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Punjab water crisis: मुक्तसर में पानी पीने योग्य नहीं, 45 नमूनों में से 33 फेल; RO प्लांट 15 साल पहले लगे थे

Punjab water crisis: पंजाब के मुक्तसर जिले में अधिकांश जगहों पर पानी पीने योग्य नहीं है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। हाल ही में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनवरी से जून 2024 के बीच लिए गए 45 पानी के नमूनों में से 33 नमूने फेल पाए गए हैं।

Punjab water crisis: मुक्तसर में पानी पीने योग्य नहीं, 45 नमूनों में से 33 फेल; RO प्लांट 15 साल पहले लगे थे

नमूनों में विफलता की स्थिति

फेल हुए नमूनों में डीसी ऑफिस, कोटकपूरा रोड पर स्थित शहर के मुख्य जल कार्य, जहां से आधे शहर के घरों को पानी आपूर्ति की जाती है, सिविल अस्पताल और अन्य सार्वजनिक स्थल शामिल हैं।

अगस्त में पांच नमूने फेल

अगस्त में लिए गए 30 नमूनों में से भी पांच नमूने फेल पाए गए हैं, जिनमें एक होटल और विधानसभा क्षेत्र लम्बी के ब्लॉक चक्क शेरेवाला के तीन नमूने शामिल हैं। 2024 में अब तक जिले में 217 पानी के नमूने लिए गए हैं, जिनमें से 38 नमूने फेल हुए हैं, जबकि बाकी की रिपोर्ट आनी बाकी है।

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स्वास्थ्य विभाग की स्थिति

जिला महामारीविद डॉ. हरकीरत सिंह का कहना है कि सिविल अस्पताल और जल कार्य के स्रोत पर क्लोरीनेशन के बाद नमूने फिर से लिए गए हैं और उनकी रिपोर्ट सही आई है। डीसी ऑफिस में दूसरी बार लिए गए नमूने की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।

बस स्टैंड से भी नमूने लिए गए

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, सार्वजनिक स्थलों से लगातार नमूने लिए जा रहे हैं। जून तक 45 नमूने लिए गए थे, जिनकी रिपोर्ट आ चुकी है। जुलाई से अगस्त तक जिले भर से अब तक 172 पानी के नमूने लिए गए हैं, जिनमें से कुछ की रिपोर्ट आई है और इनमें से पांच नमूने फेल हुए हैं।

वर्तमान स्थिति और समस्याएं

अधिकांश नमूने लम्बी क्षेत्र से संबंधित हैं। डॉ. हरकीरत सिंह ने कहा कि उनकी टीमें सार्वजनिक स्थलों से पानी के नमूने लेती हैं और अगर नमूना असफल होता है, तो वे जल स्रोत को क्लोरीनेट करके फिर से नमूना लेते हैं। उन्होंने जल स्रोत बदलने की भी सलाह दी।

DC ऑफिस और सिविल अस्पताल पर असर

हर दिन लगभग एक हजार लोग डीसी ऑफिस और लगभग दो हजार लोग सिविल अस्पताल में इलाज और अन्य कार्यों के लिए आते हैं। गर्मी के मौसम में पानी का उपयोग अधिक हो रहा है, इस स्थिति में डीसी ऑफिस और सिविल अस्पताल से मिले फेल नमूने चौंकाने वाले हैं।

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RO प्लांट और जल गुणवत्ता

जिले के अधिकांश हिस्सों में भूजल मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त है। साथ ही, बहुत से रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद हैं, जो 15 साल पहले राज्य सरकार द्वारा निजी कंपनियों की मदद से स्थापित किए गए थे। ग्रामीणों ने RO प्लांट को पुनः चालू करने की मांग की है ताकि दूषित पानी से होने वाले रोगों से बचा जा सके।

स्वास्थ्य विभाग का दृष्टिकोण

सिविल सर्जन जगदीप चावला ने बताया कि जनवरी से जून तक लिए गए अधिकांश पानी के नमूने फेल पाए गए हैं। दूषित पानी पीने से हेपेटाइटिस C, टाइफाइड, और दस्त जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि पानी कार्यों में कुछ प्रक्रियाएँ हैं, यदि सही तरीके से की जाएं तो पानी पीने योग्य बनाया जा सकता है। पानी को बालू, बजरी फिल्टर से छाना जाता है और क्लोरीन सिलेंडर जोड़े जाते हैं जिससे पानी में हानिकारक बैक्टीरिया समाप्त हो जाते हैं। उन्होंने लोगों से जागरूक रहने की अपील की है।

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