Punjab Bandh: यात्री और मरीज हुए परेशान, मोहाली की बाजारें रही बंद
Punjab Bandh का असर पूरे राज्य और चंडीगढ़ समेत ट्राइसिटी पर व्यापक रूप से देखने को मिला। जहां एक ओर चंडीगढ़ में बाजार खुले रहे, वहीं मोहाली और पंजाब के अन्य शहरों से आने वाले लोगों को चंडीगढ़ की सीमा पार करने की अनुमति नहीं दी गई। इस बंद ने न केवल यात्रियों और बाजारों पर असर डाला, बल्कि अस्पतालों में इलाज कराने आए मरीजों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
यात्रियों को झेलनी पड़ी कठिनाइयां
पंजाब बंद के चलते यात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। चंडीगढ़ के सेक्टर-43 स्थित बस स्टैंड पर सुबह से ही सन्नाटा पसरा हुआ था। पंजाब, हिमाचल प्रदेश और अन्य स्थानों की ओर जाने वाले यात्री वहां खड़े होकर बसों का इंतजार कर रहे थे, लेकिन बसें उपलब्ध नहीं थीं।
चंडीगढ़ और मोहाली की सीमा पर मुल्लांपुर बैरियर पर पूरे दिन लंबा जाम लगा रहा। किसान वहां धरने पर बैठे रहे, जिससे हिमाचल प्रदेश से आने वाले वाहनों को भी रोक दिया गया। जो वाहन चालक नई चंडीगढ़ के रास्ते बद्दी जाना चाहते थे, उन्हें भी आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई।
ओपीडी मरीजों को हुई परेशानी
पंजाब और अन्य स्थानों से पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज कराने आए मरीजों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई मरीज, जिन्हें ओपीडी में दिखाना था, जाम में फंसे रहने के कारण अस्पताल तक नहीं पहुंच सके। हालांकि, किसान संगठनों का दावा है कि अस्पताल जाने वाले मरीजों को नहीं रोका जा रहा है, लेकिन जाम के कारण उनकी आवाजाही प्रभावित हुई।
चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट पर भी पड़ा असर
चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (CTU) की लोकल रूट्स पर चलने वाली बस सेवाएं भी प्रभावित हुईं। कई बसों को मोहाली और पंजाब के अन्य भागों में जाने के बजाय चंडीगढ़ की सीमा पर ही रोक दिया गया। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बंद समाप्त होने के बाद ही बस सेवाओं को पूरी तरह से बहाल किया जाएगा।
पंचकूला में भी यात्री परेशान
पंजाब बंद का असर पंचकूला में भी देखने को मिला। यहां से पंजाब जाने वाली बसों का संचालन पूरी तरह से बंद रहा। 25 बसों के रूट बदलने से यात्रियों को भारी दिक्कतें हुईं। पंचकूला बस स्टैंड पर यात्री अपने सामान के साथ इधर-उधर भटकते रहे, लेकिन उन्हें पंजाब जाने के लिए कोई बस नहीं मिली।
मोहाली में बाजार रहे पूरी तरह बंद
पंजाब बंद का सबसे अधिक प्रभाव ट्राइसिटी के मोहाली में देखा गया। यहां की बाजारों में सुबह से ही सन्नाटा पसरा रहा। मोहाली के फेज-7 की पूरी बाजार बंद रही। दुकानदारों ने पंजाब बंद का समर्थन करते हुए अपनी दुकानें बंद रखीं। इसके अलावा, सरकारी बैंक भी बंद रहे।
किसानों का प्रदर्शन और उनके दावे
किसान संगठनों ने मुल्लांपुर बैरियर पर सड़क पर बैठकर प्रदर्शन किया। उन्होंने दावा किया कि उनके इस बंद का मकसद शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाना है। उनका कहना है कि अस्पताल जाने वाले मरीजों और आपातकालीन सेवाओं को नहीं रोका जा रहा है। लेकिन जमीनी स्तर पर जाम और यातायात बाधित होने के कारण आम लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
व्यापार और यातायात पर प्रभाव
पंजाब बंद के कारण चंडीगढ़ और ट्राइसिटी के आर्थिक और परिवहन गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। मोहाली में दुकानदारों ने समर्थन के चलते अपनी दुकानें बंद रखीं, जिससे आमदनी में भारी गिरावट आई।
यात्रियों और मरीजों की परेशानी पर प्रशासन की प्रतिक्रिया
बंद के दौरान यात्रियों और मरीजों को हुई परेशानियों को लेकर प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। जाम और बाधित यातायात के कारण मरीजों को अस्पताल पहुंचने में देरी हुई। वहीं, लंबी दूरी के यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा।
पंजाब बंद के पीछे की वजह
पंजाब बंद किसान संगठनों द्वारा आयोजित किया गया था। उनकी मांगें और उद्देश्य स्पष्ट नहीं हो सके, लेकिन इस बंद का प्रभाव व्यापक रूप से राज्य और आस-पास के क्षेत्रों पर देखा गया।
पंजाब बंद ने आम जनजीवन को काफी हद तक प्रभावित किया। मरीजों, यात्रियों और व्यापारियों के लिए यह दिन काफी कठिनाइयों भरा रहा। इस प्रकार के बंद के दौरान प्रशासन को आम जनता को सुविधाएं प्रदान करने और आवश्यक सेवाओं को बहाल रखने के लिए अधिक सक्रियता दिखाने की आवश्यकता है।