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Manipur: महिलाओं के विरोध के बाद कर्फ्यू में दी गई ढील रद्द, कांग्रेस ने कहा- प्रधानमंत्री मणिपुर के दौरे से जानबूझकर बच रहे हैं

Manipur: मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में महिलाओं के विरोध के बाद, प्रशासन ने शनिवार को इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम और बिष्णुपुर जिलों में कर्फ्यू में दी गई छूट को रद्द कर दिया। प्रशासन को आशंका थी कि इन जिलों में महिलाओं के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं। इससे पहले सप्ताह में एक छात्र विरोध के दौरान आंसू गैस के गोले लगने से एक नौ महीने की गर्भवती महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी। इस घटना के बाद शनिवार की दोपहर को तनाव तब बढ़ गया जब सैकड़ों महिलाएं इंफाल पश्चिम जिले के सिंगजामेई पुलिस स्टेशन के बाहर इकट्ठा हो गईं और विरोध प्रदर्शन किया।

Manipur: महिलाओं के विरोध के बाद कर्फ्यू में दी गई ढील रद्द, कांग्रेस ने कहा- प्रधानमंत्री मणिपुर के दौरे से जानबूझकर बच रहे हैं

विरोध प्रदर्शन में घायल गर्भवती महिला की हालत गंभीर

34 वर्षीय गर्भवती महिला के बच्चे की मृत अवस्था में जन्म हुआ, जबकि महिला खुद इंफाल के क्षेत्रीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान (रिम्स) में गंभीर हालत में भर्ती हैं। आक्रोशित महिला प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि उनके द्वारा चलाए गए आंसू गैस के गोलों ने उस अजन्मे बच्चे की जान ले ली और मां को गंभीर हालत में छोड़ दिया।

इस घटना के बाद, मणिपुर में माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो गया है। महिला प्रदर्शनकारी कर्फ्यू के आदेशों का उल्लंघन करते हुए सड़क पर उतर आईं, जबकि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया कि वे कर्फ्यू का उल्लंघन न करें और अपने घरों को लौट जाएं।

कर्फ्यू में दी गई ढील रद्द

शुरुआत में प्रशासन ने इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम और बिष्णुपुर जिलों में कर्फ्यू में थोड़ी राहत दी थी ताकि लोग अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। हालांकि, महिलाओं के इस बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद, प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से कर्फ्यू में दी गई छूट को रद्द कर दिया। प्रशासन को इस बात की चिंता थी कि महिलाओं का यह विरोध प्रदर्शन और अधिक बढ़ सकता है और कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।

इस घटना के बाद से मणिपुर में हालात और अधिक तनावपूर्ण हो गए हैं। विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि वह स्थिति को जल्द से जल्द नियंत्रित करे और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे।

प्रधानमंत्री मणिपुर की स्थिति से बच रहे हैं: कांग्रेस नेता जयराम रमेश

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मणिपुर की स्थिति को लेकर निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री अन्य राज्यों और विदेशों के दौरे की योजना बना रहे हैं, लेकिन सबसे अधिक संकटग्रस्त राज्य मणिपुर के दौरे से जानबूझकर बच रहे हैं।

जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर की स्थिति गंभीर है और वहां पर हिंसा और तनाव की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन प्रधानमंत्री ने अब तक इस राज्य का दौरा नहीं किया। उन्होंने प्रधानमंत्री की इस चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब देश के अन्य हिस्सों में प्रधानमंत्री दौरे कर रहे हैं, तो मणिपुर की अनदेखी क्यों की जा रही है?

कांग्रेस नेता ने मणिपुर हिंसा की जांच के लिए गठित आयोग पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आयोग को रिपोर्ट देने के लिए और समय दिया जा रहा है, जबकि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जल्द से जल्द इस पर कार्रवाई होनी चाहिए।

मणिपुर की स्थिति पर राजनीतिक बयानबाजी

मणिपुर में चल रहे इस विवाद और हिंसा को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। जहां कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की चुप्पी और दौरे से बचने पर सवाल उठाए हैं, वहीं भाजपा ने इस मामले पर कोई विस्तृत प्रतिक्रिया नहीं दी है।

मणिपुर की यह स्थिति राजनीतिक और सामाजिक रूप से बेहद नाजुक बनी हुई है। लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शनों और हिंसा के बीच प्रशासन की चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। महिलाओं के विरोध प्रदर्शन ने राज्य की सुरक्षा और कर्फ्यू व्यवस्था को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।

महिलाओं का विरोध और प्रशासन की चुनौतियां

मणिपुर में महिलाओं के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन के सामने बड़ी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। महिलाओं का यह विरोध केवल प्रशासनिक निर्णयों के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों को लेकर भी एक सवाल खड़ा करता है।

गर्भवती महिला के गंभीर रूप से घायल होने और उनके अजन्मे बच्चे की मौत ने पूरे राज्य में आक्रोश पैदा कर दिया है। महिलाओं का यह विरोध प्रदर्शन प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, क्योंकि महिलाओं की संख्या और उनका आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

इस पूरी घटना ने मणिपुर की स्थिति को और अधिक जटिल बना दिया है। राज्य की जनता और प्रशासन के बीच संवाद की कमी और सरकार की अनदेखी से राज्य की समस्याएं और अधिक गंभीर हो रही हैं।

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