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अस्पतालों में दवाइयों और मशीनें उपलब्ध नहीं : चित्रा सरवारा

सत्य खबर चंडीगढ़, 5 दिसंबर Medicines and machines are not available in hospitals: Chitra Sarwara

आम आदमी पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा सरवारा ने मंगलवार को 9 दिसंबर से होने वाली सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल और स्वास्थ्य सुविधाओं के मुद्दे को लेकर खट्टर सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा में केवल सरकारी डॉक्टर ही नहीं न जाने कितने कर्मचारी और वर्ग अपनी मूलभूत मांगों और अधिकारों के लिए हड़ताल पर हैं। लेकिन हमेशा की तरह सरकार पर कोई असर नहीं है। हरियाणा के सरकारी डॉक्टरों ने 9 दिसंबर से हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की मांगे जायज हैं। आम आदमी पार्टी खट्टर सरकार से मांग करती है कि डॉक्टरों की मांगों पर ध्यान दिया जाए।

 

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उन्होंने कहा कि आज सरकारी अस्पतालों में मशीनें नहीं हैं, स्पेशलिस्ट नहीं हैं, रेडियोलॉजिस्ट नहीं हैं, यहां तक कि ग्लूकोज की बोतलें भी नहीं हैं। मरीज को मर्ची लिखकर दी जा रही है कि बाहर से ग्लूकोज की बोतल ले आइये। उन्होंने कहा कि जहां देश की जनता और पूरी स्वास्थ्य प्रणाली मुश्किलों से जूझ रही हैं, वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का शीत युद्ध खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। चाहे इसके लिए पूरे प्रदेश की जनता, सरकारी काम और 2000 से ज्यादा फाइलें पेंडिंग पड़ी हैं, चाहे वो ताक पर रहे। ये प्रदेश का दुर्भाग्य है कि ऐसे मुख्यमंत्री और मंत्री प्रदेश को मिले।

 

उन्होंने कहा कि एसोसिएशन की मुख्य मांगों में स्पेशलिस्ट डाक्टरों का अलग कैडर बनाना और केंद्र सरकार और बिहार की तर्ज पर हरियाणा में चार एसीपी देना है, जोकि बिल्कुल जायज मांग हैं, जिसकी तरफ खट्टर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। वहीं पूरे प्रदेश के अस्पतालों में स्पेशलिस्ट डाक्टरों की भी भारी कमी है। इस कारण लोगों को महंगे रेट पर प्राइवेट अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है।

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उन्होंने सीएम खट्टर से पूछा कि ये जो नो वर्क नो पे की पोलिसी है क्या ये केवल कर्मचारियों के लिए है या मंत्रियों पर भी लागू होती है। क्योंकि हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री पिछले 56 दिनों से अघोषित हड़ताल पर बैठे हैं। जिसकी कीमत पूरे प्रदेश को चुकानी पड़ रही है। क्या उन पर भी नो वर्क नो पे पोलिसी लागू होती है या नहीं। उन्होंने कहा आम आदमी पार्टी सरकार से मांग करती है कि डॉक्टरों की जो मांगें हैं, उन पर ध्यान दें और कड़ा संज्ञान लेते हुए जल्द से जल्द जनता की मदद करें।

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