PM मोदी ने जम्मू-कश्मीर की यात्रा के दौरान पहना “फिरन”, एक कश्मीरी किसान ने भेंट किया था यह परिधान
PM Modi की जम्मू-कश्मीर यात्रा के दौरान पहना गया “फिरन” एक भावुक कहानी का प्रतीक है। यह पारंपरिक कश्मीरी वस्त्र, जो कि जैकेट की तरह शरीर के ऊपर पहना जाता है और ठंड से बचाव के लिए उपयोग किया जाता है, कश्मीर के एक किसान इरशाद द्वारा पीएम मोदी को भेंट किया गया था। इस फिरन की कहानी इस तरह है कि यह न केवल एक पारंपरिक वस्त्र का प्रदर्शन है बल्कि यह एक किसान की इच्छा और समर्पण का भी प्रतीक है।
किसान की कहानी
इरशाद हुसैन नाइकू, जो कि अनंतनाग के एक खेतिहर मजदूर हैं, ने 2013 में प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का सपना देखा था। अपनी वित्तीय स्थितियों के बावजूद, इरशाद ने पीएम मोदी के लिए एक उपहार खरीदने के लिए पैसे बचाना शुरू किया। वर्षों की बचत के बाद, उन्होंने सोचा कि वह पीएम मोदी को कौन सा उपहार दें। आखिरकार, उन्होंने यह निर्णय लिया कि वे प्रधानमंत्री के लिए पारंपरिक कश्मीरी वस्त्र “फिरन” बनाएंगे।
फिरन की तैयारियां
फिरन बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। इरशाद ने ध्यानपूर्वक कपड़े का चयन किया, लेकिन एक समस्या आई – उन्हें पीएम मोदी के शरीर के माप की जानकारी नहीं थी। उन्होंने सोचा कि उनके पिता की शारीरिक संरचना पीएम मोदी से मेल खाती है, इसलिए उन्होंने अपने पिता को दर्जी के पास ले जाकर माप दिलवाया और फिरन बनाने की दिशा में निर्देश दिए। जब कपड़ा तैयार हो गया, तो इरशाद ने अनंतनाग से दिल्ली की यात्रा की ताकि वह उपहार पीएम मोदी को भेंट कर सके।
दिल्ली पहुँचने पर, इरशाद को प्रधानमंत्री निवास के गेट पर सुरक्षा व्यवस्था की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। सुरक्षा के कारण वह अंदर नहीं जा सके, इसलिए उन्होंने सोचा कि वह कश्मीर वापस लौट जाएं और उपहार को कूरियर के माध्यम से भेज दें।
पीएमओ से कॉल
कुरियर से उपहार भेजने के कुछ दिन बाद, इरशाद को एक अनपेक्षित कॉल मिली। फोन पर आवाज़ थी, “आप प्रधानमंत्री निवास पर गए थे, सही? इरशाद ने एक उपहार भेजा था, जिसमें उनके पूरे पते और फोन नंबर के साथ एक पत्र था।” यह कॉल प्रधानमंत्री कार्यालय से थी। पीएमओ के अधिकारी ने इरशाद से विस्तृत जानकारी ली और बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके द्वारा भेजे गए उपहार को पहना है। प्रधानमंत्री इस समय कश्मीर में हैं और श्रीनगर में एक रैली को संबोधित कर रहे हैं, जिसमें वे इरशाद द्वारा भेजे गए फिरन को पहन रहे हैं।
इरशाद को यह सुनकर विश्वास नहीं हुआ। उस समय वह अपने खेतों में काम कर रहे थे और खुशी के मारे वे घर लौटे। उन्होंने एक दोस्त से ऑनलाइन कार्यक्रम की जानकारी ली और देखा कि प्रधानमंत्री वास्तव में उनके भेजे हुए फिरन को पहने हुए हैं।
समाज में फिरन की भूमिका
फिरन, जो कश्मीरी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, अब नरेंद्र मोदी के साथ एक नई पहचान प्राप्त कर चुका है। यह न केवल कश्मीर के पारंपरिक परिधान की सुंदरता को दर्शाता है बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे एक साधारण किसान की भावना और समर्पण ने राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी पहचान प्राप्त की। यह घटना यह भी दर्शाती है कि किसी भी सांस्कृतिक वस्त्र या परिधान का महत्व केवल उसकी भौतिक विशेषताओं में नहीं बल्कि उसके पीछे की भावना और प्रयास में भी होता है।
पीएम मोदी की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपहार की सराहना की और इसे एक आदर्श उदाहरण बताया कि कैसे भारतीय संस्कृति और पारंपरिक वस्त्र अभी भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। इस तरह के गहनों और वस्त्रों के माध्यम से हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित कर सकते हैं और यह दिखा सकते हैं कि कैसे प्रत्येक वस्त्र और परिधान में एक कहानी छिपी होती है।