Jhajjar
दीपेन्द्र हुड्डा ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने और कठोर से कठोर सजा दिलाने की मांग की

सत्यखबर, झज्जर। Inauguration of community building in village Birdhana
सांसद दीपेंद्र हुड्डा आज झज्जर में आयोजित कई सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे। दीपेन्द्र हुड्डा ने झज्जर की बेटी के परिवार से मिलकर शोक व्यक्त किया व उन्हें ढाँढस बँधाया। उन्होंने फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने और कठोर से कठोर सजा दिलाने की मांग करते हुए कहा कि ये अन्याय केवल एक परिवार के साथ नहीं बल्कि पूरे समाज के साथ हुआ है और न्याय तभी मिलेगा जब फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द इंसाफ़ दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि इंसाफ दिलाने के लिए वो हर स्तर पर आवाज़ उठायेंगे। इस दौरान पूर्व मंत्री और विधायक गीता भुक्कल मौजूद रहीं।

उन्होंने गांव बिरधाना में सामुदायिक भवन का उद्घाटन किया और गांव बिठला में भारतीय नौसेना के शहीद अमित मान की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना के लड़ाकू जहाज आईएनएस ज्योति में तैनात वीर सैनिक अमित मान की शहादत पर प्रत्येक देशवासी को गर्व है। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने केएमपी एक्सप्रेस वे के साथ बनने वाले हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलनरत किसानों की मांगों का समर्थन किया और कहा कि जब मुख्यमंत्री जी ने मुआवजा बढ़ाने का आश्वासन दिया है तो उसे पूरा क्यों नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा किसानों की जो मांगे केंद्र से संबंधित हैं उन्हें पूरा करवाने के लिए हरियाणा की भाजपा सरकार केंद्र की भाजपा सरकार पर दबाव बनाए। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि किसानों की जमीन जाने के बाद उनकी आजीविका के लिए कुछ नहीं बचेगा। कम से कम इतना मुआवजा तो उन्हें मिलना ही चाहिए कि किसान परिवारों के बच्चे अपना रोजगार कर सकें।
दीपेन्द्र हुड्डा ने सवाल किया कि आखिर क्या कारण हैं कि कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे के साथ बनने वाले हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के लिए जमीन का मुआवजा बढ़ाने को लेकर किसानों को दिया गया आश्वासन मुख्यमंत्री जी पूरा नहीं करना चाहते। सरकार की वादाखिलाफी से किसानों में भारी रोष है। सरकार के इस रवैये के खिलाफ किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सरकार अड़ियल रवैया न अपनाए क्योंकि जब-जब किसान को सड़कों पर उतरना पड़ा है सरकार को मुंह की खानी पड़ी है। इसका जीता जागता प्रमाण दिल्ली बॉर्डर पर 1 साल से ज्यादा समय तक चला ऐतिहासिक किसान आंदोलन है। इस अभूतपूर्व आन्दोलन में राजहठ पर अड़ी सरकार को आखिर करारी हार का सामना करना पड़ा। Inauguration of community building in village Birdhana
*