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Punjab: सर्वसम्मति से चुनी गई पंचायतों की संख्या दोगुनी, 3798 पंचायतों को मिलेंगे पाँच लाख रुपये

Punjab: पंजाब में इस बार पंचायतों के चुनाव में सर्वसम्मति से चुनी गई पंचायतों की संख्या दोगुनी हो गई है। साल 2018 में जहां 1863 सरपंच और 22,203 पंच सर्वसम्मति से चुने गए थे, वहीं इस बार 3798 सरपंच और 48,861 पंच बिना किसी चुनावी मुकाबले के सर्वसम्मति से चुने गए हैं। इन पंचायतों को पाँच लाख रुपये की राशि और एक बड़े प्रोजेक्ट का उपहार दिया जाएगा।

राज्य चुनाव आयोग की मुहिम ने दिखाया असर

पंजाब राज्य चुनाव आयोग द्वारा पंचायतों को सर्वसम्मति से चुनने के लिए चलाए गए अभियान का सकारात्मक परिणाम सामने आया है। पिछले चुनावों की तुलना में इस बार सर्वसम्मति से चुनी गई पंचायतों की संख्या में 50 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि हुई है। चुनाव आयोग द्वारा पंचायतों को सर्वसम्मति से चुनने का समर्थन इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि इससे चुनावों पर होने वाला खर्च बचाया जा सकता है और गांवों में शांति और समरसता का माहौल बना रहता है, जो गांवों के विकास में मददगार साबित होता है।

Punjab: सर्वसम्मति से चुनी गई पंचायतों की संख्या दोगुनी, 3798 पंचायतों को मिलेंगे पाँच लाख रुपये

मुख्यमंत्री भगवंत मान की घोषणा

इससे पहले, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी घोषणा की थी कि जो पंचायतें सर्वसम्मति से चुनी जाएंगी, उन्हें पाँच लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी। साथ ही, सरकार की ओर से उन पंचायतों को एक बड़े प्रोजेक्ट का उपहार भी मिलेगा। यह प्रोजेक्ट गांव की जरूरतों के आधार पर तय किया जाएगा, जिसमें स्कूल, सामुदायिक केंद्र, खेल का मैदान या पुस्तकालय जैसी परियोजनाएँ शामिल हो सकती हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए अलग से फंड दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद सर्वसम्मति से चुनी गई पंचायतों के लिए पाँच लाख रुपये का रास्ता साफ हो गया है। इसके अलावा, सभी ऐसी पंचायतों का डेटा संबंधित विभाग द्वारा एकत्र किया जा रहा है ताकि उन्हें समय पर यह धनराशि और प्रोजेक्ट मिल सके।

पंचायत चुनावों में पार्टी प्रतीक नहीं

इस बार पंजाब में पंचायत चुनाव पार्टी प्रतीकों पर नहीं हो रहे हैं। इसके लिए सरकार ने विधानसभा में नियमों में संशोधन किया था। पंचायत चुनाव के लिए अलग से चुनावी प्रतीकों की व्यवस्था की गई है, जो उम्मीदवारों को जारी किए जा रहे हैं। इस बार चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। पंचायत चुनावों के तहत 13,237 ग्राम पंचायतों के चुनाव 15 अक्टूबर को होने हैं, जिसमें सरपंच और पंचों का चुनाव किया जाएगा।

सर्वसम्मति से चुनी गई पंचायतों का महत्व

सर्वसम्मति से चुनी गई पंचायतों का महत्व सिर्फ चुनावी खर्च बचाने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इससे गांवों में शांति और सहयोग का वातावरण भी बनता है। जब गांव में सभी सदस्य एकमत होकर अपने सरपंच और पंचों का चुनाव करते हैं, तो इससे गांव के विकास के लिए एक सकारात्मक वातावरण बनता है। पंचायतों का सर्वसम्मति से चुना जाना दर्शाता है कि गांव में आपसी समझ और भाईचारा मजबूत है, जिससे आपसी विवाद और मतभेद कम होते हैं।

इसके अलावा, सर्वसम्मति से चुनी गई पंचायतों को राज्य सरकार द्वारा पाँच लाख रुपये की विशेष राशि और बड़े प्रोजेक्ट का उपहार मिलने से गांव का बुनियादी ढांचा भी सुदृढ़ होगा। यह राशि और प्रोजेक्ट गांव की आवश्यकताओं के अनुसार होंगे, जो उनके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

चुनावी प्रक्रिया में बदलाव

इस बार पंचायत चुनावों में कई बदलाव किए गए हैं। सबसे प्रमुख बदलाव यह है कि चुनाव पार्टी प्रतीकों पर नहीं हो रहे हैं, जिससे उम्मीदवारों को उनके व्यक्तिगत छवि और कार्यक्षमता के आधार पर वोट मिलेंगे। चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए अलग-अलग चुनावी प्रतीकों का प्रयोग किया जा रहा है, जो उम्मीदवारों के बीच निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करेगा।

पंचायत चुनावों की तैयारी जोर-शोर से चल रही है और चुनाव आयोग ने भी सभी जरूरी व्यवस्थाएँ कर ली हैं। इस बार 13,237 ग्राम पंचायतों में सरपंच और पंचों का चुनाव होगा। चुनाव के दौरान शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन भी पूरी तरह से तैयार है। मतदान के दिन गांवों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएंगे ताकि चुनावी प्रक्रिया में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो सके।

भविष्य की दिशा

पंजाब में पंचायत चुनावों के इस नए स्वरूप से राज्य के गांवों में विकास की नई दिशा मिल सकती है। सर्वसम्मति से चुनी गई पंचायतों को पाँच लाख रुपये की पुरस्कार राशि और बड़े प्रोजेक्ट का उपहार मिलना गांवों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा। इसके साथ ही, पंचायतों के सर्वसम्मति से चुने जाने से गांवों में आपसी सहयोग और समरसता बढ़ेगी, जो उनके विकास में सहायक होगी।

राज्य सरकार और चुनाव आयोग द्वारा उठाए गए ये कदम पंजाब के ग्रामीण इलाकों में विकास और प्रगति के नए आयाम खोल सकते हैं। पंचायत चुनावों के नतीजे आने के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन से गांव और पंचायतें इस नई व्यवस्था का लाभ उठाकर अपनी प्रगति की कहानी लिखते हैं।

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