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Assam के उमरांग्स कोल माइन में पानी भरने से बड़ा हादसा, 3 मजदूरों की मौत, 27 मजदूर फंसे

Assam के दीमा हसाओ जिले के उमरांग्स कोल माइन में पानी भरने के कारण एक बड़ा हादसा हुआ है। इस हादसे में लगभग 27 मजदूर खदान में फंस गए हैं, जबकि तीन मजदूरों की मौत हो गई है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है, और राहत एवं बचाव कार्य जारी है। सेना, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और प्रभावित लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के प्रयासों में जुटी हुई हैं।

हादसे की जानकारी

घटना की जानकारी के अनुसार, बुधवार सुबह करीब 7 बजे खदान में काम करने वाले मजदूरों ने जैसे ही खदान में प्रवेश किया, तभी अचानक खदान में पानी भरने की घटना घटित हुई। इसके बाद, खदान में काम कर रहे मजदूर फंस गए और उनकी जान को खतरा पैदा हो गया। हादसे के बाद, खदान में काम कर रहे कुल 27 मजदूरों के फंसे होने की संभावना जताई गई थी, जिनमें से अब तक 17 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। राहत कार्य की टीमें लगातार खदान में फंसे अन्य मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिश कर रही हैं।

Assam के उमरांग्स कोल माइन में पानी भरने से बड़ा हादसा, 3 मजदूरों की मौत, 27 मजदूर फंसे

मृतक मजदूरों की पहचान

इस दुर्घटना में तीन मजदूरों की मौत हो गई है। मृतकों की पहचान हुसैन अली, मुस्तफा अली और जकीर हुसैन के रूप में हुई है, जो दरंग जिले के डालगांव के रहने वाले थे। तीनों मजदूर खदान में फंसे थे और पानी में डूबने के कारण उनकी मौत हो गई। हादसे के बाद, स्थानीय प्रशासन और राहत कार्य में लगे अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बाकी फंसे मजदूरों को निकालने का प्रयास शुरू किया है।

राहत और बचाव कार्य

घटना के बाद, खदान में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया। सेना, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने मिलकर खदान में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए ऑपरेशन शुरू किया। अब तक 17 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। वहीं, तीन मजदूरों का इलाज जारी है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

राहत कार्य में जुटी टीमों ने खदान के अंदर पानी के स्तर का जायजा लिया और इसकी रिपोर्ट दी कि खदान में पानी भरने से स्थिति और जटिल हो गई थी। टीमों ने खदान में पानी की अधिकता को कम करने के लिए प्रयास किए और इसी बीच फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकाला गया।

मुख्यमंत्री का बयान

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस हादसे पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि “मैं भगवान से सभी मजदूरों की सुरक्षा की प्रार्थना करता हूं।” मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राहत कार्य को तेज किया जाए और किसी भी मजदूर को सुरक्षित बाहर निकालने में कोई कसर न छोड़ी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि हादसे के कारणों की जांच की जाएगी और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

हादसे का कारण: पानी भरना

मिली जानकारी के अनुसार, हादसा खदान में पानी भरने के कारण हुआ। मजदूर सुबह 7 बजे के आसपास खदान में काम करने पहुंचे थे, और उसके कुछ ही देर बाद खदान में पानी भरने की घटना हो गई। यह पानी खदान में तेजी से भरने लगा, जिससे खदान के अंदर काम कर रहे मजदूर फंस गए। पानी भरने के कारण खदान में स्थिति और खराब हो गई, जिससे बचाव कार्य में काफी चुनौतियां आईं।

हालांकि, राहत कार्य में जुटी टीमें लगातार खदान में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के प्रयास कर रही हैं। अभी तक 17 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया है, लेकिन बाकी मजदूरों को निकालने में और समय लग सकता है।

असम में खदानों की सुरक्षा पर सवाल

यह हादसा असम के कोल माइनिंग उद्योग की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा करता है। खदानों में काम करने वाले मजदूरों को अक्सर खराब सुरक्षा उपकरणों और अनुपयुक्त कामकाजी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जिससे ऐसी दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। इस घटना ने एक बार फिर खदानों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है।

सरकार को खदानों में सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे हादसों से बचा जा सके। सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करना, खदानों के अंदर उचित निगरानी रखना और मजदूरों को सुरक्षा प्रशिक्षण देना, यह सब कदम भविष्य में इस तरह के हादसों को रोक सकते हैं।

उमरांग्स कोल माइन में पानी भरने से हुए इस हादसे ने असम के दीमा हसाओ जिले में एक भयावह स्थिति उत्पन्न कर दी है। तीन मजदूरों की मौत, कई अन्य मजदूरों के घायल होने और लगभग 27 मजदूरों के फंसे होने के बाद राहत कार्य तेजी से चल रहा है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और प्रशासन इस घटना की गंभीरता को समझते हुए राहत कार्य में जुटे हैं और किसी भी मजदूर को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

यह घटना एक गंभीर संकेत है कि खदानों में सुरक्षा उपायों को और मजबूत किया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। सरकार को इस मुद्दे पर तुरंत कदम उठाने की जरूरत है ताकि इस तरह के हादसों को रोकने के लिए प्रभावी रणनीतियां बनाई जा सकें।

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