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Kolkata Rape Case: RG कर मामले में CBI ने चार्जशीट दाखिल की, 200 लोगों के बयान दर्ज

Kolkata Rape Case: कोलकाता के RG कर अस्पताल में एक जूनियर महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में संजय रॉय को मुख्य आरोपी बनाया गया है। CBI के सूत्रों के अनुसार, मामले में चार्जशीट में लगभग 200 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। इस मामले ने पश्चिम बंगाल में सियासी हंगामा मचा दिया है, जहां जूनियर डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर अनशन करने का फैसला लिया।

मामले की पृष्ठभूमि

यह मामला उस समय सुर्खियों में आया जब 5 अक्टूबर को जूनियर डॉक्टरों ने अनशन पर बैठने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं कर रही है। डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अनशन जारी रखेंगे।

अनशन की वजह

जूनियर डॉक्टरों ने धर्मतल्ला के डोरिना क्रॉसिंग पर धरना दिया और सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया। डॉक्टरों ने कहा कि सरकार ने उनके साथ जो वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया गया है। एक जूनियर डॉक्टर ने बताया कि “सरकार ने हमें जो आश्वासन दिया था, वह पूरा नहीं हुआ। इसलिए हमने अनशन का रास्ता अपनाया।”

आरोप और सरकार की प्रतिक्रिया

इस मामले में संजय रॉय को मुख्य आरोपी के तौर पर गिरफ्तार किया गया है। इस पर ममता बनर्जी की सरकार को विपक्षी दलों के हमलों का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने ममता बनर्जी की सरकार पर आरोप लगाया है कि वह इस मामले को हल्का बनाने की कोशिश कर रही है और सबूतों को छिपाने का प्रयास कर रही है।

Kolkata Rape Case: RG कर मामले में CBI ने चार्जशीट दाखिल की, 200 लोगों के बयान दर्ज

जूनियर डॉक्टरों के विरोध के कारण कई डॉक्टरों ने अपनी ड्यूटी पर जाना बंद कर दिया था। लेकिन स्थिति को देखते हुए अब डॉक्टर फिर से ड्यूटी पर लौटने लगे हैं।

CBI की जांच और चार्जशीट

CBI ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई की है और चार्जशीट में 200 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। यह चार्जशीट बलात्कार और हत्या के मामले में सबूतों के साथ प्रस्तुत की गई है। CBI के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है और हर पहलू पर ध्यान दिया जा रहा है।

डॉक्टरों का आक्रोश

जूनियर डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता से ध्यान नहीं दे रही है। उनके अनशन के दौरान, उन्होंने यह भी कहा कि वे सरकार से उचित सुरक्षा और उनके काम करने के लिए बेहतर माहौल की मांग कर रहे हैं।

एक डॉक्टर ने कहा, “हम अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं। हमें एक सुरक्षित वातावरण चाहिए ताकि हम अपने काम को सही ढंग से कर सकें।”

सरकारी नीतियों पर सवाल

इस मामले ने पश्चिम बंगाल की सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। कई डॉक्टरों का कहना है कि सरकार को स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

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