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रात के अंधेरे में पंचकूला पुलिस की सरपंचों के धरने पर कार्यवाही, जानिए क्या किया

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Panchkula police take action against sarpanches on sit-in

सत्य खबर, पंचकूला। Panchkula police take action against sarpanches on sit-in

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे सरपंचों पर पंचकूला पुलिस ने रात में एक्शन किया। मुख्य मार्ग पर सरपंचों के पक्के धरने में लगे प्रदर्शनकारियों के तंबू उखाड़कर पुलिस ने करीब 80 घंटे बाद शनिवार देर रात रास्ता बहाल कराया।

इस दौरान सरपंचों ने पुलिस की कार्रवाई का जमकर विरोध किया। पुलिस ने हिरासत में लेते हुए उन्हें देर रात रिहा कर दिया। अब सरपंचों की 9 मार्च को मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बात होगी।

सरपंच एसोसिएशन के प्रधान रणवीर सिंह समैण ने पंचकूला पुलिस की इस कार्रवाई पर विरोध जताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल से वार्ता यदि विफल हो जाती है तो 11 मार्च को सभी सरपंच अपनी मांगों को लेकर CM सिटी करनाल के लिए कूच करेंगे। वहां वह मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जब उनकी मांगों को माना नहीं जाता आंदोलन जारी रहेगा।

सरपंचों के धरने को उठाने के लिए लगभग रात आठ बजे पंचकूला पुलिस पहुंची। जहां लगभग 1 घंटे की वार्ता के बाद जब सरपंच नहीं माने तो पुलिस ने जबरन तंबू उखाड़ने शुरू किए। एक घंटे मशक्कत करने के बाद सरपंच विरोध करने लगे, इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और दो बसों में भरकर थाने ले गए, जहां कुछ घंटे हिरासत में रखने के बाद उन्हें देर रात रिहा कर दिया।

1 मार्च को दोपहर करीब एक बजे हाउसिंग बोर्ड पर सरपंचों और पंचायत सदस्यों की पुलिस के साथ भिड़ंत हो गई थी। प्रदर्शनकारी चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री का आवास घेरने जा रहे थे। भिड़ंत में 22 पुलिसकर्मियों के साथ कई प्रदर्शनकारी भी घायल हुए थे। इसके बाद सरपंचों ने पंचकूला-चंडीगढ़ सीमा पर ही पक्का धरना लगा दिया था। छोटे स्पीकर की जगह बड़े लाउडस्पीकर लगा दिए गए। सरपंच एसोसिएशन ने यह भी ऐलान कर दिया कि वो इस बार हाउसिंग बोर्ड पर ही ही काली होली मनाएंगे।

शनिवार सुबह साढ़े 11 बजे ACP सुरेंद्र यादव धरनारत सरपंच एसोसिएशन के सदस्यों के बीच पहुंचे। उन्होंने सरपंचों से लिखित में आश्वासन लिया कि उनकी एसोसिएशन का कोई भी सदस्य या प्रदर्शनकारी चंडीगढ़ की और कूच नहीं करेगा। यह आश्वासन मिलने के बाद दोपहर सवा 12 बजे उन्होंने एक तरफ का रास्ता खुलवा दिया। हालांकि देर रात दोनों तरफ के रास्ते खुलने के बाद वाहनों का आवागमन शुरू हो गया और लोगों ने राहत की सांस ली।

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सरपंचों को हिरासत में लेने के लिए हाउसिंग बोर्ड पर करीब 500 पुलिसकर्मी पहुंचे थे। रात साढ़े आठ बजे सरपंचों के हिरासत में लेकर उन्होंने टेंट को हटाना शुरू किया तो इसमें करीब एक घंटे का समय लग गया। पुलिसकर्मियों ने सरपंचों के गद्दों और हुक्के को उठाकर साइड में रखा।

हाईकोर्ट में शनिवार को 3 बजे सुनवाई शुरू हुई तो कोर्ट ने सरकार को भी सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया। कोर्ट ने कहा कि कैसे यह लोग इतनी संख्या में हाउसिंग बोर्ड के पास एकत्रित हो गए और ऐसा करने के लिए उनको किसने अनुमति दी। कोर्ट ने कहा कि यदि पहले से मुस्तैदी से काम किया जाता है तो इस प्रकार की स्थिति ही नहीं बनती। ऐसे में अब शनिवार रात दस बजे तक ब्लॉक रोड को खाली करवाया जाए। Panchkula police take action against sarpanches on sit-in

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