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Fatehabad

पिता, भाई और पति नहीं थे तो पूरे गांव ने भरा 10 लाख का भात, जानिए कहां का है मामला

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The entire village paid Rs 10 lakh for girl marrige

सत्य खबर, फतेहाबाद। The entire village paid Rs 10 lakh for girl marrige

हरियाणा के फतेहाबाद के गांव जांडवाला बागड़ में हुई दो बेटियों की शादी ने समाज को झकझोर दिया। यहां भात देने के लिए राजस्थान के गांव नेठराना से इतने लोग उमड़े कि टीका लगाने की रस्म पूरी करने में ही घंटों लग गए।

बेटियों की मां मीरा का न तो भाई जीवित था और न ही माता-पिता। भात न्योतने गई मीरा ने भाई कि समाधि पर टीका किया तो पूरा गांव ही भात भरने पहुंच गया। महिलाओं की संख्या भी इसमें खूब रही।

जांडवाला बागड़ में बुधवार को सोनू और मीनो के विवाह का दिन आया तो उसके ननकाने से एक दो नहीं बल्कि 500 के करीब भाती ढ़ोल नगाड़े के साथ पहुंच गए। मायके (पीहर) से आए लोगों को देख कर मीरा की आंखें छलछला उठी। भातियों ने यहां वो हर रस्म अदा की, जोकि मामा करता है।

करीब 10 लाख रुपए का भात भरा गया। घर में प्रवेश के लिए मायके के लोग पाटड़े पर चढ़े तो घंटों तक इनकी लाइन लगी रही। ग्रामीणों का कहना कि नरसी के भात, जो कि श्रीकृष्ण ने भरा था, के बाद अब मीरा के भात की ही चर्चा है।

पिता की मौत के बाद मां ने दोनों बेटियों को पाला
नेठराना के जोरा राम बेनीवाल की बेटी मीरा की शादी वर्षों पहले फतेहाबाद के गांव जांडवाला बागड़ के महावीर माचरा के साथ हुई थी। शादी के बाद उसे दो बेटियां हुई। मीरा के पति की मौत हो गई तो मीरा ने ही दोनों बेटियों सोनू और मीनो को पाल पोश कर बड़ा किया। आज दोनों बेटियों की शादी थी।

दूसरी तरफ मीरा के माता-पिता भी अब नहीं रहे। उसका एक भाई संतलाल था। उसने शादी नहीं की और संयास धारण कर लिया था। उसकी भी बाद में मौत हो गई तो ग्रामीणों ने गांव में ही उसकी समाधि बना दी। मीरा अब बेटियों की शादी को लेकर अपने पीहर नेठराना में भात न्योतने गई।

मीरा का अपना कोई अपना नहीं था, तो वह सीधे भाई की समाधि पर गई और वहां टीका कर सुबक उठी। गांव वालों से उसकी यह दशा देखी नहीं गई और शादी के दिन पूरे गांव से सैकड़ों की संख्या में लोग बड़े धूम धड़ाके के साथ मीरा के घर भात भरने पहुंच गए। जांडवाला बागड़ और आसपास के गांवों में ऐसा भात कभी नहीं भरा गया, जिसमें श्रीकृष्ण के रूप में पूरा गांव ही उमड़ पड़ा।

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पीहर के लोगों को देखकर न केवल मीरा भावुक थी, बल्कि वहां मौजूद हर किसी की आंखें भाव विभोर हो गईं। भाती ढोल की थाप पर जमकर थिरके। भातियों को टीका कर गृह प्रवेश कराने में ही करीब 5 घंटे लग गए। गाड़ियों का काफिला देखकर ग्रामीण भी स्तब्ध रह गए।

भात भरने पहुंचे लोगों ने कहा कि यह केवल अपने गांव की बेटी का भात नहीं है, बल्कि महाराज श्री 1008 निकूदास के शिष्य संत लाल महाराज की बहन का भात है। इसलिए उनके सभी भक्त आज यहां यह मायरा भरने आए हैं। जिससे जो सहयोग बन पाया, उसने उतनी भात दिया। इस भात को लोगों की संख्या या राशि में नहीं नापा जा सकता, यह अमूल्य और अप्रत्याशित है। लोगों ने कहा कि नरसी भगत की कहानी सिर्फ सुनी थी, लेकिन अब सच होती सभी ने देखी है।

बुधवार रात मीरा की दोनों बेटियों का विवाह धूमधाम से हुआ। एक बेटी का विवाह फतेहाबाद के ही बनगांव तो दूसरी बेटी का विवाह राजस्थान के राजगढ़ के पास बिरमा पट्टा में किया गया है। भात में मायका पक्ष की तरफ से गांव ने 5 लाख 84 हजार रुपए नकद, कुछ सोने-चांदी के गहने, कपड़े, 10 बिस्तर, 11 कंबल व अन्य सामान भेंट किया। इसके अलावा हजारों रुपए की टीका के दौरान टीकावणी बान अलग से आई। ग्रामीणों ने भात में करीब 10 लाख रुपए का खर्च किया। The entire village paid Rs 10 lakh for girl marrige

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