Panic again in Kerala: धमाके जैसी आवाजों और भूकंप के झटकों से लोग डरे, 280 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया
Panic again in Kerala: केरल के कासरगोड जिले के अनक्कल्लु क्षेत्र में मंगलवार रात को अचानक धमाके जैसी आवाजें और भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए, जिससे वहां के लोगों में अफरा-तफरी मच गई। इस घटना से डर के कारण करीब 280 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। लोग पहले ही नीलेश्वरम में हुए आतिशबाजी हादसे से सदमे में थे और अब इस नई घटना ने उनकी चिंताओं को और बढ़ा दिया।
280 लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंचाए गए
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंगलवार रात को 85 परिवारों के 280 लोगों को पास के एक स्कूल में सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। पहली धमाके जैसी आवाज़ रात 9:15 बजे सुनी गई। इसके बाद रात 10:15 बजे भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए, और फिर 10:45 बजे एक और धमाके जैसी आवाज आई। ये आवाजें एक से दो किलोमीटर के दायरे में सुनी गईं, जिससे आसपास के गांवों में भय का माहौल बन गया।
घटनास्थल पर पहुंचे अधिकारी
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, राजस्व विभाग के अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और एहतियातन इन परिवारों को पास के एक स्कूल में रात को ही सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। बुधवार सुबह से लोगों ने धीरे-धीरे अपने घरों की ओर लौटना शुरू किया। हालांकि, धमाके जैसी आवाजों और भूकंप के झटकों के कारण का अब तक पता नहीं चल पाया है। प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
नीलेश्वरम के मंदिर में आतिशबाजी हादसा
इस घटना से पहले, सोमवार और मंगलवार की रात के बीच कासरगोड जिले के नीलेश्वरम क्षेत्र में ‘अंजुथंबलम वीरकवु मंदिर’ में वार्षिक उत्सव के दौरान एक बड़ा हादसा हुआ था। यहां चल रहे ‘कलियाट्टम’ उत्सव, जिसे ‘तेय्यम’ के नाम से भी जाना जाता है, के दौरान आतिशबाजी के समय अचानक आग लगने से 154 लोग घायल हो गए, जिनमें से आठ की हालत गंभीर बताई जा रही है। इस धार्मिक आयोजन में हजारों लोग शामिल हुए थे और इसी दौरान यह हादसा हुआ।
कैसे हुआ आतिशबाजी हादसा?
पुलिस के अनुसार, आतिशबाजी के दौरान जब एक चिंगारी पटाखों के स्टोरेज एरिया में गिर गई, तो पूरे पटाखों के ढेर में विस्फोट हो गया। पटाखों का स्टोरेज एरिया आतिशबाजी स्थल से 100 मीटर की दूरी पर था, लेकिन वहां पटाखों का भंडार रखते समय एहतियात नहीं बरती गई थी। चिंगारी के कारण यह हादसा हुआ और विस्फोट इतना जोरदार था कि इससे आग की लपटें दूर तक दिखाई दीं। इस हादसे में कई लोग गंभीर रूप से जल गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
घटनाओं की कड़ी में जोड़
केरल में इस तरह की घटनाओं का सिलसिला हाल ही में बढ़ा है, जिससे लोग सहमे हुए हैं। पहले नीलेश्वरम में हुए आतिशबाजी हादसे ने लोगों को डराया और अब अनक्कल्लु क्षेत्र में धमाके जैसी आवाजों और भूकंप के झटकों ने हालात को और भयावह बना दिया है। यहां के लोग इन अजीब घटनाओं का कारण जानना चाहते हैं और प्रशासन से सुरक्षा की उम्मीद कर रहे हैं।
अधिकारी क्या कह रहे हैं?
अधिकारियों ने बताया कि अनक्कल्लु क्षेत्र में धमाके जैसी आवाजों का स्रोत अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। हालांकि, यह जांच का विषय है और लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की घटनाओं में घबराने की बजाय सावधानी बरतनी चाहिए। राजस्व विभाग और पुलिस द्वारा इस घटना की गहराई से जांच की जा रही है ताकि घटना के मूल कारण का पता लगाया जा सके।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
कुछ भूवैज्ञानिक और विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की आवाजें और हल्के भूकंप के झटके क्षेत्र में भूगर्भीय अस्थिरता का संकेत हो सकते हैं। केरल जैसे तटीय क्षेत्रों में ऐसे बदलाव सामान्यतः भूकंप से जुड़े होते हैं, लेकिन इनका कारण प्राकृतिक या मानवीय गतिविधियां भी हो सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इन घटनाओं का कारण जानने के लिए व्यापक स्तर पर अध्ययन और जांच की आवश्यकता है।
लोगों में डर और बढ़ती चिंताएं
नीलेश्वरम मंदिर हादसे और अनक्कल्लु में धमाके जैसी आवाजों की घटनाओं के बाद केरल के लोगों में डर बढ़ता जा रहा है। लोग अपने घरों में सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं और किसी अनहोनी के अंदेशे में जी रहे हैं। प्रशासन को लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता इंतजाम करने की आवश्यकता है।
भविष्य की सुरक्षा के उपाय
इन घटनाओं के बाद प्रशासन के सामने चुनौती है कि वह भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए क्या कदम उठाए। विशेषकर त्योहारों के दौरान आतिशबाजी के समय अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। पटाखों का उचित भंडारण और सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य होना चाहिए। साथ ही, भूकंप जैसे प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए भी सरकार को ठोस योजना बनानी होगी।