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Nangal Choudhary

नांगल चौधरी में राजनीतिक बवाल क्यों ?

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सत्य खबर, ब्यूरो रिपोर्ट, नांगल चौधरी

पिछले कुछ महीनों से नांगल चौधरी हल्के में राव इंद्रजीत सिंह कि बार-बार दखल एवं बेटी के प्रोग्राम की उत्सुकता कई राजनीतिक अर्थ अपने अंदर समेटे हुए हैं। वास्तव में इसके बीज तो भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल में ही बो दिए गए थे जब चुनाव से ठीक पहले स्वयं राव नांगल चौधरी हलके के गांव हसनपुर में विधायक के विरुद्ध जनसभा करके गए थे और यह पौधा चुनाव के दौरान अंकुरित भी हो गया था जब राव ने नारनौल और अटेली के विधायकों के नामांकन की जनसभा में नांगल चौधरी के विधायक को इशारों इशारों में गद्दार तक कह डाला था। फिर राव की टीम ने हलके के एक गांव में मीडिया के सामने विधायक की खिलाफत का ऐलान करके दूसरे गांव में उनके निकटतम प्रतिद्वंदी की स्टेज से भाषण दिए थे। खैर! राव की लाख कोशिश के बाद भी नांगल चौधरी के विधायक दूसरी बार पहले से लगभग 21 गुना ज्यादा अंतर से विजयी हुए और कुल डाले गए मतों का 55% प्राप्त करने में कामयाब हुए। राव ने इस टीस का बदला मंत्रिमंडल के गठन के समय ले लिया था। परन्तु अपने स्वभाव अनुसार किसी भी प्रतिद्वंदी को अहीरवाल की राजनीति में बर्दाश्त करना राव के बस की बात नहीं है। अतः अब नए सिरे से तैयारियां बड़े जोर शोर से की जा रही हैं। राव के मुख्य प्रबंधक ‘बाबूजी’ भी सैकड़ों की संख्या में लोगों को निजी रूप से टेलीफोन पर पसीना बहाने में लगे हुए हैं। अपने वजीर के अतिरिक्त विपक्ष को भी एहसान चुकाने के लिए कह दिया गया है।
परंतु दूसरी ओर विधायक समर्थक इस बात को ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। स्वयं विधायक भी मुस्कुरा कर इस बात को टाल देते हैं। विधायक समर्थकों का तर्क है कि उनके विधायक सिर्फ जिले के विकास तक सीमित रहते हैं और इस तरह की राजनीति में अपना समय और ऊर्जा गंवाने में विश्वास नहीं रखते। उनका कहना है कि महेंद्रगढ जिले में विकास की नई-नई योजनाएं बनाना अब विधायक का शौक हो गया है और अपनी इसी वृत्ति के कारण वह समस्त जिले के लोगों के दिलों में एक जगह बना चुके हैं। उन्हें अब किसी के भी विरोध की कोई परवाह नहीं है। हर दो-तीन या 6 महीने बाद क्षेत्र के लोगों को अपनी उपस्थिति का अहसास करवाते रहते हैं।

फिर भी, चाहे कहते कुछ भी रहें, परन्तु नए साल के अवसर पर विधायक के समर्थन में नांगल चौधरी हल्के को छोड़कर जिले के तीन हलकों में भारी संख्या में अखबार की शुभकामनाएं एवं दादरी सीमा तक लगे होल्डिंग अनायास ही नहीं थे और यह राव और उनकी टीम की नींद हराम करने वाले रहे हैं। विधायक के समर्थकों ने बड़ी कुशलता से जोर का झटका इतना धीरे से दिया कि राव और उनकी टीम हक्का बक्का रह गए। फिर उन्होंने आनन-फानन में पुन: आरती राव का प्रोग्राम उसी गांव में निर्धारित कर दिया जहां कुछ दिन पहले विधायक को घोड़ी पर बैठा कर गांव की महिलाओं समेत गाँववासी पानी का शुक्रिया करने के लिए आगे-आगे नाचते दिखाई दे रहे थे। नए साल की तस्वीरों को उल्टा करने के लिए कुछ सरपंच और अन्य मौजिज व्यक्तियों से संपर्क करने की भी कोशिश हुई परंतु सफलता नहीं मिली। अब 26 तारीख को कथित कार्यकर्ता मीटिंग यह बताएगी कि नांगल चौधरी हल्के समेत महेन्द्रगढ़ जिले से कितने कार्यकर्ता जुट पाते हैं और गुड़गांव रेवाड़ी और कोसली की कितनी गाड़ियां यहाँ पहुंचती हैं। मामला बड़ा दिलचस्प है देखते रहिए।