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Punjab: राज्य के इस जिले में चौंकाने वाला खुलासा, 75 दिनों में 117 मामले दर्ज, 142 ड्रग तस्कर गिरफ्तार

Punjab: पंजाब में बढ़ते नशे की लत ने राज्य सरकार, प्रशासन और पुलिस विभाग के लिए एक गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है। नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों के बावजूद यह समस्या थमने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि, राज्य सरकार ड्रग्स और ड्रग तस्करों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है, लेकिन इसके बावजूद पंजाब को “उड़ता पंजाब” बनने से बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

पंजाब में नशे की लत पिछले दो दशकों से एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिसने चुनावों में भी राजनीतिक मुद्दा बनकर अपनी जगह बनाई। 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में यह मुद्दा प्रमुख था, और अब राज्य की स्थिति यह हो गई है कि युवा वर्ग नशे के दलदल में फंसते जा रहे हैं। नशे के ओवरडोज से हर दिन मौतें हो रही हैं, जो एक गंभीर चिंता का विषय है।

नवांशहर में नशे की तस्करी पर बड़ी कार्रवाई

पंजाब के नवांशहर जिले में पिछले 75 दिनों में 117 मामले दर्ज किए गए हैं, जो नशे की तस्करी और नशे के कारोबार की बढ़ती गंभीरता को दर्शाता है। जिला पुलिस प्रमुख डॉ. महताब सिंह ने बताया कि पुलिस की विशेष टीमों ने लगातार चेकिंग अभियान चलाए हैं। इन अभियानों के दौरान 142 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।

Punjab: राज्य के इस जिले में चौंकाने वाला खुलासा, 75 दिनों में 117 मामले दर्ज, 142 ड्रग तस्कर गिरफ्तार

इन गिरफ्तारियों में 806 ग्राम हेरोइन, लगभग 25 हजार नशे की गोलियां, 6.5 किलो अफीम, 20 किलो पोस्त की भूसी, 15 ग्राम नशीला पाउडर और अन्य नशीले पदार्थों की बरामदगी की गई है। इसके अलावा, शराब की तस्करी के 32 मामले भी दर्ज किए गए हैं, जिनमें 31 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और 500 लीटर शराब बरामद की गई है।

नशे के शिकार युवक ने अपनी ही घर को लगाई आग

पंजाब के हलवाड़ा इलाके में एक नशे के आदी युवक ने अपनी ही घर को आग लगा दी। युवक अपनी मां से नशे (चिट्टा) के लिए पैसे मांग रहा था, लेकिन जब मां ने पैसे नहीं दिए, तो उसने गुस्से में आकर घर को आग लगा दी। इस आग में घर में रखे फ्रिज, एसी, एलईडी और अन्य कीमती सामान जलकर राख हो गए। यह घटना नशे के प्रभाव को दर्शाती है, जिसमें युवा वर्ग के लिए नशा एक गंभीर मानसिक और शारीरिक संकट बन गया है।

नशे की लत को समाप्त करने के लिए जागरूकता अभियान

पंजाब सरकार और पुलिस विभाग नशे की लत को समाप्त करने के लिए राज्य भर में जागरूकता अभियान चला रहे हैं। इसके तहत स्कूलों में बच्चों को नशे के नुकसान के बारे में जानकारी देने के लिए विशेष शिविर लगाए जा रहे हैं। इन शिविरों का उद्देश्य बच्चों को नशे के खतरों के बारे में जागरूक करना और उन्हें इसके दुष्प्रभावों से बचाना है।

सरकार की शून्य सहिष्णुता नीति के तहत नशे के खिलाफ कोई भी कार्रवाई सख्ती से की जा रही है। लोगों से अपील की गई है कि वे यदि किसी व्यक्ति के बारे में जानकारी प्राप्त करें जो नशे के कारोबार में शामिल हो, तो वे बिना किसी डर के सरकार से संपर्क करें।

नशे के खिलाफ सरकारी प्रयास और पुलिस कार्रवाई

पंजाब सरकार ने नशे के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। सरकार की ओर से पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वे तस्करों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें और नशे के कारोबार को पूरी तरह से खत्म करने के लिए काम करें। साथ ही, राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि नशे के इलाज के लिए राज्य भर में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, ताकि नशे के आदी लोग इलाज करवा सकें और एक नया जीवन शुरू कर सकें।

पुलिस विभाग ने भी इस दिशा में कई कदम उठाए हैं। खासकर, पुलिस ने नशे के मामलों में तस्करों को पकड़ने के लिए और अधिक चौकसी बढ़ा दी है। साथ ही, पुलिस विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे नशे के बारे में जानकारी देने में सहयोग करें, ताकि इस समस्या का समाधान जल्दी निकाला जा सके।

नशे की बढ़ती समस्या पर विशेषज्ञों की राय

नशे की समस्या पर विशेषज्ञों का कहना है कि यह केवल एक राज्य की समस्या नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय संकट बन चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि नशे के मामलों को नियंत्रित करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर काम करना होगा। उन्हें यह भी कहना है कि नशे की समस्या को केवल कानून enforcement द्वारा नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता, शिक्षा और चिकित्सा सहायता के माध्यम से भी हल किया जा सकता है।

पंजाब में नशे की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है और यह न केवल राज्य सरकार बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। सरकार और पुलिस की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बावजूद, नशे के तस्करों और नशे के आदी लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में इस समस्या के समाधान के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा, ताकि पंजाब को “उड़ता पंजाब” बनने से बचाया जा सके। इसके लिए नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान, कड़ी पुलिस कार्रवाई, और नशे के इलाज के उपायों पर फोकस बढ़ाना होगा।

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