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Parliament Scuffle Incident: BJP सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत अस्पताल से डिस्चार्ज

Parliament Scuffle Incident: संसद परिसर में विपक्ष और एनडीए सांसदों के बीच हाल ही में हुए झगड़े में घायल हुए दो बीजेपी सांसदों को राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल से सोमवार को छुट्टी दे दी गई। ओडिशा से बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी (69) और उत्तर प्रदेश से सांसद मुकेश राजपूत को 19 दिसंबर को सिर में चोट लगने के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था। अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, “दोनों सांसदों की हालत अब बेहतर है और उन्हें छुट्टी दे दी गई है।” उन्हें आईसीयू में निगरानी के तहत रखा गया था और शनिवार को वार्ड में स्थानांतरित किया गया था।

मुकेश राजपूत की बेहोशी और सिर में चोट

डॉक्टरों के मुताबिक, प्रताप सारंगी को हृदय रोग है और उनके दिल में स्टेंट डाला गया है। आरएमएल अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. शुक्ला ने पहले कहा था कि एमआरआई और सीटी स्कैन में चोटें गंभीर नहीं पाई गई थीं। डॉ. शुक्ला ने बताया, “जब सारंगी को अस्पताल लाया गया, तो उनके माथे से काफी खून बह रहा था। उनके माथे पर गहरी चोट थी, जिसे टांकें लगाए गए।” उन्होंने यह भी बताया कि “राजपूत को भी सिर में चोट आई थी, जिसके बाद वह तुरंत बेहोश हो गए थे। हालांकि, जब उन्हें अस्पताल लाया गया तो वह होश में थे और उनका रक्तचाप बहुत ज्यादा था।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों सांसदों की हालत के बारे में जानकारी ली

अस्पताल में भर्ती होने के बाद, कई बीजेपी सांसदों सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत से फोन पर बात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा। पीएम मोदी ने दोनों सांसदों से कहा कि उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है, वे जल्द ठीक हो जाएंगे। इसके बाद, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, शिवराज सिंह चौहान, गिरिराज सिंह जैसे कई नेताओं ने अस्पताल जाकर दोनों सांसदों से मुलाकात की और उनका हाल-चाल पूछा।

संसद में हंगामा: क्या हुआ था उस दिन?

19 दिसंबर को संसद परिसर में विपक्ष और एनडीए सांसदों के बीच जोरदार हंगामा हुआ था, जिसमें दोनों पक्षों के सांसदों के बीच झड़प हो गई। यह घटना तब हुई जब विपक्षी सांसदों ने कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जबकि एनडीए सांसदों ने सरकार का समर्थन किया। इस दौरान दोनों पक्षों के सांसदों के बीच तीखी नोंकझोंक और शारीरिक झड़पें भी हुईं। इस विवाद में बीजेपी के दो सांसद घायल हो गए, जिन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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प्रताप सारंगी की चोटों के बारे में विस्तार से जानकारी

प्रताप सारंगी, जो ओडिशा से बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं, का स्वास्थ्य पहले से ही हृदय रोग से संबंधित था। जब उन्हें अस्पताल लाया गया, तो उनके माथे पर गंभीर चोट लगी हुई थी और काफी खून बह रहा था। डॉक्टरों ने उनका इलाज किया और उन्हें गहरी चोट से बचाया। हालांकि, उनकी स्थिति को लेकर डॉक्टरों ने राहत की खबर दी और कहा कि उनकी हालत स्थिर है और चिंता की कोई बात नहीं है।

मुकेश राजपूत की स्थिति और इलाज

उत्तर प्रदेश से बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत को सिर में चोट लगने के बाद तत्काल अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि मुकेश राजपूत को चोट लगने के बाद बेहोशी का सामना करना पड़ा, लेकिन बाद में उन्हें होश आ गया। उनके रक्तचाप की स्थिति चिंता जनक थी, लेकिन समय रहते उन्हें इलाज मिल गया और अब उनकी हालत में सुधार हो चुका है। अस्पताल में इलाज के दौरान राजपूत के स्वास्थ्य को लेकर डॉक्टरों ने नियमित निगरानी रखी और उन्हें जल्द ही स्वस्थ घोषित किया गया।

बीजेपी नेताओं की समर्थन में सक्रियता

अस्पताल में भर्ती दोनों सांसदों की स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल फोन पर, बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी उनकी कुशलक्षेम पूछी। प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए एक संजीवनी बूटी की तरह था। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, शिवराज सिंह चौहान और गिरिराज सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं ने भी अस्पताल जाकर दोनों सांसदों से मुलाकात की और उनका मनोबल बढ़ाया। बीजेपी के नेताओं द्वारा दिखाए गए इस समर्थन से यह स्पष्ट हो गया कि पार्टी अपने नेताओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है।

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संसद में इस प्रकार के हंगामे पर सवाल उठ रहे हैं

संसद में हुए इस हंगामे और झगड़े ने एक बार फिर से भारतीय राजनीति में असहमति और विरोध के तरीकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर सरकार और विपक्ष के बीच स्वस्थ लोकतांत्रिक बहस की उम्मीद की जाती है, वहीं दूसरी ओर शारीरिक झगड़े और हिंसा जैसे घटनाएं चिंता का विषय बन गई हैं। कई राजनीतिक विश्लेषक यह मानते हैं कि इस प्रकार की घटनाएं भारतीय संसद की गरिमा को नुकसान पहुंचाती हैं और इसे पूरी दुनिया में गलत संदेश भेजती हैं।

संसद परिसर में हुए इस झगड़े में घायल हुए दोनों बीजेपी सांसदों की स्वास्थ्य स्थिति अब स्थिर है और उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने उनकी कुशलक्षेम पूछी और उनका मनोबल बढ़ाया। हालांकि, इस घटना ने एक बार फिर से संसद में असहमति के निपटारे के तरीके और राजनीतिक विरोध की स्वस्थ संस्कृति पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अब यह देखना होगा कि भविष्य में संसद के अंदर इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं, ताकि लोकतंत्र की गरिमा बनी रहे।

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