Gohana
पहले कांग्रेस आउट, तो फिर इनेलो का बिगड़ा खेल जानिए गोहाना में रैली कर क्या होगा BJP का हाल !

सत्यखबर, गोहाना।
BJP rally in Gohana NEWS हरियाणा के गोहाना में अमित शाह की फ्लॉप रैली के बाद प्रदेश में भाजपा की स्थिति को लेकर बड़ी चर्चाएं हो रही हैं. भाजपा इस रैली के फ्लॉप होने का कारण मौसम की मार बता रहा है तो विपक्ष इसे लोगों की नाराजगी की वजह कह रहा है. रैली के दौरान बरसात की वजह से अमित शाह रैली सफल पर नहीं पहुंच पाए और उन्होंने अपना भाषण मोबाइल के जरिए ही लोगों को दिया. हालांकि जिस समय उनका भाषण चल रहा था उस समय रैली स्थल पर लोगों की संख्या बहुत कम थी. इस रैली से सोनीपत लोकसभा क्षेत्र के लोगों को बड़ी उम्मीद है थी । जो पूरी नही हो पाई।

रैली की असफलता के कारण सत्ता पक्ष और विपक्ष अपने अपने तरीके से बता रहा है लेकिन राजनीतिक पंडित गोहाना में रैलियों के इतिहास को लेकर कुछ और ही गणित बता रहे हैं. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि गोहाना में अभी तक जिस भी पार्टी ने फिर रैली की है वह प्रदेश की सत्ता में वापसी नहीं कर पाया है. किसी भी राजनीतिक दल के द्वारा गोहाना में दिल्ली एक अपशगुन मानी जाती है।
अब आप सोच रहे होंगे कि गोहना में ऐसा क्या हुआ है कि जिसकी वजह से यहां रैलियां राजनीतिक पार्टियों के लिए अपशगुन बन गई. तो आइए एक बार इतिहास पर नजर डालते हैं.
सबसे पहले हम जिक्र करते हैं 2013 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की उस रैली का जब वह सप्ताह में थे और उन्होंने एक बड़ी रैली की थी जो कि कांग्रेस के इतिहास की सबसे बड़ी रैली मानी जाती है. इस रैली में उस समय कांग्रेस के प्रभारी शकील अहमद को आमंत्रित किया गया था. रैली सफल थी लेकिन इस रैली के बाद जब 2014 में विधानसभा के चुनाव हुए तो कॉन्ग्रेस सत्ता में वापसी नहीं कर पाई. कांग्रेस के हालात इतने बुरे हुए की वे नेता प्रतिपक्ष भी नहीं बना पाए. इसके बाद कांग्रेश यानी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में गोहाना में एक बड़ी रैली का आयोजन किया।। रैली सफल थी लेकिन परिणाम यह हुआ कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा तो सोनीपत लोकसभा चुनाव हारे ही दीपेंद्र हुड्डा भी रोहतक से लोकसभा का चुनाव हार गए. बात यहीं खत्म नहीं हुई कांग्रेश प्रदेश में 1 सीट भी नहीं जीत पाई।
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गोहाना में रैली कर इनेलो ने भी अपनी किस्मत फोड़ ली थी. 2018 मैं हुई गोहाना रैली के बाद इनेलो का कुनबा टूट गया और कभी सत्ता में वापसी नहीं कर पाया. हालांकि 2018 में इनेलो काफी मजबूत स्थिति में थी और माना जा रहा था कि इस बार चौटाला परिवार मुख्यमंत्री के पद पर सुशोभित होगा लेकिन गोहाना की रैली में जो हुआ उसका परिणाम यह हुआ कि इनेलो के पास आज केवल एक ही एमएलए है।
गोहाना में रैली के फल स्वरुप आए इन परिणामों को देखते हुए लोगों ने अमित शाह के गोहाना रैली से पहले ही इस बात का जिक्र करना शुरू कर दिया था कि जिसने भी गोहाना में रैली की है वहीं सत्ता से बाहर हो गया. हालांकि जिन पिछले तीन रैलियों का हमने जिक्र किया है वह तीनों रैलियां अपने आप में सफल रैली थी लेकिन बीजेपी की यह रैली तो भीड़ के मामले में भी फ्लॉप रही. अब इसके साथ ही गोहाना में रैलियों के इतिहास को जोड़कर लोगों ने चटकारा लेना शुरू कर दिया है कि क्या अब भाजपा के हरियाणा से बाहर होने का वक्त आ गया है. खैर अब यह तो वक्त ही बताएगा कि गोहाना में रैलि कर भाजपा सत्ता से आउट हो जाएगी या फिर यह मात्र एक अफवाह होगी। BJP rally in Gohana NEWS