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Punjab news: पिलभीत में मारे गए तीन आतंकवादियों का नेटवर्क, पांच मददगारों की भूमिका, होटल का प्रबंध और नकली आधार कार्ड का खुलासा

Punjab news: पिलभीत (उत्तर प्रदेश) में मारे गए तीन खालिस्तानी आतंकवादियों, गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह और जस्नप्रीत सिंह का नेटवर्क उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में फैला हुआ था। यह तीन आतंकवादी पंजाब से भागकर पिलभीत पहुंचे थे और यहां उन्होंने स्थानीय मददगारों की मदद से अपनी पहचान छिपाने की कोशिश की थी। उनके मददगारों ने होटल में कमरे की व्यवस्था की, किराए में छूट दी, नकली आधार कार्ड तैयार किए और आतंकवादियों को फरार होने के लिए चोरी की बाइक दी।

पिलभीत में होटल में रहने की व्यवस्था

तीन आतंकवादियों ने पिलभीत के होटल हरजी में कमरा लिया था। इन आतंकवादियों के साथ दो स्थानीय मददगार थे जो उन्हें वहां लेकर आए थे। होटल के सीसीटीवी कैमरे में इन दोनों मददगारों की तस्वीरें कैद हो गईं। इन दोनों की पहचान के बाद पुलिस ने उन्हें देर रात गिरफ्तार कर लिया और उनसे पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस ने होटल के मैनेजर से भी पूछताछ की, जो पंजाब का निवासी है। होटल मालिक का नाम भी पंजाब से जुड़ा हुआ है और पुलिस उनकी भूमिका की जांच कर रही है। फिलहाल तीन अन्य मददगारों की तलाश जारी है।

होटल में किराए में छूट देने का कारण

आतंकवादियों ने होटल में रहने के लिए किराए में छूट प्राप्त की थी। यह संकेत देता है कि उनके स्थानीय मददगारों ने होटल के मालिक से संपर्क किया था और आतंकवादियों के लिए विशेष व्यवस्था की थी। इसके अलावा, आतंकवादियों को अपने बचाव के लिए यह भी बताया गया था कि वे पंजाब के आतंकवादी संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स से जुड़े हुए हैं। उन्होंने अपनी पहचान छिपाने के लिए नकली आधार कार्ड का इस्तेमाल किया। इन आतंकवादियों के आधार कार्ड में उनके नाम बदलकर मंजीत सिंह, कुलदीप सिंह और हीरा सिंह कर दिए गए थे, जबकि इनका असली नाम गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह और जस्नप्रीत सिंह था।

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पुलिस का खोजी अभियान

पुलिस ने इस मामले में स्थानीय मददगारों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए 12 टीमों का गठन किया था। इन टीमों ने पिलभीत शहर के विभिन्न हिस्सों में जाकर आतंकवादियों की तस्वीरें दिखाईं और स्थानीय लोगों से पूछताछ की। पुलिस ने होटल ऑपरेटर्स, बाइक राइडर्स और राहगीरों से भी पूछताछ की कि क्या वे इन आतंकवादियों को कहीं देख चुके हैं।

एसपी अविनाश पांडेय के नेतृत्व में पुलिस ने आतंकवादियों के स्थानीय कनेक्शन की जांच की। पुलिस का मानना है कि आतंकवादियों ने पिलभीत शहर में एक बाइक चोरी की थी और उसी बाइक का इस्तेमाल कर वे होटल तक पहुंचे थे। पुलिस ने यह भी जानकारी प्राप्त की कि आतंकवादियों ने पिलभीत में एक दिन पहले इस चोरी की बाइक का इस्तेमाल किया था। इसके आधार पर यह माना जा रहा है कि आतंकवादी पिलभीत में किसी स्थान पर रुके थे, जहां उन्होंने किसी स्थानीय मददगार से सहायता प्राप्त की।

नकली आधार कार्ड का खुलासा

तीनों आतंकवादियों के पास जो नकली आधार कार्ड थे, उनका उपयोग उनकी पहचान छिपाने के लिए किया गया था। ये आधार कार्ड पंजाब के आतंकवादियों के नाम से बनाए गए थे, लेकिन इनकी जानकारी पूरी तरह से झूठी थी। इन आधार कार्ड पर जो पते दिए गए थे, वे उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के आदर्शनगर के थे। पुलिस ने इस नकली आधार कार्ड के बारे में प्रारंभिक जांच की और यह पाया कि ये आधार कार्ड पंजाब में बनवाए गए थे। आतंकवादियों के पास मूल नकली आधार कार्ड की कॉपी थी और इन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से होटल में भेजा गया था।

बलिया पते का रहस्य

पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आतंकवादियों ने अपने नकली आधार कार्ड पर बलिया का पता क्यों लिखा। इसके पीछे दो संभावित कारण हो सकते हैं। पहला, आतंकवादियों के मददगार बलिया जिले में हो सकते हैं, और दूसरा, यह भी हो सकता है कि बलिया का पता आतंकवादियों ने जानबूझकर लिखा हो ताकि उनकी पहचान छिपाई जा सके। इस मामले में पुलिस ने बलिया जिले के कनेक्शनों को लेकर जांच शुरू कर दी है।

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आतंकवादी संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स और उनका उद्देश्य

तीनों आतंकवादी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स से जुड़े हुए थे, जो एक अलगाववादी संगठन है और पंजाब में खालिस्तान की मांग करता है। 18 दिसंबर को गुरदासपुर जिले के पुलिस पोस्ट पर एक ग्रेनेड फेंका गया था, जिसके बाद आतंकवादी अपनी गतिविधियों को छिपाने के लिए पंजाब से भागकर उत्तर प्रदेश के पिलभीत जिले में पहुंचे। पुलिस का कहना है कि ये आतंकवादी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के सदस्य थे और उनका उद्देश्य पंजाब में अशांति फैलाना था।

पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई

पुलिस ने 12 टीमों का गठन किया और आतंकवादियों के स्थानीय कनेक्शनों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए शहर भर में तलाशी अभियान चलाया। इन आतंकवादियों का लक्ष्य पंजाब में सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाना था। पुलिस ने आतंकवादियों के बारे में सूचना देने वाले स्थानीय लोगों को इनाम देने की घोषणा की है।

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि आतंकवादियों का नेटवर्क भारत के विभिन्न हिस्सों में फैला हुआ है। पुलिस ने पिलभीत और आसपास के क्षेत्रों में आतंकवादियों के स्थानीय सहयोगियों का पता लगाने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया है। फिलहाल, पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए आतंकवादियों के पूरे नेटवर्क की जांच शुरू कर दी है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही आतंकवादियों के अन्य मददगारों को गिरफ्तार किया जाएगा।

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