Kedarnath Highway landslide: केदारनाथ हाईवे पर भूस्खलन, कई यात्रियों के फंसे होने की आशंका; तेजी से चल रहा है राहत और बचाव कार्य”
Kedarnath Highway landslide: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के सोनप्रयाग-मुंकतिया के बीच स्थित केदारनाथ हाईवे पर एक भीषण भूस्खलन हुआ है। इस हादसे में एक यात्री की मौत हो गई है और दो अन्य घायल हो गए हैं। हालांकि, इस दुर्घटना में और भी कई यात्रियों के मलबे में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है, जिसके लिए बचाव अभियान तेज़ी से चलाया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
तेजी से चल रहा है बचाव अभियान
घटना की जानकारी मिलते ही एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेक्टर मजिस्ट्रेट सोनप्रयाग को तुरंत बचाव के लिए रवाना किया गया। इस दौरान बचाव दल ने घटनास्थल पर पहुँच कर तेजी से अभियान चलाया, जिसमें एक मृतक और दो घायल व्यक्तियों को बाहर निकाला गया। घायलों को तुरंत इलाज के लिए एंबुलेंस द्वारा सोनप्रयाग भेजा गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने व्यक्त किया शोक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोनप्रयाग-मुंकतिया के बीच मलबे गिरने से हुई इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “सोनप्रयाग-मुंकतिया (रुद्रप्रयाग) के बीच मलबे के कारण कुछ यात्रियों के दबने की दुखद सूचना मिली है। मैं खुद संबंधित अधिकारियों के संपर्क में हूं और बचाव अभियान की निगरानी कर रहा हूं। मैं बाबा केदार से यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं।” मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवार के साथ हैं। बचाव अभियान अभी भी जारी है और सरकार द्वारा सभी संभव सहायता प्रदान की जा रही है।
घटनास्थल का वीडियो आया सामने
उत्तराखंड के केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच मुंकतिया के पास भूस्खलन के बाद सैनिकों की टीम द्वारा बचाव कार्य किया जा रहा है। घटनास्थल का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि भूस्खलन के बाद कैसे मलबे में दबे यात्रियों को निकालने के लिए बचाव दल अपने काम में जुटा हुआ है। वीडियो में मलबे का आकार और बचाव कार्य की गंभीरता स्पष्ट रूप से दिख रही है।
भूस्खलन की घटनाओं में वृद्धि
गौरतलब है कि मानसून के मौसम में उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाओं में बढ़ोतरी देखने को मिलती है। केदारनाथ यात्रा मार्ग, जोकि एक महत्वपूर्ण धार्मिक यात्रा मार्ग है, अक्सर भूस्खलन की चपेट में आता है। इस बार भी भारी बारिश के चलते मिट्टी का कटाव और पत्थरों का गिरना आम बात हो गई है, जिससे यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन की तैयारी और चुनौतियाँ
हालांकि प्रशासन और बचाव दल हमेशा मुस्तैद रहते हैं, लेकिन ऐसे हादसे होने पर उन पर भारी दबाव पड़ता है। इस बार भी प्रशासन ने समय पर कार्रवाई की है और यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। लेकिन चुनौती यह है कि भूस्खलन के कारण मार्ग अवरुद्ध हो जाता है, जिससे बचाव कार्य में बाधा आती है। कई बार राहत सामग्री और उपकरणों को घटनास्थल तक पहुंचाने में भी दिक्कत होती है।
संभावित यात्रियों की सुरक्षा के उपाय
उत्तराखंड में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं, लेकिन यात्रियों को भी सतर्क रहना जरूरी है। विशेषकर मानसून के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा करने से पहले मौसम की जानकारी लेना और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करना जरूरी है। यात्रा मार्ग पर होने वाली किसी भी आपदा की सूचना तुरंत प्रशासन को देना चाहिए ताकि समय पर कार्रवाई हो सके।
यात्रियों को प्रशासन की अपील
प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे मौसम के बारे में जानकारी लेकर ही यात्रा करें और यात्रा मार्ग पर सतर्कता बरतें। अगर किसी जगह पर भूस्खलन या किसी अन्य प्राकृतिक आपदा की संभावना हो, तो वहां जाने से बचें। प्रशासन ने यह भी कहा है कि अगर कोई यात्री किसी परेशानी में है, तो तुरंत स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करें।
निष्कर्ष
केदारनाथ हाईवे पर हुए इस भूस्खलन ने एक बार फिर यह साबित किया है कि पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा करते समय सतर्कता और सुरक्षा के उपाय कितने महत्वपूर्ण होते हैं। प्रशासन और बचाव दल अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि मलबे में फंसे सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा सके। इस घटना ने सरकार और यात्रियों दोनों के लिए एक सीख दी है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।