ताजा समाचार

Odisha: पिता ने अपने नवजात बेटे को बेचा, बाइक खरीदने के लिए उठाया यह घिनौना कदम

Odisha के बालासोर जिले के हदामोड गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक पिता ने अपने नवजात बेटे को एक बच्चा नहीं होने वाली जोड़ी को बेच दिया, ताकि वह अपनी इच्छित नई बाइक खरीद सके। यह मामला सामने तब आया जब उक्त पिता ने बेचे गए पैसों से बाइक खरीदी और गांव में घूमते हुए दिखा। इस घटना ने समाज को हिला कर रख दिया और इसे लेकर पुलिस और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने जांच शुरू कर दी है।

घटना का विवरण

यह दर्दनाक मामला बालासोर जिले के हदामोड गांव का है, जहां शांति पात्रा और धर्मु बेहरा नामक जोड़ी अपने नवजात बेटे के साथ रहते थे। शांति, जिनकी शादी धर्मु बेहरा से हुई थी, ने दो बेटे पैदा किए थे। धर्मु की पहली पत्नी से भी एक बेटा था। 19 दिसंबर 2024 को, धर्मु ने शांति को बारिपदा स्थित पं. रघुनाथ मुरमू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। 22 दिसंबर को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद धर्मु ने अपने नवजात बेटे को संकुला गांव के एक बच्चा नहीं होने वाले जोड़े को 60,000 रुपये में बेच दिया।

चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरे मामले में दो युवक बीच में थे, जिन्होंने इस सौदे को अंजाम दिया। जब धर्मु ने पैसे से बाइक खरीदी और गांव में घूमने लगा, तो गांववासियों को शक हुआ और उन्होंने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सूचित किया। इस सूचना के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और नवजात बच्चे को बचाया।

Odisha: पिता ने अपने नवजात बेटे को बेचा, बाइक खरीदने के लिए उठाया यह घिनौना कदम

पुलिस का बयान

खुंता पुलिस स्टेशन की IIC सुजाता खामरी ने कहा, “एक जोड़े ने 60,000 रुपये में एक बच्चा खरीदा। इस घटना की जानकारी हमें चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से मिली। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी और खुंता पुलिस ने मिलकर एक संयुक्त ऑपरेशन चलाया और बच्चे को उस जोड़े से बचाया, जिन्होंने बच्चे को खरीदा था। अब बच्चा चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की निगरानी में है। हम इस मामले की आगे की जांच कर रहे हैं।”

आरोपी पहले से तीन बच्चों का पिता

चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के अनुसार, “जिस जोड़े ने बच्चा खरीदा था, वे करीब 15 साल से शादीशुदा थे, लेकिन उनके पास कोई संतान नहीं थी। इस कारण उन्होंने बच्चा खरीदा। शांति पात्रा और धर्मु पात्रा इस जोड़े से एक बिचौलिए के माध्यम से संपर्क में आए थे। यह जोड़ा बारिपदा नगर का निवासी है। हमें जानकारी मिली है कि इन लोगों ने 60,000 रुपये में बच्चे का लेन-देन किया। बेचने वाले पति के पहले से एक बच्चा था और दूसरे विवाह से दो बच्चे थे, इसलिए वह चौथे बच्चे की परवरिश में कठिनाई महसूस कर रहे थे। इसी कारण उन्होंने बच्चे को बारिपदा के जोड़े को बेच दिया।”

हॉस्पिटल में हुआ सौदा

चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने कहा, “यह सौदा सीधे अस्पताल में हुआ था। बच्चे को बेचने के बाद, धर्मु ने 60,000 रुपये से एक बाइक खरीदी और अपने क्षेत्र में घूमने लगे। हमें इस घटना की जानकारी स्थानीय लोगों से मिली। यह बच्चे की बिक्री और खरीदारी अवैध है, क्योंकि यह गोद लेने की नीति का पालन नहीं करता। हालांकि, हमने बच्चे को खुंता पुलिस की मदद से बचाया और अपनी देखरेख में रखा है। हम बेचने वाले जोड़े को इस मामले में जवाब देने के लिए बुलाएंगे। मामले की आगे की जांच जारी है।”

माँ ने आरोपों से किया इनकार

नवजात बच्चे की माँ शांति पात्रा ने आरोपों को नकारते हुए कहा, “हमने एक बच्चा पैदा किया, लेकिन हम इसे पालने में सक्षम नहीं थे। हमने उस बच्चे को एक ऐसे जोड़े को दान किया जिनके पास कोई बच्चा नहीं था। हम इस जोड़े से बारिपदा में एक परिचित के जरिए संपर्क में आए और उन्हें बच्चा दे दिया। हमें आरोपित किया गया है कि हम बच्चे को पैसे के लिए बेच रहे थे, लेकिन हमने कोई पैसा नहीं लिया। हमने अपनी पहचान पत्र के आधार पर बिना पैसे दिए एक बाइक खरीदी थी, लेकिन पैसे चुकता न करने के कारण शो रूम ने बाइक वापस ले ली।”

स्थिति वर्तमान में यह है कि नवजात को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की देखरेख में रखा गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

समाज में चिंता और पुलिस का कड़ा कदम

यह घटना समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है और यह सवाल उठाती है कि एक पिता अपने बच्चे को बेचने की मानसिकता कैसे बना सकता है। इस प्रकार के अपराधों की रोकथाम के लिए समाज में जागरूकता बढ़ाने और सख्त कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता है। इस मामले में पुलिस और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की तत्परता सराहनीय है, जो इस अपराध को उजागर करने और बच्चे को सुरक्षित करने में सफल रहे।

ओडिशा के हदामोड गांव में हुए इस दिल दहला देने वाले मामले ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना समाज की सोच और मानसिकता पर गंभीर सवाल खड़ा करती है। बच्चों के संरक्षण और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की जरूरत है। इस घटना के बाद, पुलिस और संबंधित विभागों को इस प्रकार के अपराधों की जांच और रोकथाम के लिए अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए।

Back to top button