Shri Guru Nanak Dev Ji की 555वीं प्रकाश पर्व पर नगर कीर्तन, श्री हरमंदिर साहिब से निकला भव्य नगर कीर्तन
Shri Guru Nanak Dev Ji के 555वें प्रकाश पर्व के अवसर पर श्री हरमंदिर साहिब से नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। यह ऐतिहासिक दिन गुरु नानक देव जी के योगदान और उनकी शिक्षाओं का उत्सव मनाने का एक अवसर है। इस दिन विशेष रूप से नगर कीर्तन निकाला गया, जिसमें लाखों श्रद्धालु भागीदार बने। श्री हरमंदिर साहिब, जिसे गोल्डन टेम्पल भी कहा जाता है, के प्रांगण से नगर कीर्तन की शुरुआत हुई, और श्रद्धालु भक्तों ने पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
नगरी कीर्तन के दौरान छाया विशेष दृश्य
नगर कीर्तन में विशेष रूप से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को लेकर चलने का दृश्य बहुत ही भावुक था। जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को अपने सिर पर रखकर कीर्तन का नेतृत्व किया। उनके पीछे श्रद्धालु सिर झुकाकर गुरु साहिब के चरणों में श्रद्धा अर्पित कर रहे थे। यह दृश्य न केवल श्रद्धा से ओत-प्रोत था, बल्कि एकता और भाईचारे की भावना को भी उजागर करता था।
इसके अलावा, इस अवसर पर महिलाओं की विशेष सेवा भी देखने को मिली। महिलाएं स्वच्छता अभियान में लगी हुई थीं और पूरे इलाके के रास्तों को साफ कर रही थीं ताकि नगर कीर्तन के दौरान श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।
श्री हरमंदिर साहिब में उत्सव का माहौल
श्री हरमंदिर साहिब की सजावट भी विशेष थी। पूरे गुरुद्वारे को रंग-बिरंगे बल्बों से सजाया गया था, जो गुरु नानक देव जी की जयंती के पर्व को और भी खास बना रहे थे। छोटे बच्चों को पीले कपड़ों में देखा गया, जो इस अवसर पर विशेष रूप से आकर्षक दिख रहे थे। इस दिन की भव्यता और आस्था में समाहित दृश्यों ने न केवल भक्तों का दिल छुआ, बल्कि इस आयोजन को एक अद्भुत श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक बना दिया।
नगर कीर्तन के दौरान श्री हरमंदिर साहिब के आसपास का दृश्य बहुत ही मनमोहक था। पूरे परिसर में भक्तों की भीड़ थी, जो भक्ति में लीन होकर गुरु के भजनों का गायन कर रहे थे। इस दृश्य में श्रद्धालु और मीडिया कर्मी भी मौजूद थे, जो इस ऐतिहासिक दिन को कैद करने के लिए उत्सुक थे।
गुरु नानक देव जी का महत्व और शिक्षाएं
गुरु नानक देव जी, जिन्होंने 1469 में पंजाब के तलवंडी गांव में जन्म लिया, ने न केवल अपने समय के समाज को बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी एक नया रास्ता दिखाया। उनका संदेश था – एक ईश्वर में विश्वास, जाति-पांति का भेदभाव समाप्त करना, और मानवता की सेवा करना। गुरु नानक देव जी ने अपनी शिक्षाओं से समाज में सुधार लाने की कोशिश की और अपने अनुयायियों को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।
उनकी शिक्षाएं आज भी लाखों लोगों के जीवन को दिशा देती हैं। गुरु नानक देव जी ने एक ऐसे समाज की कल्पना की थी, जिसमें सभी लोग समान रूप से रह सकें और कोई भी भेदभाव न हो। उनकी शिक्षाएं आज भी सिख धर्म के मूलभूत सिद्धांतों का हिस्सा हैं।
गुरु नानक देव जी का योगदान और सिख धर्म की नींव
गुरु नानक देव जी ने सिख धर्म की नींव रखी और इसका संदेश दुनिया भर में फैलाया। उनकी शिक्षाओं में एकता, प्रेम, भाईचारा और सेवा की भावना का संदेश प्रमुख था। उनकी उपदेशों ने समाज में फैले अंधविश्वास, भेदभाव और अन्य सामाजिक बुराइयों के खिलाफ एक आंदोलन की शुरुआत की।
गुरु नानक देव जी का यह संदेश केवल सिखों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक सार्वभौमिक मार्गदर्शन बन गया। उनके द्वारा स्थापित सिख धर्म आज दुनिया भर में फैला हुआ है और सिख समाज के लाखों अनुयायी उनके द्वारा दिए गए सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाते हैं।
श्री गुरु नानक देव जी की जयंती पर विशेष आयोजन
गुरु नानक देव जी की जयंती का यह पर्व, जिसे गुरु नानक जयंती या प्रकाश पर्व के नाम से जाना जाता है, सिख समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है और इस दिन श्रद्धालु श्री हरमंदिर साहिब में एकत्रित होकर गुरु साहिब की पूजा करते हैं। इस दिन को पूरे श्रद्धा भाव से मनाया जाता है और गुरुद्वारों में विशेष कीर्तन, पाठ और लंगर आयोजित किए जाते हैं।
इस वर्ष, गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती के मौके पर जो नगर कीर्तन निकाला गया, वह न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक धार्मिक उत्सव था, बल्कि यह समाज में भाईचारे और एकता का प्रतीक भी बना। इस दौरान लाखों लोग एक साथ आकर गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को याद करते हुए उनके मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं।
श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व सिख समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक और धार्मिक अवसर है, जो न केवल गुरु नानक देव जी के योगदान को याद करता है, बल्कि उनके संदेशों को भी फैलाने का काम करता है। इस अवसर पर आयोजित नगर कीर्तन, जहां लाखों श्रद्धालु एकत्रित होते हैं, समाज में एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देता है।
गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं के माध्यम से दुनिया को एकता, प्रेम, और भाईचारे का संदेश देने वाले इस पर्व की महिमा अत्यंत महत्वपूर्ण है। श्री हरमंदिर साहिब और नगर कीर्तन के आयोजन ने इस दिन को और भी विशेष बना दिया है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।