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Madhavi Raje Scindia: राष्ट्रीय राजनीति में उच्च-प्रोफाइल परिवार से जुड़ी राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन

Madhavi Raje Scindia देश के सबसे उच्च स्तरीय परिवार से सम्बंधित थीं। वे विजया राजे सिंधिया की बहुरानी थीं, जिन्हें ग्वालियर की राजमाता के नाम से जाना जाता था। Madhavi Raje वरिष्ठ Congress नेता और केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया की पत्नी थीं। उनके पुत्र यूनियन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं। दीदी वासुंधरा राजे राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। यह उनके ससुराल का मामला था। Madhavi Raje खुद नेपाल के राजशाही परिवार से थीं। उनके दादा शमशेर जंग बहादुर नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके थे।

शादी से पहले, Madhavi Raje को अपने मातामही के घर में प्रिन्सेस किरण राज्य लक्ष्मी देवी के रूप में भी जाना जाता था। Madhavi Raje Scindia की शादी माधवराव सिंधिया से 1966 में हुई थी। यह शादी दिल्ली में हुई थी। माधवराव ने ग्वालियर से शादी का जुलूस ट्रेन से निकाला था। शादी के बाद, Madhavi Raje ग्वालियर में जय विलास पैलेस में रहने लगीं। Madhavi Raje के दो बच्चे थे, ज्योतिरादित्य सिंधिया और चित्रागंदा सिंह।

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पति की मौत 2001 में हुई

Madhavi Raje के जीवन की सबसे बड़ी दुखी घटना 2001 में हुई थी। उनके पति माधवराव सिंधिया एक विमान हादसे में मर गए थे। यह नुकसान न केवल Madhavi Raje के लिए बल्कि पूरे Congress पार्टी के लिए था। माधवराव सिंधिया की मौत के बाद, माधवी अपने बेटे और बहू के साथ रहीं। इसी समय, अपने पिता की मौत के बाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने परिवार की राजनीतिक विरासत को संभाल लिया।

Madhavi Raje चैरिटी कार्य में बहुत सक्रिय थीं। Madhavi Raje 24 चैरिटेबल ट्रस्टों की अध्यक्षा थीं जो शिक्षा और मेडिकल सेवाओं जैसे क्षेत्रों में सहायता प्रदान करती हैं। उन्होंने अपने विलियम में अपने लेट हस्बैंड माधवराव सिंधिया की स्मृति में एक गैलरी भी बनाई।

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ससुराल से कैसी थी आपकी संबंध?

Madhavi Raje की लंबी समय तक उनकी ससुराल की राजमाता विजया राजे के साथ अच्छी रही थी। लेकिन जैसे राजमाता का माधवराव के साथ संबंध खराब होने लगा, उसी दौरान Madhavi Raje का ससुराल से संबंध भी अच्छा नहीं रहा। विजया राजे और माधवराव के बीच के संबंध पर राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई की पुस्तक ‘द हाउस ऑफ सिंधिया’ में चर्चा की गई है – पावर, पॉलिटिक्स और इंट्रीग की एक कहानी। पुस्तक में लिखा है कि विजया राजे ने माधवी को अपने बेटे माधव से दूर रहने का कारण माना, जबकि माधवराव ने मां के बीच के दूरी का कारण सरदार अंग्रे को माना।

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