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“National anthem के सम्मान में खड़ा हुआ पेंटर, बच्चों की लापरवाही पर उभरे सवाल”

National anthem: हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक पेंटर स्कूल की दीवारों पर पेंटिंग का काम करते हुए नजर आ रहा है। वीडियो में एक तरफ पेंटर  दीवार पर खड़ा है और राष्ट्रीय गान बज रहा है, जबकि दूसरी तरफ बच्चे बिना किसी सम्मान के चलते जा रहे हैं। इस वीडियो को देखकर लोग सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि क्या देशभक्ति के लिए शिक्षा की आवश्यकता है?

वीडियो की पूरी कहानी

इस वायरल वीडियो में, पेंटर  ने एक दीवार पर पेंट करते हुए अपने हाथ में ब्रश थाम रखा है। जब राष्ट्रीय गान शुरू होता है, तो वह अपनी जगह पर स्थिर खड़ा हो जाता है और काम करना बंद कर देता है। दूसरी तरफ, स्कूल के छात्र बेफिक्र होकर चलते रहते हैं, आपस में बातें करते हैं, और किसी भी तरह का सम्मान नहीं दिखाते। यह दृश्य निश्चित रूप से लोगों को चौंका रहा है, और वीडियो अब तक 37 मिलियन बार देखा जा चुका है।

"National anthem के सम्मान में खड़ा हुआ पेंटर, बच्चों की लापरवाही पर उभरे सवाल"

सामाजिक मीडिया पर आक्रोश

वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। एक यूजर ने वीडियो पर टिप्पणी करते हुए लिखा, “इसलिए बच्चों को केवल फार्मूला सिखाने और अच्छे नंबर लाने के लिए मजबूर करने के बजाय, माता-पिता को उन्हें बुनियादी शिष्टाचार सिखाना चाहिए।” वहीं, एक और यूजर ने कहा कि यह पेंटर  उन बच्चों से बेहतर है।

कई यूजर्स ने पेंटर  को ‘सच्चा देशभक्त’ करार दिया है, जिन्होंने राष्ट्रीय गान के समय अपने कार्य को रोककर सम्मान दिखाया। भारतीय संस्कृति में यह एक बुनियादी शिष्टाचार है कि जब राष्ट्रीय गान बजे, तो सभी को खड़ा होना चाहिए और सम्मान दिखाना चाहिए।

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राष्ट्रीय गान का महत्व

भारत का राष्ट्रीय गान, ‘जन गण मन’, केवल एक गीत नहीं है; यह हमारे देश की एकता, अखंडता और विविधता का प्रतीक है। इस गान का सम्मान करना हर भारतीय का कर्तव्य है। हालांकि, इस सम्मान को दिखाने के लिए कोई अनिवार्य कानून नहीं है, फिर भी यह सामाजिक आचार-व्यवहार का एक हिस्सा माना जाता है।

बच्चों की शिक्षा पर सवाल

वीडियो के आने के बाद, यह सवाल उठता है कि क्या आज की शिक्षा प्रणाली बच्चों को सही मायने में देशभक्ति और शिष्टाचार सिखा रही है? क्या हम केवल अंकों के पीछे भाग रहे हैं और नैतिक मूल्यों को भूलते जा रहे हैं? इस घटना ने हमें एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम अपने बच्चों को सच्ची शिक्षा दे रहे हैं।

समाज की जिम्मेदारी

यह सिर्फ स्कूलों की जिम्मेदारी नहीं है; माता-पिता और समाज के अन्य सदस्यों को भी अपने बच्चों को ऐसे मूल्यों की शिक्षा देनी चाहिए। उन्हें यह समझाना चाहिए कि देश का सम्मान करना और शिष्टाचार दिखाना कितना महत्वपूर्ण है।

वीडियो में पेंटर  का कार्य रोककर सम्मान दिखाना एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जो हमें बताता है कि असली देशभक्ति केवल शिक्षा में नहीं, बल्कि कार्यों में भी प्रकट होती है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि एक व्यक्ति की शिक्षा का स्तर उसके विचारों और आचरण का निर्धारण नहीं करता। असली देशभक्ति और आदर्श व्यवहार केवल शिक्षा के डिग्री से नहीं, बल्कि इंसानियत और नैतिक मूल्यों से जुड़ा होता है।

इस घटना ने समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि हमें अपने बच्चों को केवल शिक्षा नहीं, बल्कि सही नैतिक मूल्य और आचार-व्यवहार भी सिखाना चाहिए। तभी हम एक सच्चे और जिम्मेदार नागरिक बना पाएंगे।

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वीडियो की लोकप्रियता

इस वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। लोग इस वीडियो को साझा कर रहे हैं, जिससे यह संदेश और भी अधिक व्यापक हो रहा है। इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि कभी-कभी सबसे सरल दृश्य सबसे गहरे संदेश दे सकते हैं।

इस प्रकार, इस वीडियो ने हम सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हम अपनी युवा पीढ़ी को कैसे शिक्षित कर रहे हैं और उन्हें सही दिशा में ले जाने के लिए हमें क्या कदम उठाने चाहिए।

समापन टिप्पणी

इस मामले में, पेंटर  की भक्ति ने बच्चों के व्यवहार पर सवाल खड़ा किया है। यह एक याद दिलाने वाली घटना है कि सच्चा सम्मान और देशभक्ति केवल शिक्षा से नहीं, बल्कि व्यक्तिगत कार्यों और आचरण से भी प्रदर्शित होते हैं। आइए हम सभी इस बात का ध्यान रखें और अपने बच्चों को सही मूल्य सिखाने का प्रयास करें ताकि वे न केवल अच्छे छात्र बनें, बल्कि अच्छे नागरिक भी बन सकें।

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