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अब Supreme Court भी हआ ‘स्मार्ट’, एआई का इस्तेमाल कर रहा है; कैसे हो रहा है काम?

Supreme Court: आजकल तकनीकी क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलावों के कारण विभिन्न क्षेत्रों में नई तकनीकों का इस्तेमाल हो रहा है। न्यायिक प्रणाली भी इससे अछूती नहीं रही है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग शुरू कर दिया है, जिससे न्यायिक कार्यों में तेजी और पारदर्शिता आई है। इससे न केवल न्यायाधीशों को मदद मिल रही है, बल्कि न्याय के प्रक्रिया में अधिक समानता और सुधार की संभावना भी पैदा हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने अब तक 36,324 निर्णयों का हिंदी में और 42,765 निर्णयों का विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया है। यह जानकारी केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर के दौरान दी। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि सुप्रीम कोर्ट किस प्रकार एआई का उपयोग कर रहा है और यह कैसे न्यायिक कार्यों में सुधार ला रहा है।

सुप्रीम कोर्ट में एआई का उपयोग: एक परिचय

भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एआई का इस्तेमाल विभिन्न कार्यों में किया जा रहा है, जिसमें निर्णयों का अनुवाद, कानूनी शोध, प्रशासनिक कार्यों में सुधार और अन्य क्षेत्र शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक कार्यों को तेज और प्रभावी बनाने के लिए एआई की मदद ली है। इस तकनीक के माध्यम से न केवल सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का तेजी से अनुवाद हो रहा है, बल्कि यह अन्य न्यायिक कार्यों को भी सरल बना रहा है।

केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों की एआई अनुवाद समितियाँ सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के निर्णयों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद कर रही हैं। इस कार्य में कई टूल्स और प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि निर्णयों का सही और सटीक अनुवाद किया जा सके।

अब Supreme Court भी हआ 'स्मार्ट', एआई का इस्तेमाल कर रहा है; कैसे हो रहा है काम?

किस क्षेत्र में हो रहा है एआई का उपयोग?

सुप्रीम कोर्ट में एआई का उपयोग कई प्रमुख कार्यों में किया जा रहा है। इनमें से कुछ मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं:

  1. अनुवाद (Translation): एआई का सबसे प्रमुख उपयोग निर्णयों के अनुवाद में हो रहा है। अब तक 36,324 निर्णयों को हिंदी में और 42,765 निर्णयों को अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवादित किया जा चुका है। यह कार्य एआई की मदद से तेजी से और सही तरीके से किया जा रहा है, जिससे न्याय के लिए सभी भारतीयों तक सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पहुँच पा रहे हैं।
  2. पूर्वानुमान (Forecasting): एआई का उपयोग केस के परिणामों का पूर्वानुमान करने के लिए भी किया जा रहा है। इससे न्यायधीशों और वकीलों को केस के संभावित परिणामों के बारे में पहले से जानकारी मिल जाती है, जिससे निर्णय प्रक्रिया में पारदर्शिता और समय की बचत होती है।
  3. प्रशासनिक दक्षता में सुधार (Improving Administrative Efficiency): एआई के माध्यम से न्यायिक कार्यों में प्रशासनिक दक्षता में सुधार हो रहा है। यह सिस्टम केस फाइलिंग, शेड्यूलिंग, और अन्य प्रशासनिक कार्यों को स्वचालित करने में मदद करता है, जिससे न्यायपालिका के कार्य में तेजी आई है।
  4. नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP): एआई का उपयोग अब नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) में भी किया जा रहा है, जिससे निर्णयों को समझने में आसानी होती है और वकील और न्यायधीश इन निर्णयों से संबंधित जानकारी जल्दी और सही तरीके से प्राप्त कर सकते हैं।
  5. स्वचालित फाइलिंग और शेड्यूलिंग (Automatic Filing and Scheduling): सुप्रीम कोर्ट ने एआई के माध्यम से केस फाइलिंग और शेड्यूलिंग प्रक्रिया को स्वचालित कर दिया है। इससे वकील और न्यायधीश दोनों को ही कार्यों को सही समय पर करने में मदद मिलती है और मुकदमे की प्रक्रिया तेज होती है।
  6. केस सूचना प्रणाली (Case Information System): सुप्रीम कोर्ट के द्वारा एआई का उपयोग केस सूचना प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए किया जा रहा है। इसके द्वारा केस से संबंधित सभी जानकारी को एक जगह पर इकट्ठा किया जाता है, जिससे किसी भी केस से जुड़ी जानकारी तुरंत प्राप्त की जा सकती है।
  7. चैटबॉट के माध्यम से संवाद (Communicating with Litigants through Chatbots): सुप्रीम कोर्ट ने एआई की मदद से चैटबॉट्स का भी विकास किया है। ये चैटबॉट्स वादी या वकील से संवाद कर सकते हैं और केस से संबंधित जानकारी प्रदान कर सकते हैं। इससे वादी और वकील को केस की स्थिति के बारे में जल्दी जानकारी मिल जाती है और वे अपनी प्रक्रिया को सुचारू रूप से चला सकते हैं।

e-SCR पोर्टल और न्याय की समानता

सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में e-SCR (Electronic Supreme Court Report) Neutral Citation Project लॉन्च किया था। इस परियोजना के तहत सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों को न केवल ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया है, बल्कि इसे मुफ्त में सभी के लिए उपलब्ध कराया गया है। इससे वकील, छात्र, और आम जनता भी सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों तक पहुँच सकते हैं। इसके माध्यम से किसी भी व्यक्ति को सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का संदर्भ देने के लिए अब ‘न्यूट्रल सिटेशन’ की सुविधा मिल रही है।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एक बार इस बात की जानकारी दी थी कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का अनुवाद हिंदी और अन्य भाषाओं में किया जा रहा है। जब एक केस की सुनवाई हो रही थी और वकील ने किसी पिछले निर्णय का हवाला दिया, तो CJI ने वकील से अनुरोध किया कि वे e-SCR पोर्टल से न्यूट्रल सिटेशन का इस्तेमाल करें। इससे यह भी साबित होता है कि सुप्रीम कोर्ट न केवल अपनी कार्यप्रणाली को सुधार रहा है, बल्कि यह न्याय को सभी तक पहुँचाने के लिए एक नए तरीके का इस्तेमाल कर रहा है।

छात्रों और वकीलों के लिए मुफ्त में उपलब्ध निर्णय

सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णयों को वकीलों, छात्रों और आम जनता के लिए मुफ्त में उपलब्ध कराया है। अब कोई भी व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का अध्ययन कर सकता है, जिससे न्याय के प्रति उनकी समझ और जागरूकता बढ़ती है। यह निर्णय विशेष रूप से छात्रों के लिए लाभकारी है, क्योंकि उन्हें अब न्यायिक निर्णयों तक सरलता से पहुँच मिल रही है, जो उनके अध्ययन में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में एआई का इस्तेमाल भारतीय न्यायिक प्रणाली के लिए एक बड़ा कदम है। यह तकनीकी कदम न केवल सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों को तेजी से और सटीक रूप से अनुवादित कर रहा है, बल्कि यह न्यायिक प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी भी बना रहा है। एआई के माध्यम से न्यायालयों में कार्यों की दक्षता बढ़ी है और इसका लाभ आम जनता को भी मिल रहा है। सुप्रीम कोर्ट का यह कदम न केवल कानून के क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास है, बल्कि यह न्याय को सभी तक पहुँचाने का एक प्रभावी तरीका भी है।

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