो डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला बीच में उठकर खड़े हो गए। उन्होंने कहा- ‘गौतम साहब आप जो बात कह रहे हो, सुन लो आज। मैं चार साल से इस सदन में सुनते आ रहा हूं कि मेरे वोट थे, मेरे वोट थे। अगर इतने ही आपके वोट थे तो इस्तीफा लिखो और जाओ।‘यह सुनकर राजकुमार गौतम तमतमा गए और दुष्यंत चौटाला से बोले- इस्तीफा तू दे दे।
इससे पहले, अपनी बात रखते हुए गौतम ने कहा कि मैं अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ हूं, लेकिन मेरी एक शर्त है। मैं जो कहूं, मेरी बात सरकार मानें। कम से कम जो प्रदेश का बेरोजगार युवा है उसे रोजगार दे। साथ ही सरकार किसानों का ध्यान रखे, उनके लिए भी कुछ करें। मुख्यमंत्री हमारे यहां तीन जगह गए और कई वादे भी किए। वो पूरे करें।
सदन में समय कम होने का हवाला देते हुए स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने गौतम को टोका और कहा कि आप अपनी मांगे लेकर बैठ गए। इस पर गौतम ने कहा- मैं मांगे नहीं रख रहा हूं, सिर्फ सरकार को किए गए वादों का ध्यान दिला रहा हूं। इस पर स्पीकर ने कहा कि आज ही सबको खुश कर दोगे क्या?
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से गर्मागर्मी होने के बाद जेजेपी विधायक गौतम ने कहा कि पंचायत महकमे में सारे कमीशनखोर बैठे हैं। सरकार को चाहिए कि पंचायतीराज संस्थाओं में ई-टेंडरिंग की व्यवस्था बंद को। इसके साथ ही सरकार को ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी में छूट देनी चाहिए।
गौतम के आरोपों का सदन में मौजूद पंचायतीराज मंत्री और जेजेपी के ही विधायक देवेंद्र बबली ने विरोध किया। बबली ने कहा कि हमारा इस पर पूरा कंट्रोल है। मैं आपकी इज्जत करता हूं लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप कुछ भी कह दोगे। यदि विभाग में कोई कमीशनखोर है तो उसका नाम दो। मैं ठोककर कार्रवाई करूंगा।