Kanguva: अभिनेता बोस वेंकट के बयान पर हंगामा, सूर्या को राजनीति में आने का किया आग्रह, विजय पर लिया तंज
दक्षिण सिनेमा के सुपरस्टार सूर्या इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म ‘Kanguva‘ के लिए चर्चा में हैं। 26 अक्टूबर को ‘कंगुवा’ के ऑडियो लॉन्च के दौरान अभिनेता-निर्देशक बोस वेंकट के एक विवादास्पद बयान ने हंगामा खड़ा कर दिया। वेंकट ने सूर्या से राजनीति में आने का आग्रह करते हुए दक्षिण सुपरस्टार विजय पर तंज कसा।
वेंकट का विवादास्पद बयान
इस कार्यक्रम के दौरान अपने भाषण में, वेंकट ने कहा, “एक सुपरस्टार को अपने प्रशंसकों का नेतृत्व करना चाहिए, जैसे सूर्या अपने प्रिय प्रशंसकों का नेतृत्व करते हैं।” यह टिप्पणी पहले तो सूर्या और उनके प्रशंसकों के बीच संबंध पर हल्का सा विचार प्रतीत हो रही थी, लेकिन जल्दी ही इसका मोड़ दिलचस्प हो गया।
वेंकट ने कहा, “अपने प्रशंसकों को righteousness की ओर मार्गदर्शन करें। उन्हें परोपकारी बनने के लिए प्रोत्साहित करें, दूसरों का सम्मान करें, पूर्ण जीवन जिएं और उन्हें शिक्षा और ज्ञान दें ताकि वे सही और गलत में अंतर कर सकें। तभी किसी को राजनीति में आने पर विचार करना चाहिए।”
विजय पर तंज
बोस वेंकट का यह बयान अभिनेता-राजनीतिक नेता विजय की पार्टी तामिझा वेट्री काझगम के पहले बड़े रैली से एक दिन पहले आया। वेंकट ने अपने बयान में विजय का नाम लेते हुए कहा, “नेता किसी भी पृष्ठभूमि से उभर सकते हैं। लेकिन नेताओं का जन्म अपने प्रशंसकों को मूर्ख बनाकर नहीं होता। उन्हें शिक्षित करें और अध्ययन के लिए प्रोत्साहित करें। सूर्या सर, आपको राजनीति में आने पर विचार करना चाहिए।”
प्रशंसकों की प्रतिक्रिया
वेंकट के इस बयान पर कुछ प्रशंसक नाखुश नजर आए, खासकर जब विजय की पार्टी की पहली बैठक निकट है। वेंकट ने अपने बयान को स्पष्ट करते हुए कहा कि नेताओं का उदय विभिन्न पृष्ठभूमियों से हो सकता है, लेकिन उनका ध्यान प्रशंसकों को शिक्षा और दिशा देने पर होना चाहिए।
फिल्म का रिलीज़ होने वाला दिन
‘कंगुवा’ फिल्म का निर्देशन सिवा ने किया है और इसे स्टूडियो ग्रीन और यूवी क्रिएशन्स द्वारा प्रोड्यूस किया गया है। इस फिल्म में बॉबी देओल और दिशा पटानी भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं। तकनीकी टीम में सिनेमाटोग्राफर वेत्री पलानीसामी, संपादक निशाद जोसेफ और संगीतकार देवी श्री प्रसाद शामिल हैं। यह फिल्म 14 नवंबर को रिलीज़ होने वाली है, जिससे इसके प्रमोशन में और तेजी आई है।
बोस वेंकट का बयान राजनीति और फिल्म उद्योग के बीच की जटिलताओं को उजागर करता है। जहां एक ओर अभिनेता समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशंसक और फिल्म जगत के अन्य लोग इस प्रकार की टिप्पणियों पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। सूर्या का राजनीति में आना, यदि संभव हो, तो यह निश्चित रूप से दक्षिण सिनेमा और राजनीति के बीच एक नया मोड़ लाएगा। ‘कंगुवा’ की रिलीज़ से पहले, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का असर फिल्म की सफलता पर कैसे पड़ता है।