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Punjab Weather Update: पंजाब में शीतलहर का प्रकोप, फसल और सब्जियों के लिए लाभकारी

Punjab Weather Update: पंजाब में इन दिनों शीतलहर ने पूरे राज्य को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। हिमालय की पहाड़ियों में हो रही बर्फबारी के कारण मैदानी इलाकों में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। मंगलवार सुबह से ही पंजाब के कई जिलों में शीतलहर का प्रभाव देखा जा रहा है, जिसमें जलंधर भी शामिल है। जहां एक ओर लोग शीतलहर के कारण कांपते हुए दिखाई दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर किसानों के लिए यह मौसम फसलों और सब्जियों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो रहा है।

शीतलहर और ठंड का प्रभाव

मंगलवार सुबह से पंजाब के कई हिस्सों में शीतलहर का असर देखने को मिला। जलंधर जैसे शहरों में जहां दिनभर ठंड बनी रही, वहीं हल्की धुंध भी सुबह के समय देखी गई। दिन में हल्की धूप तो निकली, लेकिन उसकी गर्मी शीतलहर के कारण न के बराबर महसूस हुई। पूरे दिन लोग ठंड से कांपते हुए नजर आए, और शीतलहर के कारण बाहर निकलने में भी लोग संकोच कर रहे थे।

जलंधर में मंगलवार को न्यूनतम तापमान 8.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस रहा। इस प्रकार, अधिकतम और न्यूनतम तापमान में महज 3.7 डिग्री सेल्सियस का अंतर था, जिसके कारण ठंड का प्रभाव पूरे दिन बना रहा। इसके अतिरिक्त, जैसे-जैसे दिन बढ़ा, ठंडी हवाओं के कारण ठंड और भी बढ़ गई।

मौसम विभाग ने बुधवार और गुरुवार के लिए शीतलहर और धुंध का अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा, सुबह के समय हल्के धुंध की स्थिति बनी रहेगी, लेकिन धूप निकलने के बाद मौसम साफ होने की संभावना भी जताई गई है।

Punjab Weather Update: पंजाब में शीतलहर का प्रकोप, फसल और सब्जियों के लिए लाभकारी

बारिश के बाद बढ़ी ठंड

होशियारपुर में हुई बारिश के बाद ठंड का प्रकोप और भी बढ़ गया है। जहां एक ओर बारिश ने लोगों को राहत दी थी, वहीं अब तापमान में गिरावट और ठंडी हवाओं के कारण लोगों को घरों में दुबकने के लिए मजबूर कर दिया है। पिछले चार दिनों से सूर्य देव के दर्शन नहीं हुए हैं और मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार-पाँच दिनों तक सूरज के दर्शन नहीं होने की संभावना जताई जा रही है।

मंगलवार को अधिकतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इसके साथ ही, बारिश के बाद धुंध ने एक बार फिर दस्तक दी है। इस दौरान सुबह के समय दृश्यता केवल 50 से 70 मीटर तक ही रह गई, जिससे सड़क पर वाहनों की गति धीमी हो गई। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों में बारिश की संभावना भी जताई जा रही है, जिससे ठंड और बढ़ सकती है।

फसलों और सब्जियों के लिए लाभकारी मौसम

हालांकि लोग शीतलहर और ठंड से परेशान हैं, लेकिन यह मौसम किसानों के लिए अत्यधिक लाभकारी साबित हो सकता है। जिला कृषि अधिकारी देवेंद्र सिंह के अनुसार, इस मौसम में फसलों के लिए पानी की कम आवश्यकता होती है, क्योंकि बारिश और शीतलहर के कारण खेतों में नमी बनी रहती है, जो फसलों के लिए एक प्रकार का खाद का काम करती है।

खासतौर पर गेहूं की फसल के लिए यह मौसम बहुत फायदेमंद है। जितनी ज्यादा ठंड होती है, गेहूं की फसल उतनी अच्छी होती है। ठंड से फसल का विकास बेहतर होता है और उपज भी अच्छी रहती है। इस मौसम में गेहूं की फसल को बहुत अच्छे से बढ़ने का मौका मिलता है, जिससे किसान अपनी मेहनत का पूरा फल प्राप्त कर सकते हैं।

वहीं, सब्जियों के लिए भी यह मौसम लाभकारी है। सर्दी में सब्जियों की गुणवत्ता बेहतर होती है और उनका स्वाद भी गहरा होता है। किसानों को अब सिंचाई की आवश्यकता कम होगी, क्योंकि बारिश और ठंड से खेतों में नमी बनी रहती है, जो फसलों के लिए आदर्श स्थिति प्रदान करती है।

किसानों के लिए सुझाव

हालांकि इस मौसम का फसलों के लिए लाभ है, लेकिन किसानों को अपनी फसलों की देखभाल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय किसानों को अपनी फसलों पर ध्यान देना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की समस्या से बचा जा सके। गेहूं की फसल को ठंड से बचाने के लिए उचित उपायों का पालन करना जरूरी है।

साथ ही, सब्जियों की फसल को ठंडी हवाओं और धुंध से बचाने के लिए भी आवश्यक कदम उठाने चाहिए। किसानों को फसलों की नियमित निगरानी करनी चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की बीमारी या कीटों का प्रभाव न पड़े।

पंजाब में इस समय शीतलहर का प्रकोप है, जो लोगों के लिए परेशानियों का कारण बन रहा है, लेकिन किसानों के लिए यह मौसम फसलों और सब्जियों के लिए अत्यधिक लाभकारी साबित हो सकता है। शीतलहर और बारिश के कारण फसलों को पर्याप्त नमी मिल रही है, जो उनकी वृद्धि को बढ़ावा दे रही है। हालांकि, किसानों को अपनी फसलों की देखभाल पर विशेष ध्यान देना होगा ताकि वे अधिक उपज प्राप्त कर सकें। मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों तक ठंड बनी रह सकती है, इसलिए लोग खुद को गर्म रखने के उपाय करें और साथ ही फसलों के लिए यह मौसम बहुत अच्छा साबित हो सकता है।

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