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Punjab में पंचायत चुनाव खत्म, फिर भी नहीं थम रही हिंसा, होशियारपुर में जीत का जश्न मनाते समर्थक की हत्या

Punjab में पंचायत चुनाव खत्म हो चुके हैं, लेकिन हिंसा का सिलसिला जारी है। गांव देविदा कलां में सरपंच की जीत का जश्न मनाने वाले लोगों पर दूसरी गुट के द्वारा देर रात हमले में एक व्यक्ति की जान चली गई। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में भय और तनाव पैदा कर दिया है।

घटना का विवरण

गांव देविदा कलां में, मेजर सिंह ने सरपंच चुनाव जीतने के बाद अपने समर्थकों के साथ जश्न मना रहे थे। इसी दौरान, उनके विरोधी गुट के समर्थकों ने उन पर हमला किया। हमलावरों ने हरभजन सिंह बग्गा पर कई बार चाकू से वार किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए और वहीं गिर पड़े। हमलावर मौके से फरार हो गए। हरभजन को तुरंत सरकारी अस्पताल होशियारपुर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

गांव में तनाव का माहौल

हरभजन की हत्या ने गांव में तनाव पैदा कर दिया है। पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। इस घटना से यह साफ हो गया है कि पंचायत चुनाव के बाद भी राजनीतिक तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है।

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डाक्टर दंपत्ति पर हमला

वहीं, फाजिल्का के धानी बीरबल गांव में भी पंचायत चुनाव के विवाद के चलते डॉ. देवी लाल के घर पर दर्जनों लोगों ने हमला किया। हमलावरों ने उनके दो वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। डाक्टर दंपत्ति और उनका परिवार अपने प्राण बचाने के लिए एक स्टोर में छिप गए। इस घटना ने भी गांव में आतंक पैदा किया है।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो

हॉशियापुर जिले के चरेड़िया गांव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें हार गए उम्मीदवार को अपने समर्थकों के साथ लोगों पर हमला करते हुए देखा जा सकता है। यह वीडियो पंचायत चुनाव के बाद की हिंसा का एक और उदाहरण है।

कानून-व्यवस्था की स्थिति

कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने कड़े कदम उठाए हैं। खानपुर गांव में पूर्व सरपंच अशोक कुमार समेत 80 लोगों के खिलाफ चुनावी कर्मियों के काम में बाधा डालने और पुलिस पर हमला करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

चुनावी हिंसा का असर

मोगा के कोटला मेहर सिंह वाला गांव में चुनाव के दिन गोली लगने से घायल हुए गुरचरण सिंह ने भी गुरुवार को दम तोड़ दिया। चुनावी हिंसा ने कई परिवारों को दुख और पीड़ा में डाल दिया है, और इसने चुनावी प्रक्रिया की गंभीरता पर सवाल उठाया है।

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पातें व गाँवों में झगड़े

फिरोजपुर जिले के चिम्बे वाला चक सरकार गांव में एक अन्य घटना में, 50 से अधिक सशस्त्र लोगों ने पंच किशन सिंह के घर पर हमला किया। आरोप है कि गांव के निर्वाचित सरपंच ने इस हमले का आदेश दिया था, क्योंकि उनके समर्थकों की चुनाव में हार हुई थी। CCTV कैमरे में कैद हुई इस घटना में हमलावरों ने घर के मुख्य दरवाजे को तोड़कर अंदर घुसकर सभी पर लाठियों और लोहे की छड़ों से हमला किया।

हिंसा के पीछे की वजहें

पंचायत चुनाव के परिणामों के बाद, राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और व्यक्तिगत दुश्मनी ने हिंसा का रूप ले लिया है। चुनावी राजनीति में हमेशा से ऐसी घटनाएं होती रही हैं, लेकिन इस बार की हिंसा ने सिख समुदाय के लिए चिंता बढ़ा दी है।

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