सत्य खबर, नई दिल्ली ।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में गुरुवार को बीजेपी और नेशनल कांफ्रेंस के विधायको के बीच मारपीट की नौबत आ गई. घाटी को स्पेशल स्टेटस यानी धारा-370 वाले अधिकार वापस देने के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उमर अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस सरकार ने एक प्रस्ताव पारित किया. सरकार चाहती है कि पांच अगस्त 2019 से पहले वाले अधिकार उसे घाटी में फिर से दिए जाने चाहिए. इसके विरोध में सदन में बीजेपी के एमएलए ने जमकर हंगामा किया और जय श्री राम के नारे लगाए. शुरुआत में बीजेपी विधायकों ने नारेबाजी की, जो धीरे-धीरे धक्का-मुक्की में बदल गई. अंत में सदन में प्रस्ताव को फाड़ने के लिए बीजेपी के विधायक वेल में आ गए. इस दौरान नेशनल कांफ्रेंस के विधायकों के साथ मारपीट के वीडियो भी सामने आए.
उमर अब्दुल्ला सरकार के प्रस्ताव में कहा गया, “यह विधानसभा भारत सरकार से जम्मू-कश्मीर के लोगों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ विशेष दर्जा बहाल करने के लिए बातचीत शुरू करने का आह्वान करती है.” 90 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी के 29 एमएलए हैं. प्रस्ताव जब पेश हुआ तो बीजेपी एमएलए ने इसके विरोध में नारेबाजी की और जय श्री राम के नारे लगाए. बात तब और बिगड़ गई जब यह प्रस्ताव बहुमत के दम पर उमर अब्दुल्ला सरकार पास कराने में सफल रही.
इसके बाद तो बीजेपी के एमएलए वेल में उतर आए. उन्होंने पास हो चुके इस प्रस्ताव के कागजात को फाड़ने का प्रस्ताव किया. इस दौरान नेशनल कांफ्रेंस के नेता भी वहां पहुंच गए. दोनों पार्टी के नेताओं में जमकर झड़प हुई. दोनों पक्षों के बीच यह मारपीट के दृष्य नेशनल टेलिविजन पर पूरे देश में प्रसारित होने लगे. बता दें कि जम्मू-कश्मीर नई व्यवस्था के तहत एक केंद्र शासित प्रदेश है. उमर अब्दुल्ला केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद प्रदेश के पहले सीएम बने हैं. राज्य में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं. केंद के प्रतिनिधि के रूप में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा वहां मौजूद हैं. इस प्रस्ताव को एलजी की मंजूरी की जरूरत है, जिसे मिलना किसी भी सूरत में संभव नहीं है.