Liquor fair in Punjab: भक्तों के लिए ‘प्रसाद’ के रूप में बांटी जाती है शराब, भक्तों की लंबी कतारें
Liquor fair in Punjab: पंजाब के जगराओं में एक अनूठा धार्मिक मेला लगता है, जहां शराब को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। यह परंपरा जगराओं के कौंके कला गांव में स्थित बाबा रोडे शाह की दरगाह पर निभाई जाती है। हर साल सितंबर में आयोजित होने वाले इस मेले में भक्त दूर-दूर से आते हैं और शराब को प्रसाद के रूप में प्राप्त करते हैं। यह परंपरा शराब के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण को एक नई दिशा देती है, जहां इसे पूजा और श्रद्धा का हिस्सा माना जाता है।
बाबा रोडे शाह की दरगाह: एक अनूठा धार्मिक स्थल
बाबा रोडे शाह की दरगाह एक ऐसा स्थल है जहां श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए आते हैं। कहा जाता है कि यहां अपनी इच्छा पूरी होने के बाद भक्त दरगाह पर आकर शराब का प्रसाद ग्रहण करते हैं। यह परंपरा दशकों से चली आ रही है और हर साल हजारों लोग इस धार्मिक उत्सव का हिस्सा बनने के लिए आते हैं।
शराब का प्रसाद: एक अनोखी परंपरा
मेले के दौरान, विभिन्न ब्रांड की शराब को एक बर्तन में मिला दिया जाता है और फिर सभी भक्तों में वितरित किया जाता है। यहां शराब की किसी भी ब्रांड के प्रति भेदभाव नहीं किया जाता है; सभी ब्रांड की शराब को मिलाकर एक समान रूप से प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। यह प्रक्रिया इस बात को दर्शाती है कि धर्म और भक्ति के मामले में कोई भेदभाव नहीं है।
मेला दो दिन तक चलता है
बाबा रोडे शाह की दरगाह पर आयोजित मेला एक दिन नहीं बल्कि पूरे दो दिनों तक चलता है। इन दो दिनों के दौरान लाखों लीटर शराब का प्रसाद वितरित किया जाता है। इस मेले में युवा और महिलाएं भी भाग लेते हैं और प्रसाद के रूप में शराब प्राप्त करते हैं। भक्तों की लंबी कतारें इस बात का प्रमाण हैं कि इस मेला का धार्मिक महत्व कितना बड़ा है।
भक्तों की कतारें और मेला का उत्साह
मेले के दौरान भक्त कतार में खड़े होकर शराब का प्रसाद लेते हैं। इस दौरान बाबा रोडे शाह के जयकारे लगाए जाते हैं और लोग प्रसाद लेते समय नाचते-गाते हैं। पूरी मेले की атмос्फीयर धार्मिक उल्लास से भरी रहती है। भक्त अपने साथ शराब की बोतलें, डिब्बे, और कैन लेकर चलते हैं और खुश होकर इस पवित्र प्रसाद का आनंद लेते हैं। कभी-कभी अधिक प्रसाद लेने के बाद कुछ लोग नशे में भी दिखते हैं, लेकिन इस धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा बनना उनके लिए महत्वपूर्ण होता है।
सांस्कृतिक और धार्मिक परिप्रेक्ष्य
इस प्रकार की परंपराएं धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाती हैं। यह मेला धार्मिक आस्था और भक्ति का प्रतीक है, जहां शराब को एक धार्मिक प्रसाद के रूप में देखा जाता है। हालांकि यह परंपरा सामाजिक दृष्टिकोण को चुनौती देती है, लेकिन यह भक्तों के लिए एक पवित्र और अनोखा अनुभव है।
निष्कर्ष
पंजाब के जगराओं में आयोजित होने वाला यह शराब का मेला एक धार्मिक परंपरा है जो धार्मिक आस्था और भक्ति को एक अनूठे तरीके से प्रदर्शित करता है। इस मेले में शराब को प्रसाद के रूप में वितरित करना एक सामाजिक और धार्मिक मान्यता को दर्शाता है जो भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण अनुभव बनता है। यह परंपरा स्थानीय लोगों की धार्मिक पहचान और भक्ति की अनूठी मिसाल है, जो उन्हें सामाजिक और धार्मिक सांस्कृतिक समृद्धि की दिशा में प्रेरित करती है।