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Punjab Latest News: लुधियाना में बड़ा हादसा, पूजा पंडाल गिरने से दो की मौत, 15 लोग घायल

Punjab Latest News: पंजाब के लुधियाना में शनिवार और रविवार की दरमियानी रात एक बड़े हादसे की खबर सामने आई है। नवदुर्गा के उपलक्ष्य में आयोजित जागरण के दौरान अचानक आए तेज़ तूफान के कारण पूजा पंडाल गिर गया, जिससे दो लोगों की मौत हो गई और 15 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस दुर्घटना में मारी गई महिला की पहचान सुनीता देवी के रूप में हुई है, जो बरनहरा गांव की निवासी थीं। घायलों में अधिकतर बच्चे हैं, जिन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से सात लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है।

हादसे का विवरण

यह हादसा लुधियाना के हम्बड़ा रोड पर स्थित श्री गोविंद गोधाम मंदिर में आयोजित नवदुर्गा पूजा के दौरान हुआ। घटना के वक्त मंदिर परिसर में एक विशाल पंडाल लगा हुआ था, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु माता की आराधना में लीन थे। अचानक आई तेज़ हवा और तूफान ने पंडाल को धराशायी कर दिया। इस हादसे में दो महिलाओं की जान चली गई और 15 अन्य घायल हो गए, जिनमें से कई बच्चों की हालत नाजुक बताई जा रही है।

हादसे में मारे गए और घायलों की पहचान

हादसे में मारी गई महिलाओं में से एक की पहचान सुनीता देवी के रूप में की गई है, जो बरनहरा गांव की निवासी थीं। दूसरी महिला की पहचान अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। घायलों में अधिकांश लोग गांव के निवासी हैं, जो जागरण में हिस्सा लेने के लिए आए थे। अधिकांश घायलों का इलाज लुधियाना के सिविल अस्पताल में चल रहा है, जबकि गंभीर रूप से घायल कुछ लोगों को प्राइवेट अस्पतालों में भी रेफर किया गया है।

जागरण का आयोजन और हादसे की स्थिति

यह जागरण स्थानीय लोगों द्वारा नवदुर्गा पूजा के अवसर पर आयोजित किया गया था। इसके लिए ग्रामीणों ने चंदा एकत्रित कर पंडाल का निर्माण करवाया था। जागरण के लिए एक खुली जगह में पंडाल लगाया गया था, लेकिन सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई थी। स्थानीय पुलिस स्टेशन के एसएचओ राजिंदर पाल सिंह के अनुसार, आयोजकों ने सुरक्षा मानकों की अनदेखी की थी, जिससे यह दुर्घटना हुई।

पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। पुलिस ने मलबे में दबे लोगों को निकालने में मदद की और घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल इस मामले में मृतकों और घायलों के परिवारों की ओर से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है, लेकिन मामले की जांच की जा रही है।

Punjab Latest News: लुधियाना में बड़ा हादसा, पूजा पंडाल गिरने से दो की मौत, 15 लोग घायल

सुरक्षा मानकों की अनदेखी

पंडाल गिरने के इस हादसे के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या आयोजकों ने सुरक्षा के मानकों का सही तरीके से पालन किया था या नहीं। लुधियाना के स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जागरण के आयोजन के दौरान सुरक्षा संबंधी कोई विशेष तैयारी नहीं की गई थी। आयोजकों द्वारा पंडाल की सुरक्षा के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए थे, जिसकी वजह से यह बड़ा हादसा हुआ।

जागरण में शामिल लोग

जागरण में हिस्सा लेने वाले अधिकतर लोग लुधियाना के बरनहरा गांव और द्वारका एन्क्लेव के निवासी थे। हादसे के समय वहां बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग मौजूद थे, जो माता की आराधना में जुटे हुए थे। अचानक आए तूफान ने माहौल को भयावह बना दिया और देखते ही देखते पंडाल गिर पड़ा, जिससे चारों ओर अफरा-तफरी मच गई।

डॉक्टरों का बयान

हादसे में घायल लोगों को तुरंत लुधियाना के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों ने सात घायलों की हालत को गंभीर बताया है और कहा है कि उनकी स्थिति लगातार निगरानी में है। बाकी घायलों का भी इलाज चल रहा है, जिनमें से कुछ की हालत स्थिर बताई जा रही है।

हादसे पर स्थानीय नेताओं की प्रतिक्रिया

हादसे की खबर मिलने के बाद स्थानीय नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी घटनास्थल का दौरा किया। नेताओं ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की और प्रशासन से तत्काल राहत और मुआवजे की मांग की। साथ ही उन्होंने आयोजकों से सुरक्षा मानकों का पालन करने की अपील की, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों से बचा जा सके।

भविष्य में ऐसे हादसों से कैसे बचा जा सकता है?

यह हादसा एक गंभीर चेतावनी है कि धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में सुरक्षा के उचित इंतजाम किए जाने चाहिए। पंडाल का निर्माण करते समय यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वह किसी भी आपात स्थिति का सामना करने में सक्षम हो। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन को भी ऐसे आयोजनों पर निगरानी रखनी चाहिए और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए।

स्थानीय समुदायों को जागरूक किया जाना चाहिए कि वे किसी भी आयोजन के दौरान सुरक्षा उपायों को अनदेखा न करें। खासकर मौसम की अनिश्चितताओं को ध्यान में रखते हुए पंडाल निर्माण और आयोजन स्थल की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

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