Punjab की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की नापाक गतिविधियां लगातार जारी हैं। पिछले 10 महीनों में सीमा पार से 182 ड्रोन भारतीय क्षेत्र में भेजे गए हैं, जिनमें से केवल 60 ड्रोन 2023 में पकड़े गए। यह पिछले साल की तुलना में 112 अधिक ड्रोन हैं। अक्टूबर के महीने में अकेले 27 ड्रोन भेजे गए, जिनमें से अधिकांश को बीएसएफ ने नष्ट कर दिया।
ड्रोन और उनके उद्देश्य
पाकिस्तान द्वारा भेजे जा रहे ये ड्रोन मुख्य रूप से ड्रग्स, हथियारों आदि की तस्करी के लिए उपयोग किए जाते हैं। ये सभी ड्रोन चीन में निर्मित हैं और उनकी पहचान करने के लिए बीएसएफ द्वारा विकसित एंटी-ड्रोन सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है। यह सिस्टम ड्रोन को दिशा भटकाने की क्षमता रखता है, जिससे भारतीय सीमा पर और अधिक ड्रोन पकड़ने में मदद मिली है।
तस्करी और गिरफ्तारी
अक्टूबर महीने में बीएसएफ ने 74 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया और 217 किलोग्राम हेरोइन भी बरामद की। इसके अलावा, 45 मैगजीन और 405 गोलियां भी जब्त की गईं। पंजाब की पांच सीमाओं पर तस्करी के प्रयास बढ़ रहे हैं, जिनमें राजस्थान का श्री गंगानगर जिला भी शामिल है, जो पाकिस्तान से सटा हुआ है।
अक्टूबर में ड्रग्स की बरामदगी
पाकिस्तान की नापाक गतिविधियों के तहत, अक्टूबर में विभिन्न स्थानों से कई बार ड्रोन और हेरोइन बरामद की गई।
- 2 अक्टूबर: तरन तरन में 1 किलोग्राम 830 ग्राम हेरोइन
- 4 अक्टूबर: अमृतसर में 550 ग्राम हेरोइन
- 10 अक्टूबर: तरन तरन में 13 किलोग्राम 160 ग्राम हेरोइन और ड्रोन
- 11 अक्टूबर: फिरोज़पुर में ड्रोन, पिस्टल और मैगज़ीन बरामद
- 31 अक्टूबर: अमृतसर में 5 ड्रोन बरामद, साथ में 1.25 किलोग्राम हेरोइन
बीएसएफ की कार्रवाई
गुरुवार की रात, सीमा पर दो ड्रोन भारतीय क्षेत्र में भेजे गए थे। बीएसएफ ने दोनों ड्रोन को गिरा दिया और खोज अभियान के दौरान 1.25 किलोग्राम हेरोइन भी बरामद की। बीएसएफ जवानों ने क्षेत्र में सक्रियता दिखाई और ड्रोन को निशाना बनाकर उन्हें गिराने में सफल रहे।
चुनौतियाँ और सुरक्षा उपाय
बीएसएफ के अनुसार, ड्रोन के उपयोग से तस्करों को बार्बेड वायर तक पहुंचने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। पंजाब के 553 किमी लंबे अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ ने 18 बटालियन तैनात की हैं, जबकि दो अन्य बैकअप में हैं।
ड्रोन के बढ़ते प्रयोग
ड्रोन का उपयोग 2018-2019 से शुरू हुआ और पहले बड़े हेक्साकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया, लेकिन अब छोटे क्वाडकॉप्टर्स का प्रयोग अधिक हो रहा है। ये छोटे ड्रोन 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकते हैं और 6,000 मीटर की ऊंचाई तक पहुंच सकते हैं। इन ड्रोन की लागत कम है और ये आधे किलोग्राम तक का भार ले जा सकते हैं।
पंजाब की सीमा पर ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के मामले में पाकिस्तान की नापाक योजनाएँ स्पष्ट हैं। बीएसएफ और अन्य सुरक्षा बलों को इन गतिविधियों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। समय के साथ, यदि इन गतिविधियों पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो यह न केवल पंजाब, बल्कि पूरे देश की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बन सकता है।
इस प्रकार, ड्रोन के माध्यम से तस्करी के प्रयासों को रोकना और सीमा पर सुरक्षा बढ़ाना अब आवश्यक हो गया है। बीएसएफ की कार्रवाई और स्थानीय पुलिस की निगरानी इन गतिविधियों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। भारत सरकार को भी इस मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि देश की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और इस तरह की गतिविधियों पर काबू पाया जा सके।