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Politics: संसद में हंगामा सिर्फ टीवी पर दिखने के लिए हो रहा है, किरेन रिजिजू का भारत मंडपम में तीखा हमला

Politics: हाल ही में संसद में चल रहे हंगामे और नकारात्मक प्रभाव को लेकर केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने संसद में हो रहे हंगामे पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि यह हंगामा केवल टीवी पर दिखने के लिए किया जा रहा है, जो कि बिल्कुल सही नहीं है। यह देश की लोकतांत्रिक प्रणाली और समाज की वास्तविक समस्याओं को दरकिनार कर देता है।

संसद में हंगामे की संस्कृति पर सवाल

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने यह बयान भारत मंडपम में आयोजित ‘संत ईश्वर सम्मान समारोह’ के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि समाज में आज असली नायकों की तुलना में नकारात्मक प्रभाव डालने वाले लोग ज्यादा लोकप्रिय हो रहे हैं। ऐसे लोगों के लाखों अनुयायी हैं, जो समाज में एक गलत उदाहरण पेश करते हैं। रिजिजू ने कहा कि यह सोचने का विषय है कि हमारे असली नायक कौन होने चाहिए?

आज की राजनीति में गिरते स्तर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि केवल अच्छा काम करके आज के समय में वोट नहीं मिलते। समाज में बहुत कम लोग बचे हैं, जो वास्तव में अच्छे कामों को मान्यता देते हैं। इससे राजनीति में नकारात्मकता और निराशा का माहौल बनता है, जो लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है।

संत ईश्वर सम्मान समारोह का आयोजन

भारत मंडपम में आयोजित इस विशेष समारोह में 17 अनाम साधकों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने कला, साहित्य, पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया है। समारोह के दौरान प्रसिद्ध कवि और राजनीतिक विचारक कुमार विश्वास को भी सम्मानित किया गया।

मुख्यमंत्री मोहन यादव की उपस्थिति

इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी शिरकत की। उन्होंने कहा कि संत ईश्वर जैसे कार्यक्रम का हिस्सा बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मुख्यमंत्री ने इस आयोजन की सराहना की और इसे भारतीय संस्कृति की सेवा भावना को जीवंत रखने वाला अनूठा और सफल प्रयोग बताया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान भारतीय धर्म और संस्कृति की उन परंपराओं को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सेवा और समाज के कल्याण की भावना पर आधारित हैं।

Politics: संसद में हंगामा सिर्फ टीवी पर दिखने के लिए हो रहा है, किरेन रिजिजू का भारत मंडपम में तीखा हमला

धर्म और राजनीति का तालमेल

कार्यक्रम में कवि कुमार विश्वास ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और इस अवसर पर उन्होंने राजनीति और धर्म के बीच संबंधों पर गहन विचार रखे। उन्होंने कहा कि जिस देश में धर्म, राजधर्म से ऊपर होता है, वह देश सबसे श्रेष्ठ होता है। उन्होंने भारतीय संसद में संगोल की स्थापना को इसका उदाहरण बताया। संगोल, जो भारतीय संस्कृति और धर्म की परंपरा का प्रतीक है, उसे संसद में स्थापित करके एक नया संदेश दिया गया है कि भारतीय राजनीति में धर्म का महत्व आज भी कायम है।

राजनीति में गिरते स्तर की चिंता

कुमार विश्वास और किरेन रिजिजू दोनों ने राजनीति में गिरते स्तर पर चिंता जताई। जहां रिजिजू ने संसद में हो रहे हंगामे और राजनीति में नकारात्मक प्रभाव डालने वालों की लोकप्रियता पर सवाल उठाया, वहीं कुमार विश्वास ने धर्म और राजनीति के सही तालमेल की ओर इशारा किया।

रिजिजू ने यह भी कहा कि आज का समाज वास्तविकता से हटकर लोकप्रियता की दौड़ में लगा हुआ है। उन्होंने इस पर भी जोर दिया कि समाज को उन लोगों को नायक बनाना चाहिए जो वास्तविक रूप से समाज के लिए कार्य कर रहे हैं, न कि उन लोगों को जो नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

सच्चे नायकों की कमी

रिजिजू का यह बयान समाज और राजनीति के उस पहलू को उजागर करता है, जिसमें असली नायकों की पहचान करने की जरूरत है। आज की राजनीति में, जहां नकारात्मक प्रचार और विवादों से लोकप्रियता हासिल की जाती है, वहां सच्चे नायकों की कमी स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समाज को अपने वास्तविक नायकों को पहचानने की जरूरत है, ताकि राजनीति और समाज के बीच की खाई को पाटा जा सके।

संसद में हंगामे का वास्तविक उद्देश्य

रिजिजू का यह बयान उस समय आया है जब संसद में लगातार हंगामे की खबरें सामने आ रही हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह हंगामा केवल टीवी पर दिखने के लिए किया जा रहा है, जो कि समाज और लोकतंत्र के लिए हानिकारक है। यह स्थिति समाज में एक गलत संदेश भेजती है, जिससे लोग सोचते हैं कि नकारात्मकता और हंगामे से ही लोकप्रियता हासिल की जा सकती है।

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