Lawrence Bishnoi interview: पंजाब सरकार ने चार पुलिस अधिकारियों को जारी किया शो-कॉज नोटिस, हाई कोर्ट में सुनवाई
Lawrence Bishnoi interview: पंजाब सरकार ने जेल में रहकर लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू मामले में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। इस संबंध में पंजाब सरकार ने तत्कालीन SSP, SP, DSP और तत्कालीन CIA प्रभारी को शो-कॉज नोटिस जारी किया है। यह जानकारी मंगलवार को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान दी गई।
मामले का पृष्ठभूमि
लॉरेंस बिश्नोई एक notorious गैंगस्टर है, जिसका नाम कई हाई-प्रोफाइल अपराधों में शामिल है। उसने अपनी गिरफ्तारी के बाद पुलिस कस्टडी में इंटरव्यू देने का निर्णय लिया, जिसने न केवल सुरक्षा एजेंसियों को बल्कि राजनीतिक हलकों को भी झकझोर दिया। बिश्नोई का यह इंटरव्यू पहले CIA (क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) के खरार पुलिस स्टेशन में लिया गया, जो मोहाली में स्थित है।
पहला इंटरव्यू: कब और कहां?
SIT (विशेष जांच टीम) के अनुसार, बिश्नोई का पहला इंटरव्यू सितंबर 2022 में खरार पुलिस स्टेशन में आयोजित किया गया था। यह इंटरव्यू सात महीने बाद मार्च 2023 में सार्वजनिक किया गया। इसने पंजाब सरकार के उस दावे को झूठा साबित कर दिया, जिसमें कहा गया था कि इंटरव्यू पंजाब की सीमाओं के भीतर नहीं लिया गया था।
उच्च न्यायालय की भूमिका
हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच SIT को सौंपी है, जो विशेष DGP मानवाधिकार प्रभोध कुमार की अध्यक्षता में काम कर रही है। SIT ने उच्च न्यायालय में एक सील रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें कहा गया कि पहला इंटरव्यू CIA के खरार पुलिस स्टेशन में ही लिया गया था।
SIT की रिपोर्ट
SIT की रिपोर्ट ने स्पष्ट रूप से सरकार के दावे को चुनौती दी है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बिश्नोई का दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की एक जेल में आयोजित किया गया था। यह जानकारी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे यह स्पष्ट होता है कि बिश्नोई का पुलिस कस्टडी में इंटरव्यू कैसे और कब हुआ।
पंजाब सरकार की कार्रवाई
पंजाब सरकार ने इस मामले में निष्कर्ष निकालने के बाद चार पुलिस अधिकारियों को शो-कॉज नोटिस जारी किए हैं। यह नोटिस उन अधिकारियों के खिलाफ है जिन्होंने बिश्नोई का इंटरव्यू आयोजित करने में अपनी जिम्मेदारियों का पालन नहीं किया।
शो-कॉज नोटिस का महत्व
शो-कॉज नोटिस का मतलब है कि इन अधिकारियों को यह स्पष्ट करना होगा कि उन्होंने इस इंटरव्यू के आयोजन के संदर्भ में क्यों और कैसे कार्य किया। यदि उनके उत्तर संतोषजनक नहीं पाए गए, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
राजनीतिक प्रभाव
इस मामले ने पंजाब की राजनीति में हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला न केवल कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लगाता है, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट होता है कि पुलिस विभाग में क्या हो रहा है।
समाज में आक्रोश
बिश्नोई का इंटरव्यू और इस पर सरकार की कार्रवाई ने समाज में आक्रोश उत्पन्न किया है। लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या यह इंटरव्यू वास्तव में पुलिस कस्टडी में लिया गया था और इसके पीछे के कारण क्या थे