Punjab news : पंजाब में लागू हुआ नया “फायर एंड इमरजेंसी सर्विस एक्ट”, अब ग्रामीण इलाकों में भी लगेगा अग्नि कर
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Punjab news : पंजाब सरकार ने राज्य में “पंजाब फायर एंड इमरजेंसी सर्विस एक्ट” को लागू कर दिया है, जिससे न केवल शहरी क्षेत्रों, बल्कि अब ग्रामीण इलाकों में भी अग्नि कर (फायर टैक्स) लगाया जाएगा। इस एक्ट का उद्देश्य अग्नि सुरक्षा से जुड़े उपायों को मजबूत करना और राज्य सरकार के राजस्व में वृद्धि करना है। इसके साथ ही, नए नियमों के तहत शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में सार्वजनिक और निजी संपत्तियों पर विभिन्न शुल्क भी लागू किए जाएंगे। पंजाब सरकार ने इस एक्ट के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
अग्नि कर का दायरा और शुल्क संरचना
नए एक्ट के तहत, पंजाब के सभी सरकारी, वाणिज्यिक और आवासीय भवनों पर अग्नि कर लगाया जाएगा। इसके साथ ही, नगर निगम सीमा से बाहर भी शुल्क वसूला जा सकेगा। इस एक्ट में नगरपालिका निकायों को एक नई शक्ति प्रदान की गई है, जिसके तहत वे नियमों के उल्लंघन पर समायोजन शुल्क (कंपाउंडिंग फीस) वसूल सकते हैं। अगर कोई भवन मालिक नियमों का पालन नहीं करता, तो वह समायोजन शुल्क का भुगतान कर अपनी स्थिति को नियमित कर सकता है। इस प्रावधान से राज्य सरकार को अपने राजस्व में वृद्धि करने में मदद मिलेगी, हालांकि यह तय करना कि किस प्रकार का कर और नियम लागू किए जाएंगे, यह राज्य सरकार का काम होगा।
भवनों को तीन श्रेणियों में बांटा गया
इस एक्ट में भवनों को उच्च, मध्य और निम्न जोखिम श्रेणियों में बांटा गया है। उच्च जोखिम वाले भवनों को उच्च शुल्क और जुर्माना देना होगा, जबकि मध्य और निम्न जोखिम वाले भवनों को कम शुल्क देना होगा। इसके अलावा, अग्नि एनओसी (नॉलेज ऑफ कम्प्लायंस) को अब तीन साल के लिए जारी किया जाएगा, जो भवन मालिकों के लिए एक राहत की बात है। इसके साथ ही, अग्नि कर पर ‘सेस’ (कर) लगाने का भी प्रावधान किया गया है।
आधुनिक सेवाओं और पीपीपी मॉडल की शुरुआत
इस एक्ट में अब फायर डिपार्टमेंट को अग्नि रोकथाम और नियंत्रण से संबंधित सेवाओं के लिए उपयोगकर्ता शुल्क (यूजर फीस) वसूलने का अधिकार दिया गया है। इसके अलावा, फायर डिपार्टमेंट को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के तहत अपनी सेवाओं को मजबूत करने का अवसर मिलेगा। यह मॉडल विभाग को संसाधनों की वृद्धि करने और नई सुविधाओं के निर्माण में मदद करेगा। इस एक्ट में स्थानीय प्राधिकरण और निदेशक को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए ठेका करने का अधिकार दिया गया है।
अधिकारीयों को दिए गए विशेष अधिकार
नए एक्ट में अग्नि विभाग के अधिकारियों और स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक को अधिक अधिकार दिए गए हैं। अब विभागीय अधिकारी अपने स्तर पर कार्रवाई कर सकते हैं यदि कोई व्यक्ति नियमों का पालन नहीं करता है। यदि आपातकालीन स्थिति में अग्नि विभाग के काम में विघ्न डालने की कोशिश की जाती है, तो विभाग को कड़ी कार्रवाई करने का अधिकार मिलेगा। इसके अलावा, राज्य स्तर पर एक अग्नि और आपातकालीन सेवा का गठन किया जाएगा, जिसका नेतृत्व स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक करेंगे। यह सेवा तकनीकी अधिकारियों द्वारा सहायक रूप से काम करेगी। इस एक्ट में कड़ी सजा का भी प्रावधान किया गया है। इसी तरह, अधिकारियों को भवनों की जांच करने के लिए विशेष अधिकार दिए गए हैं।
एक्ट के अन्य प्रमुख प्रावधान
- लड़कियों के लिए भर्ती नियमों में बदलाव – लड़कियों के लिए अब शारीरिक परीक्षण में लड़कों की तुलना में कम वजन उठाने की आवश्यकता होगी, जिससे उनके लिए भर्ती प्रक्रिया और अधिक सुविधाजनक होगी।
- बीमा योजना की व्यवस्था – वाणिज्यिक भवन मालिकों को अपनी संपत्तियों को बीमा करवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि भविष्य में किसी दुर्घटना की स्थिति में उनका वित्तीय नुकसान कम हो सके।
- अग्नि सुरक्षा और जीवन रक्षा कोष की स्थापना – अग्नि सुरक्षा उपायों को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष कोष की स्थापना की जाएगी, जिसका उपयोग विभिन्न अग्नि सुरक्षा उपायों और उपकरणों के विकास में किया जाएगा।
- प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना – अग्नि सुरक्षा से संबंधित एक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किया जाएगा, जहां कर्मचारियों को अग्नि सुरक्षा और आपातकालीन स्थिति में काम करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
- अग्नि हाइड्रेंट्स और अन्य उपकरणों की स्थापना – सार्वजनिक और निजी संपत्तियों पर अग्नि हाइड्रेंट्स और अन्य सुरक्षा उपकरणों की स्थापना अनिवार्य होगी, जिससे अग्नि दुर्घटनाओं से निपटने में मदद मिलेगी।
पंजाब में लागू हुआ “फायर एंड इमरजेंसी सर्विस एक्ट” राज्य की अग्नि सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस एक्ट से जहां अग्नि कर और शुल्क वसूली से राज्य सरकार को राजस्व में वृद्धि होगी, वहीं अग्नि सुरक्षा उपायों को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही, भवनों को उनके जोखिम स्तर के आधार पर श्रेणीकृत किया जाएगा, जिससे उनकी अग्नि सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। यह एक्ट न केवल फायर डिपार्टमेंट की क्षमताओं को बढ़ाएगा, बल्कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में अग्नि सुरक्षा की जागरूकता भी बढ़ाएगा।