Rekha-Amitabh: सिलीला के बाद रेखा- अमिताभ एक साथ क्यों नहीं आए? जानिए रेखा ने दिया चौंकाने वाला कारण
Rekha-Amitabh: अमिताभ बच्चन और रेखा की जोड़ी को दर्शकों द्वारा हमेशा से पसंद किया गया है। इन दोनों सितारों ने एक साथ कई ब्लॉकबस्टर फ़िल्में दी हैं, जिनमें ‘मि. नटवरलाल’, ‘दो अंजाने’, और ‘मुक़द्दर का सिकंदर’ जैसी फ़िल्में शामिल हैं। इन फ़िल्मों में अमिताभ और रेखा की केमिस्ट्री ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। हालांकि, 1981 में आई रोमांटिक ड्रामा ‘सिलीला’ के बाद से इन दोनों ने कभी एक साथ काम नहीं किया।
इस फ़िल्म में जया बच्चन भी थीं, लेकिन इसके बाद रेखा और अमिताभ ने एक साथ फ़िल्में नहीं की। इस बारे में रेखा ने एक इंटरव्यू में अपनी सोच साझा की थी। आइए जानते हैं कि रेखा ने इस बारे में क्या कहा।
रेखा का अनुभव: अमिताभ के साथ काम न करने का नुकसान
2006 में फ़िल्मफेयर को दिए गए एक इंटरव्यू में रेखा ने खुलकर इस बारे में बात की कि क्यों उन्होंने और अमिताभ बच्चन ने ‘सिलीला’ के बाद एक साथ काम नहीं करने का फैसला किया। जब रेखा से पूछा गया कि इस लंबे समय तक अमिताभ के साथ काम न करने से उन्हें क्या नुकसान हुआ, तो उन्होंने कहा, “मेरे लिए नुकसान यह है कि मुझे अमितजी के शानदार अभिनय के विकास को साझा करने का मौका नहीं मिला।”
फिर भी, जब निर्माताओं ने उन्हें ‘याराना’ में नीतू सिंह और ‘आखिरी रास्ता’ में श्रीदेवी जैसी अभिनेत्रियों के लिए डबिंग करने का मौका दिया, तो रेखा ने इस पर खुशी व्यक्त की।
सिलीला के बाद रेखा और अमिताभ एक साथ क्यों नहीं आए?
जब रेखा से पूछा गया कि वे और अमिताभ फिर से एक साथ काम क्यों नहीं कर रहे हैं, तो उन्होंने एक गहरा और दार्शनिक उत्तर दिया। उन्होंने कहा, “मैं केवल यही सोच सकती हूँ कि अमितजी के साथ सह-अभिनय करने के लिए इंतजार करना सही था। हर चीज सही समय पर सही कारणों से होती है।” रेखा ने आगे कहा, “मैं सचमुच मानती हूँ कि धैर्य का फल मीठा होता है। इस मामले में समय का कोई महत्व नहीं है। मैं इस बात को लेकर निश्चित हूँ।”
निर्देशक की भूमिका: रेखा और अमिताभ का साथ नहीं
रेखा ने यह भी कहा कि अमिताभ और उनके द्वारा किसी फ़िल्म में एक साथ ना दिखने का कारण यह नहीं है कि समय बीत गया है, बल्कि यह उन निर्देशकों के निर्णय का परिणाम है जिन्होंने अभी तक किसी ऐसे प्रोजेक्ट को नहीं पाया है जो दोनों की प्रतिभा के अनुसार हो।
दर्शकों की चाहत और रेखा का दृष्टिकोण
रेखा की यह बात उनके गहरे सोच और समझ को दर्शाती है। वे मानती हैं कि सही प्रोजेक्ट के लिए इंतजार करना जरूरी है। हालांकि दर्शक हमेशा से इस जोड़ी को पर्दे पर देखने के लिए तरसते रहे हैं, लेकिन रेखा की यह सोच बताती है कि उन्होंने अपने करियर में गुणवत्ता को प्राथमिकता दी है।
दर्शकों की भावनाएं और उम्मीदें
अमिताभ और रेखा की जोड़ी का जादू आज भी दर्शकों के दिलों में बसा हुआ है। उनकी फ़िल्मों ने दर्शकों को रोमांस, ड्रामा और उत्कृष्टता का अनुभव कराया है। लोग आज भी चाहते हैं कि यह जोड़ी किसी नई फ़िल्म में नजर आए।
सिलीला: एक यादगार फ़िल्म
1981 की ‘सिलीला’ फ़िल्म ने न केवल दर्शकों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाया, बल्कि इसने रेखा और अमिताभ के बीच की केमिस्ट्री को भी एक नई ऊँचाई पर पहुँचाया। इस फ़िल्म में उनकी परफॉर्मेंस और भावनात्मक दृश्यों ने दर्शकों को गहराई से छू लिया।
रेखा की दृष्टि: धैर्य का फल
रेखा का यह मानना है कि धैर्य का फल मीठा होता है, जो न केवल उनके करियर के लिए, बल्कि जीवन के अन्य पहलुओं के लिए भी सही है। वे मानती हैं कि सही समय पर सही चीजें होती हैं, और यह उनके लिए एक मजबूत सिद्धांत है।