ताजा समाचार

Kolkata rape-murder case: ‘कोलकाता रेप-मर्डर पीड़िता के परिवार का पुलिस पर गंभीर आरोप, परिवार और नागरिकों की न्याय की मांग”

Kolkata rape-murder case: कोलकाता के RG कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के मामले में विरोध प्रदर्शन लगातार जारी हैं। इस घटना के बाद से कोलकाता पुलिस पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। बुधवार को पीड़िता के परिवार ने दावा किया कि कोलकाता पुलिस ने न सिर्फ इस मामले को दबाने की कोशिश की, बल्कि पीड़िता के परिवार को रिश्वत देकर मामले को रफा-दफा करने की भी कोशिश की गई। परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने जल्दबाजी में शव का अंतिम संस्कार कर दिया और मामले की गंभीरता को छिपाने के लिए तमाम कोशिशें कीं।

Kolkata rape-murder case: 'कोलकाता रेप-मर्डर पीड़िता के परिवार का पुलिस पर गंभीर आरोप, परिवार और नागरिकों की न्याय की मांग"

पुलिस ने मामला दबाने की कोशिश की – परिवार

PTI के अनुसार, पीड़िता के परिवार ने दावा किया कि कोलकाता पुलिस ने इस मामले को शुरुआत से ही दबाने का प्रयास किया। परिवार का कहना है कि उन्हें अपनी बेटी का शव देखने नहीं दिया गया और पोस्टमॉर्टम के समय उन्हें पुलिस स्टेशन में इंतजार करने के लिए कहा गया। जब शव परिवार को सौंपा गया, तो एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उन्हें पैसे की पेशकश की, जिसे परिवार ने तुरंत ठुकरा दिया। इस तरह के आरोपों ने इस मामले को और भी संवेदनशील बना दिया है और पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

विरोध का हिस्सा बने परिवार के सदस्य

बुधवार की रात को पीड़िता के माता-पिता ने RG कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। उन्होंने अपनी बेटी के लिए न्याय की मांग की और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की अपील की। इससे पहले, मंगलवार को कोलकाता के जूनियर डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शहर के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल को एक हाथ से बना हुआ कृत्रिम रीढ़ की हड्डी भेंट किया। इस प्रतीकात्मक प्रदर्शन के जरिए उन्होंने पुलिस पर मामले में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया और पुलिस आयुक्त के इस्तीफे की मांग की। डॉक्टरों ने इस प्रदर्शन के माध्यम से पुलिस को ‘रीढ़ की हड्डी विकसित करने’ का संदेश दिया, ताकि वे अपने कर्तव्यों का सही तरीके से पालन कर सकें।

Manish Sisodia का PM मोदी से तीखा सवाल—आखिर क्यों हुआ पाकिस्तान से अचानक संघर्षविराम?
Manish Sisodia का PM मोदी से तीखा सवाल—आखिर क्यों हुआ पाकिस्तान से अचानक संघर्षविराम?

कोलकाता में नागरिकों का व्यापक विरोध प्रदर्शन

इस घटना से नाराज नागरिकों ने भी बुधवार को अपने तरीके से विरोध दर्ज कराया। कोलकाता के निवासियों ने इस जघन्य अपराध के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए शाम को अपने घरों की लाइट्स बंद कर दीं। इस विरोध प्रदर्शन के तहत, नागरिकों ने 9 बजे से 10 बजे तक एक घंटे के लिए अपने घरों की लाइट्स बंद रखीं और मोमबत्ती मार्च निकालकर अपनी नाराजगी जाहिर की। जैसे ही घड़ी ने 9 बजे का समय दिखाया, विक्टोरिया मेमोरियल, राजभवन समेत शहर और उपनगरों के तमाम घरों में अंधेरा छा गया। इस प्रदर्शन ने साफ कर दिया कि शहर के लोग इस अपराध के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहते हैं।

घटना पर प्रशासन की प्रतिक्रिया और परिवार की मांग

इस घटना के बाद कोलकाता पुलिस पर कई सवाल उठ रहे हैं। पुलिस पर आरोप है कि उन्होंने मामले की गंभीरता को छिपाने की कोशिश की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में देरी की। पीड़िता के परिवार ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस पूरे मामले में न्याय की प्रक्रिया को धीमा किया जा रहा है। उनका कहना है कि पुलिस ने पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती और परिवार को इस दुखद स्थिति में भी अकेला छोड़ दिया।

जूनियर डॉक्टरों की मांग

मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर इस घटना के बाद से ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर पुलिस और प्रशासन समय पर कदम उठाते, तो शायद पीड़िता की जान बचाई जा सकती थी। डॉक्टरों ने पुलिस पर इस मामले को हल्के में लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं में पुलिस को अधिक जिम्मेदारी से काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए।

नागरिकों की भूमिका और सिविल सोसाइटी का समर्थन

इस जघन्य अपराध के खिलाफ कोलकाता के नागरिकों ने जिस तरह से एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया, वह अपने आप में एक महत्वपूर्ण कदम है। सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर जनता ने आक्रोश जाहिर किया और न्याय की मांग की। कई सामाजिक संगठनों ने भी इस मामले में पीड़िता के परिवार का साथ दिया है और प्रशासन से अपील की है कि वह इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।

IPL 2025 new schedule: नए शेड्यूल ने बदला खेल का नक्शा! फाइनल की तारीख ने बढ़ाई धड़कनें
IPL 2025 new schedule: नए शेड्यूल ने बदला खेल का नक्शा! फाइनल की तारीख ने बढ़ाई धड़कनें

पीड़िता के परिवार की न्याय की मांग

पीड़िता के माता-पिता ने इस दुखद घटना के बाद एक बयान जारी कर कहा कि उन्हें अपनी बेटी के लिए न्याय चाहिए। उन्होंने कहा कि उनका परिवार तब तक चैन से नहीं बैठेगा, जब तक दोषियों को सजा नहीं मिल जाती। साथ ही उन्होंने प्रशासन से अपील की कि वह इस मामले को गंभीरता से ले और न्यायिक प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी न हो।

पुलिस की जवाबदेही और प्रशासन की चुनौतियाँ

यह घटना न केवल कोलकाता पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे कानून व्यवस्था के मामलों में पुलिस की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। जनता की सुरक्षा और न्याय प्रणाली में विश्वास बनाए रखना पुलिस और प्रशासन दोनों की प्राथमिकता होनी चाहिए। इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर समय पर सही कदम न उठाए जाएं, तो जनता का भरोसा कमजोर हो सकता है।

Back to top button