Punjab: चंडीगढ़ ब्लास्ट केस में नया मोड़, दूसरे आरोपी की भी गिरफ्तारी, अब होगा पूरे गिरोह का पर्दाफाश
Punjab: चंडीगढ़ के सेक्टर-10 में कोठी नंबर 575 पर हुए ग्रेनेड हमले के मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। 72 घंटे के भीतर पुलिस ने इस मामले को सुलझाते हुए मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी कर ली थी, और अब दूसरे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। पंजाब पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों और दिल्ली पुलिस की मदद से दूसरे अपराधी को पकड़ने में सफलता पाई है, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि इस मामले में शामिल पूरे गिरोह का जल्द ही पर्दाफाश हो जाएगा।
हैप्पी पाशिया ने ली थी हमले की जिम्मेदारी
इस घटना के पीछे का मास्टरमाइंड यूएस में स्थित गैंगस्टर से आतंकवादी बना हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पाशिया था, जिसने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले के बाद पुलिस का ध्यान अमृतसर के पाशिया गांव के निवासी रोहन मसीह की ओर गया, और 48 घंटों के भीतर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। रोहन मसीह से पूछताछ के बाद पुलिस ने दूसरे आरोपी विशाल मसीह को भी पकड़ लिया है।
48 घंटे के भीतर मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी
पुलिस ने चंडीगढ़ में हुए इस ब्लास्ट के मास्टरमाइंड की पहचान जल्द ही कर ली थी। रोहन मसीह, जो कि पाशिया गांव का रहने वाला था, ने यह धमाका किया था और उसके संबंध हैप्पी पाशिया के गिरोह से थे। पुलिस ने 48 घंटे के भीतर रोहन को गिरफ्तार कर लिया और उससे हुई पूछताछ के बाद विशाल मसीह का नाम सामने आया।
अमृतसर से जम्मू-कश्मीर और फिर दिल्ली पहुंचा आरोपी
इस हमले को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपी पहले अमृतसर पहुंचे थे। वहां से उन्होंने अलग-अलग रास्ते अपना लिए। रोहन मसीह को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने विशाल मसीह का पीछा किया, जो पहले जम्मू-कश्मीर गया और फिर दिल्ली पहुंचा। दिल्ली से पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 20 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।
पुलिस कर रही है हैप्पी पाशिया के नेटवर्क की जांच
अब पुलिस इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है, ताकि हैप्पी पाशिया के नेटवर्क का पूरी तरह से पर्दाफाश किया जा सके। यह साफ हो चुका है कि दोनों आरोपी हैप्पी पाशिया के निर्देशों पर काम कर रहे थे, जो एक समय गैंगस्टर था और अब आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय एजेंसियां भी जांच में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
सोशल मीडिया पर हैप्पी पाशिया की पोस्ट से खुला राज
हमले के कुछ ही देर बाद सोशल मीडिया पर हैप्पी पाशिया ने एक पोस्ट डाली थी, जिसमें उसने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस पोस्ट से पुलिस को अहम सुराग मिला और जल्द ही जांच की दिशा हैप्पी पाशिया के नेटवर्क की ओर मुड़ी। पुलिस ने इस मामले में कई एंगल से जांच शुरू की और फिर रोहन मसीह और विशाल मसीह को गिरफ्तार किया।
सुरक्षा एजेंसियों की मुस्तैदी से हुआ खुलासा
इस मामले को सुलझाने में सुरक्षा एजेंसियों की मुस्तैदी और त्वरित कार्रवाई की अहम भूमिका रही। चंडीगढ़ पुलिस, पंजाब पुलिस, दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने मिलकर काम किया, जिसके कारण इतने कम समय में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सका। यह एक बड़ा ऑपरेशन था, जिसमें हर कदम पर सावधानी बरती गई।
अदालत ने भेजा रिमांड पर
विशाल मसीह को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया, जहां अदालत ने उसे 20 सितंबर तक रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस अब उससे और अधिक जानकारी निकालने की कोशिश कर रही है, ताकि हैप्पी पाशिया और उसके गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा सके।
हैप्पी पाशिया का आतंकवादी नेटवर्क
हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पाशिया, जो पहले एक कुख्यात गैंगस्टर था, अब आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त हो चुका है। वह वर्तमान में यूएस में स्थित है और वहीं से अपने नेटवर्क को संचालित कर रहा है। उसके गिरोह ने कई आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली है और इस बार चंडीगढ़ में हुए ब्लास्ट में भी उसकी संलिप्तता सामने आई है।
आतंकवाद और संगठित अपराध का गठजोड़
इस मामले ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि कैसे संगठित अपराध और आतंकवाद का गठजोड़ हमारे समाज के लिए एक बड़ा खतरा बन चुका है। गैंगस्टर से आतंकवादी बने अपराधियों का नेटवर्क न केवल देश की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि वे आम नागरिकों की जान और माल के लिए भी बड़ा खतरा बन रहे हैं।
पुलिस के सामने चुनौती
हालांकि पुलिस ने इस मामले में बड़ी सफलता हासिल की है, लेकिन अभी भी कई सवालों के जवाब मिलने बाकी हैं। पुलिस को यह पता लगाने की कोशिश करनी होगी कि हैप्पी पाशिया का नेटवर्क कितनी गहराई तक फैला हुआ है और उसके अन्य सहयोगी कौन-कौन से हैं। इसके साथ ही यह भी पता लगाना जरूरी है कि उसके गिरोह के अन्य सदस्य किन-किन आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त हो सकते हैं।