ताजा समाचार

CJI Chandrachud ने किस निर्णय पर किया सरकार का समर्थन

CJI Chandrachud: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश DY चंद्रचूड़ ने सोमवार को मुंबई के बांद्रा क्षेत्र में बंबई उच्च न्यायालय के नए परिसर का भूमि पूजन किया। इस समारोह में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी उपस्थित थे। समारोह के दौरान, CJI ने यह स्पष्ट किया कि हालांकि न्यायपालिका पूरी तरह से स्वतंत्र है, फिर भी बजट और अदालतों के बुनियादी ढांचे के मामलों में अदालत सरकार के साथ खड़ी है।

बजट के मुद्दे पर CJI का स्पष्ट बयान

CJI चंद्रचूड़ ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अपने कार्यों को पूर्ण स्वतंत्रता के साथ करते हैं, लेकिन जब बजट और बुनियादी ढांचे की बात आती है, तो हम सरकार के साथ खड़े होते हैं। ये न्यायाधीशों के व्यक्तिगत परियोजनाएँ नहीं हैं।”

CJI Chandrachud ने किस निर्णय पर किया सरकार का समर्थन

यह बयान न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच सहयोग की आवश्यकता को उजागर करता है, विशेषकर न्यायिक बुनियादी ढांचे और आवश्यक संसाधनों के संबंध में। CJI ने यह भी कहा कि न्यायालयों के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए सरकार का सहयोग आवश्यक है, ताकि न्यायालय अधिक प्रभावी तरीके से काम कर सकें और न्याय की प्रक्रिया को तेज किया जा सके।

सरकार का न्यायपालिका के प्रति सहयोग

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस अवसर पर CJI के विचारों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा न्यायपालिका का समर्थन करेगी, जब भी नए बुनियादी ढांचे या अदालतों के डिजिटलीकरण जैसे किसी अन्य प्रोजेक्ट की बात आएगी। मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने की बात की कि सरकार ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के प्रति “प्रणाली को मजबूत किया है” ताकि महिलाओं के लिए तेज न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर ध्यान

मुख्यमंत्री शिंदे ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर चिंता व्यक्त की और कहा कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है। उन्होंने न्याय प्रणाली को मजबूत करने और महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख किया। यह स्पष्ट है कि न्यायपालिका और कार्यपालिका दोनों इस दिशा में एक साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

न्यायपालिका का बुनियादी ढांचा

CJI के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि न्यायपालिका केवल अपने कार्यों में स्वतंत्र नहीं है, बल्कि इसे प्रभावी ढंग से काम करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और संसाधनों की आवश्यकता है। न्यायालयों के पास नवीनतम तकनीक और सुविधाएं होनी चाहिए, ताकि वे तेज़ी से और कुशलता से काम कर सकें।

बजट का महत्व

बजट केवल न्यायपालिका के लिए नहीं, बल्कि समग्र प्रणाली के लिए भी महत्वपूर्ण है। CJI चंद्रचूड़ ने यह महत्वपूर्ण तथ्य उजागर किया कि न्यायपालिका के लिए पर्याप्त बजट न केवल उसके कार्यों को सुगम बनाता है, बल्कि न्यायालयों के माध्यम से समाज में न्याय की प्रक्रिया को भी तेज करता है। बजट के उचित आवंटन से अदालतों में लंबित मामलों को सुलझाने में मदद मिलेगी और लोगों का विश्वास न्याय प्रणाली में बढ़ेगा।

न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच सहयोग

यह निर्णय यह दर्शाता है कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच सहयोग और सामंजस्य की आवश्यकता है। यदि दोनों पक्ष एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करें, तो वे न्यायिक प्रणाली को अधिक प्रभावी और सक्षम बना सकते हैं।

डिजिटलीकरण का महत्व

डिजिटलीकरण के मुद्दे पर, मुख्यमंत्री शिंदे ने अदालतों में तकनीकी उन्नति के महत्व पर जोर दिया। न्यायालयों को आधुनिक तकनीक से लैस करना आवश्यक है, ताकि वे तेजी से और प्रभावी तरीके से काम कर सकें। इस दिशा में उठाए गए कदमों से न केवल न्याय प्रक्रिया में सुधार होगा, बल्कि यह नागरिकों के लिए भी एक बेहतर अनुभव प्रदान करेगा।

Back to top button