नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को अपने इस्तीफा देने की घोषणा कर दिल्ली समेत पूरे देश को चौका दिया। एक फर्जी केस में पांच महीने बाद जेल से बाहर आने के बाद पार्टी मुख्यालय पर ‘‘आप’’ कार्यकर्ताओं और जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगले दो दिन बाद मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं और जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देगी कि मैं ईमानदार हूं, तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। इस दौरान केजरीवाल ने एक और बड़ा एलान किया कि मेरे साथ मनीष सिसोदिया ने भी फैसला लिया है कि वह भी डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री का पद तभी संभालेंगे, जब जनता चुनाव में जीता कर ईमानदारी का सर्टिफिकेट दे देगी। जल्द ही विधायक दल बैठक में दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने केंद्र सरकार से नवंबर में ही महाराष्ट्र के साथ दिल्ली विधानसभा का भी चुनाव कराने की मांग की है। इस दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, संजय सिंह, डॉ. संदीप पाठक, राघव चड्ढा, गोपाल राय, आतिशी, सौरभ भारद्वाज समेत अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
अगर मुझे पैसे ही कामने थे तो इनकम टैक्स कमिश्नर की नौकरी बुरी नहीं थी- केजरीवा
रविवार को पार्टी मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इनकम टैक्स विभाग में कमिश्नर की नौकरी करता था। वर्ष 2000 में नौकरी छोड़ दी और 2010 तक मैंने दिल्ली की झुग्गियों में बिताएं हैं। कुछ दिनों तक नंद नगरी, सुंदर नगरी की झुग्गियों में जाकर रहा भी हूं। मैंने गली-गली में खाक छानी है कि गरीब आदमी रहता कैसे है, उसके घर का गुजारा कैसे चलता है? अगर पैसे ही कामने थे, तो इनकम टैक्स कमिश्नर की नौकरी बुरी नहीं थी। जब मैंने नौकरी छोड़ी थी, तब कोई पार्टी नहीं थी और ना तो मुख्यमंत्री बनने चला था। मेरा कोई भविष्य नहीं था, केवल मेरे अंदर देश के लिए जूनून था कि देश के लिए कुछ करना है। मैंने अपने वसूलों के लिए मात्र 49 दिन के अंदर इस्तीफा दिया था। मुझसे किसी ने इस्तीफा मांगा नहीं था। आज के जमाने में कोई अपनी चपरासी की नौकरी नहीं छोड़ता है, मैंने अपने आप मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ी थी। मुझे न पद का लालच है और न दौलत का लालच है। मुझे केवल देश के लिए कुछ करने का जूनून है।
अब जनता तय करे, क्या केजरीवाल ईमानदार है या गुनाहगार है- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इन्होंने मेरे और मनीष सिसोदिया पर आरोप लगाए हैं। इस देश का सबसे कठोर पीएमएलए के तहत हमारे उपर तरह-तरह के आरोप लगाए। इसमें जमानत नहीं मिल पाती है। इसके बाद भी हमें कोर्ट से जमानत मिल गई। कोर्ट ने हमारे पक्ष में जितना कर दिया, इससे ज्यादा वह कुछ और नहीं कर सकता था। हम कोर्ट के बहुत शुक्र गुजार हैं। वकीलों ने बताया कि यह केस कम से कम 10 साल चलेगा। आज मैं जनता की अदालत में आया हूं। जनता से पूछने आया हूं कि आप केजरीवाल को ईमानदार मानते हैं या गुनाहगार मानते हैं। मैं दिल्ली और देश की जनता से पूछना चाहता हूं कि क्या केजरीवाल ईमानदार है या गुनाहगार है। अरविंद केजरीवाल ने बड़ा एलान करते हुए कहा कि आज से दो दिन बाद मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं और मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, जब तक जनता अपना फैसला न सुना दे। मैं गली-गली, घर-घर जनता के बीच जाउंगा। जब तक जनता अपना फैसला न सुना दे कि केजरीवाल ईमानदार है, तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा।
जब जनता कहेगी कि मैं ईमानदार हूं, तभी सीएम की कुर्सी पर बैठूंगा- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज से कुछ महीने बाद दिल्ली विधानसभा का चुना है। मैं दिल्ली की जनता से अपील करना चाहता हूं कि अगर केजरीवाल ईमानदार है तो मेरे पक्ष में वोट दे देना। अगर आपको लगता है कि केजरीवाल गुनाहगार है तो मुझे वोट मत देना। दिल्ली की जनता का एक-एक वोट मेरी ईमानदारी का सर्टिफिकेट होगा। अगर आप मुझे वोट देकर जीताते हैं और कहते हैं कि केजरीवाल ईमानदार है तो चुनाव के बाद मैं सीएम की कुर्सी पर बैठूंगा। तब तक मैं सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा।
भगवान राम के वापस लौटने पर सीता मैया को अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी, आज मैं जेल से आने के बाद अग्नि परीक्षा देने को तैयार हूं- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आपको लग रहा होगा कि अभी तो मैं जेल से रिहा होकर आया हूं, फिर ऐसा क्यों बोल रहा हूं, इस्तीफा क्यों दे रहा हूं? इन्होंने मेरे उपर आरोप लगाया है कि केजरीवाल चोर है, भ्रष्टाचारी है, भारत माता के साथ धोखा किया है। मैं राजनीति में यह करने के लिए नहीं आया था। सत्ता से पैसा और पैसे से सत्ता का खेल खेलने के लिए राजनीति में नहीं आया था। मैं देश के लिए कुछ करने के लिए आया था। जब 14 साल बाद भगवान राम वापस लौटे तो सीता मैया को अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी। आज मैं जेल से आया हूं और अपनी अग्नि परीक्षा देने के लिए तैयार हूं।
हमारे लिए शर्तें मायने नहीं रखती, लेकिन मेरी ईमानदारी मायने रखती है- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कुछ लोग बोल रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने जमानत की कुछ शर्ते लगाई हैं कि काम नहीं कर पाएंगे। पिछले 10 साल में इन लोगों ने शर्तें लगाने में क्या कोई कसर छोड़ी थी? एलजी साहब ने शर्ते लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। केंद्र सरकार कानून पर कानून लाकर मेरी पावर छीन ली, लेकिन मैंने दिल्ली के काम नहीं बंद होने दिए। ये शर्तें हमारे लिए कोई अड़चन नहीं हैं। हम इन शर्तों को भी देख लेंगे। लेकिन मैंने जिंदगी में जो ईमानदारी कमाई है, वह मायने रखता है। अगर दिल्ली की जनता को लगता है कि केजरीवाल ईमानदार है तो मेरे पक्ष में जमकर वोट दे देना और चुनाव के बाद जाकर सीएम की कुर्सी पर बैठूंगा।
मेरा और मनीष सिसोदिया का फैसला अब दिल्ली की जनता के हाथ में है- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि फरवरी में चुनाव हैं। आज इस मंच मांग करता हूं कि दिल्ली का चुनाव महाराष्ट्र के साथ नवंबर में कराए जाएं। जब तक चुनाव नहीं होता है, तब तक के लिए मेरी पार्टी से कोई और मुख्यमंत्री बनेगा। अगले दो-तीन दिन के अंदर विधायक दल की बैठक होगी और उसमें नए मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो पीड़ा मेरे मन में है, वही मनीष सिसोदिया के मन में भी है। इनके लिए भी वही सब कहा गया, जो मेरे लिए कहा गया है। मनीष सिसोदिया का भी कहना है कि वो दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री का पद तभी संभालेंगे, जब दिल्ली की जनता कहेगी कि मनीष सिसोदिया ईमानदार हैं। मेरा और मनीष सिसोदिया का फैसला दिल्ली की जनता के हाथ में है। हम दोनों जनता की अदालत में जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2020 में मैंने कहा था कि अगर मैंने काम किया है तो मुझे वोट देना और अगर मैंने काम नहीं किया है तो वोट मत देना। आज मैं जनता से कहना चाहता हूं कि अगर मैं ईमानदार हूं तो मुझे वोट देना, अगर बेइमान हूं तो वोट मत देना।
अंग्रेजों ने भी जेल से लिखी भगत सिंह की सारी चिट्ठियां उनके साथियों तक पहुंचाई, लेकिन मेरी एक चिट्ठी एलजी साहब तक नहीं पहुंच पाई- केजरीवाल
इससे पहले, अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जेल में सोचने और पढ़ने का काफी वक्त मिला। मैंने कई राजनीतिक, स्वतंत्रता आंदोलन, गीता, रामायण और महाभारत की किताबें पढ़ीं। भगत सिंह की जेल डायरी को कई बार पढ़ा। 90-95 साल पहले जेल में भगत सिंह ने लेख लिखे थे और जेल से बाहर कई क्रांतिकारी साथियों और युवाओं को खत लिखे थे और अंग्रेजों ने उन तक पहुंचाया। भगत सिंह ने युवाओं को पत्र लिखे थे, उसे एक सम्मेलन में पढ़कर सुनाया गया। भगत सिंह की शहादत के 95 साल बाद एक क्रांतिकारी मुख्यमंत्री जेल गया। मैंने 15 अगस्त पर जेल से एक ही पत्र एलजी साहब को लिखा। देश का स्वाधीनता दिवस था। देश की आजादी के दिवस पर दिल्ली का मुख्यमंत्री दिल्ली सरकार की तरफ से झंडा फहराता है। मैंने 15 अगस्त से तीन दिन पहले एलजी साहब को पत्र लिखकर कहा कि मैं चूंकि जेल में हूं, तो मेरी जगह आतिशी को झंडा फहराने की इजाजत दी जाए। वह मेरी चिट्ठी एलजी साहब तक नहीं पहुंचाई गई। मुझे चिट्ठी वापस कर दी गई और चेतावनी जारी की गई कि अगर आपने दूसरी बार एलजी साहब को चिट्ठी लिखने की हिम्मत की तो आपकी फैमिली मुलाकात बंद कर दी जाएगी। अंग्रेजों ने भी नहीं सोचा था कि आजाद भारत के 95 साल के बाद अंग्रेजों से भी ज्यादा क्रूर और अत्याचारी शासक देश के उपर आएगा।
अंग्रेज भी स्वतंत्रता सेनानियों को एक जेल में रखते थे, लेकिन मुझे और मनीष सिसोदिया को अलग-अलग जेल में रखा गया- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बटुकेश्वर दत्त और भगत सिंह ने असेंबली में बम फेका था। दोनों को एक ही जेल में अगल-बगल की कोठरी में रखा गया। 17 जुलाई 1930 को भगत सिंह ने बटुकेश्वर दत्त की बहन प्रमिला को पत्र लिखा कि कल रात बटुकेश्वर को किसी दूसरी जेल में भेज दिया गया है। उनकी जुदाई मेरे लिए असहनीय हो रही है। आज पहला दिन है। मेरे लिए एक मित्र से जुदा होना हर एक मिनट बोझ बन गया है। 95 साल बाद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया एक ही केस में जेल जाते हैं। हमें अलग-अलग जेल में रखा जाता है और मिलने की इजाजत नहीं दी जाती है। आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, बाबा साहब अंबेडरकर, चंद्रशेखर आजाद, असफाक उल्ला समेत अनगिनत स्वतंत्रता सेनानी जेल गए और कई सालों तक जेल में रहे। उनके साथी जेल में मिलने जाया करते थे। उनके घर के लोग और रिश्तेदार मिलने जाते थे। जब वो मिलने जाते थे, तो उनसे राजनीतिक बातें करते थे कि कैसे अंग्रेजों को उखाड़कर फेंकना है। एक दिन डॉ. संदीप पाठक जेल में मुझसे मिलने के लिए आए। मैंने देश के राजनीतिक हालात और पार्टी के बारे में पूछा। इसके बाद संदीप पाठक को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया और मुझसे मिलने नहीं दिया गया। फांसी पर चढ़ने वाले भगत सिंह ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन ऐसा भारत होगा, आज से 95 साल बाद भारत में एक क्रूर और अत्याचारी सरकार आएगी कि वो अंग्रेजों को भी पीछे छोड़ देगी।
जनता के आशीर्वाद से भाजपा के सारे षड्यंत्रों का मुकाबला करने की ताकत रखते हैं- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इनको भी पता है कि केजरीवाल ने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है। लेकिन इन्होंने मुझे जेल क्यो भेजा? मुझे जेल भेजने के पीछे इनका मकसद आम आदमी पार्टी और केजरीवाल के हौसले को तोड़ना था। इन्होंने फार्मूला बना रखा है। पूरा देश देख रहा है कि कैसे विधायकों को तोड़ रहे हैं, खरीद रहे हैं। ईडी-सीबीआई भेज कर डरा रहे हैं। फर्जी केस कर जेल में डाल दो। सरकारें गिरा कर अपनी सरकार बना लो। इन्होंने महाराष्ट्र में दो-दो राष्ट्रीय पार्टियों को तोड़ दिया। इनको लग रहा था कि केजरीवाल को जेल भेज देंगे तो दिल्ली में ‘‘आप’’ टूट जाएगी और भाजपा की सरकार बना लेंगे। इसी तरह पंजाब में भी ‘‘आप’’ के विधायकों को तोड़कर अपनी सरकार बनाना चाहते थे। लेकिन हमारी पार्टी नहीं टूटी, हमारे विधायक तो छोड़ो, एक कार्यकर्ता भी नहीं टूटा। जनता के आशीर्वाद से इनकी बड़ी-बडी साजिशों का सामना करने की ताकत आम आदमी पार्टी में है। जितने दिनों तक जेल में रहा, उसने मेरे हौसले को 100 गुना बढ़ा दिया है।
जेल से सरकार चल सकती है, यह हमने साबित कर दिया- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये लोग पूछते हैं कि जेल जाने के बाद केजरीवाल ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया? मैंने इस्तीफा इसलिए नहीं दिया, क्योंकि मैं देश के जनतंत्र को बचाना चाहता था। इन्होंने एमएलए खरीदने, पार्टियां तोड़ने, डराने के अलावा इन्होंने एक और फार्मूला बनाया है कि जहां भी यह लोग चुनाव हारे, वहां के मुख्यमंत्रियों पर फर्जी केस कर उसे गिरफ्तार कर लो और सरकार गिरा दो। इन्होंने अभी सीता रमैया पर केस किया है, पीनरई विजयन, ममता बनर्जी पर भी केस कर रखा है। ये लोग विपक्ष के एक भी नेता को नहीं छोड़ते हैं। एक-एक को पकड़-पकड़ कर जेल में डाल कर उनकी सरकार गिरा देते हैं। अभी 10 दिन पहले सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने केंद्र सरकार से पूछा कि जेल के अंदर से सरकार क्यों नहीं चल सकती? जेल से सरकार चल सकती है, यह मैंने साबित कर दिया।
गैर भाजपा मुख्यमंत्रियों से अपील, अगर ये फर्जी केस में जेल भेजें तो इस्तीफा मत देना- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब मैं देश के सभी गैर भाजपा मुख्यमंत्रियों से हाथ जोड़कर विनती करना चाहता हूं कि अब अगर प्रधानमंत्री आपके उपर फर्जी केस कर आपको जेल में डालें तो इस्तीफा मत देना। जेल से सरकार चलाना। ऐसा नहीं है कि हम पद के लालची हैं। मुख्यमंत्री का पद हमारे लिए महत्वपूर्ण नहीं है। इस्तीफा इसलिए नहीं देना, क्योकि हमारे लिए हमारा संविधान, देश और जनतंत्र जरूरी है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में इतनी भारी बहुमत से जीती हुई सरकार है। एक बार ‘‘आप’’ की 70 में 67 सीटें आई और एक बार 70 में से 62 सीटें आई। इसके बावजूद आप पकड़ कर जेल में डाल दोगो और कहेंगे कि इस्तीफा दो। इनका यह नया फार्मूला भी आम आदमी पार्टी ने विफल कर दिया। आज इनकी हर साजिश से सामने करने की ताकत आम आदमी पार्टी में हैं। क्योंकि हम ईमानदार हैं।
तमाम मुफ्त सुविधाएं देने के बाद भी दिल्ली सरकार मुनाफे में है, जबकि बाकी राज्य घाटे में हैं- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी सरकार बनने से पहले दिल्ली में सरकारी स्कूलों की हालत बहुत खराब थी। गरीबों के बच्चों का कोई भविष्य नहीं था। दिल्ली के टूटे-फूटे टीन के स्कूलों में 16 लाख बच्चे पढ़ते थे। स्कूलों पढ़ाई नहीं होती थी। पिछले 10 में हमने शानदार सरकारी स्कूल बनाकर 18 लाख बच्चों को अच्छा भविष्य दिया है। हम यह इसलिए कर पाए, क्योंकि हम ईमानदार हैं। अगर किसी के घर में कोई बीमार हो जाए और प्राइवेट अस्पताल में लेकर जाओ तो लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं। हमने दिल्ली के हर सरकारी स्कूलों को शानदार बनाया और नए सरकारी अस्पताल, गली-गली में मोहल्ला क्लीनिक खोला और हर तबके का पूरा इलाज मुफ्त कर दिया। दिल्ली में महिलाओं का बस में सफर करने का टिकट नहीं लगता है। बाकी राज्य सरकारें घाटे में चल रही है। एकमात्र दिल्ली सरकार सारी सुविधाएं देने के बाद भी फायदे में चल रही है। आज दिल्ली में 24 घंटे और फ्री बिजली मिल रही है। पूरी दिल्ली में स्ट्रीट लाइट लग रही है, बुजुर्गों को तीर्थयात्रा कराई जा रही है। पिछले 75 सालों में कच्ची कालोनियो में उतनी सड़कें और गलियां नहीं बनी, जितनी पिछले 10 सालों में बनी हैं। 75 साल में इतनी पानी की पाइप लाइन नहीं पड़ी, जितनी पिछले 10 सालों में डाली गई। हम ये सब इसलिए कर पाए, क्योंकि हम ईमानदार हैं।
मैंने अपने जीवन में इज्जत और ईमानदारी के अलावा कुछ नहीं कमाया- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह लोग हमारी ईमानदारी से डरते हैं। ये लोग बेइमान हैं, इसलिए बिजली फ्री नहीं कर सकते। कई राज्यों में इनकी 15-30 साल से सरकारें चल रही हैं, लेकिन ये स्कूल-अस्पताल ठीक नहीं कर पाए। ये अच्छा इलाज नहीं दे सके। क्योंकि ये लोग बेइमान हैं। इन्होंने ईडी-सीबीआई, दिल्ली पुलिस हमारे उपर छोड़कर ढेरों केस कर दिया। इसके बाद भी हम डट कर इनके सामने खड़े हैं और मुलाबला कर रहे हैं, क्योंकि हम ईमानदार हैं। इसलिए ये लोग मुझे बेइमान साबित करना चाहते हैं। मेरे उपर कीचड़ फेंक रहे हैं, लांछन लगा रहे हैं, सुबह-शाम मुझे गालियां देते हैं, लेकिन मेरे लिए भाजपा महत्वपूर्ण हैं, बल्कि मेरे लिए देश की जनता महत्वपूर्ण है। अगर दिल्ली की जनता को लगता है कि केजरीवाल बेइमान है तो मैं एक मिनट के लिए भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। मैंने अपने जीवन में कुछ नहीं कमाया, मेरा और मेरी पार्टी का बैंक अकाउंट खाली है। मैंने जीवन में इज्जत और ईमानदारी के अलावा कुछ नहीं कमाया