ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान में 100 किमी भीतर घुसे भारतीय फौजी, आतंक के 9 अड्डों को किया तबाह

भारत ने एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया कि वह अपने नागरिकों पर हमलों का जवाब देने में संकोच नहीं करता। 16 दिन पहले पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेते हुए भारतीय सेना ने बुधवार को आधी रात ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी संगठनों के 9 ठिकानों पर सटीक हमले किए। इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों के ट्रेनिंग कैंप, लॉन्च पैड और ऑपरेशन हेडक्वार्टर को निशाना बनाया गया।
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि यह कार्रवाई बेहद सटीक और सीमित दायरे में की गई। इसमें किसी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया, बल्कि केवल उन आतंकी ढांचों पर वार किया गया जहां भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों की साजिश रची जा रही थी। भारत ने संयम और रणनीतिक सोच के साथ ये हमले किए, ताकि युद्ध जैसी स्थिति पैदा न हो, लेकिन आतंकियों को भी स्पष्ट संदेश मिल जाए।
सबसे बड़ा हमला जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर स्थित मुख्यालय पर हुआ, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 100 किलोमीटर भीतर स्थित था। इसी मरकज सुभान अल्लाह से पुलवामा और पठानकोट जैसे बड़े हमलों की साजिशें रची गई थीं। इस परिसर को पूरी तरह जमींदोज कर दिया गया।
दूसरा बड़ा हमला मुरीदके में किया गया, जो लश्कर-ए-तैयबा का गढ़ माना जाता है। 26/11 मुंबई हमलों की प्लानिंग इसी सेंटर से हुई थी। इसके अलावा गुलपुर, कोटली, सवाई, बरनाला, सरजल, मेहमूना और बिलाल कैंप जैसे इलाकों को भी सफलतापूर्वक टारगेट किया गया। इनमें कई जगह ISI की प्रत्यक्ष निगरानी में संचालित हो रहे थे, और भारत में घुसपैठ की योजना बनाई जा रही थी।
गुलपुर और सवाई कैंप, हाल के सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम आतंकी हमलों से सीधे जुड़े थे। वहीं, मेहमूना और सरजल जैसे केंद्रों से स्थानीय आतंकियों को ट्रेनिंग और हथियार मुहैया कराए जा रहे थे। बरनाला और कोटली जैसे लॉन्चपैड पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे।
सूत्रों के मुताबिक इन हमलों में करीब 90 आतंकियों के मारे जाने की संभावना है। इनमें कुछ हाई-प्रोफाइल आतंकी कमांडर भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पूरे ऑपरेशन की बारीकी से निगरानी की और सेना को पूरी स्वतंत्रता दी गई।
ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई सैन्य ताकत से ज्यादा रणनीतिक कौशल का उदाहरण है, जिसमें लक्ष्य स्पष्ट था—भारत की सुरक्षा और आत्मसम्मान की रक्षा।