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CJI DY Chandrachud  की सेवानिवृत्ति, जानिए उन्हें मिलने वाली पेंशन और सुविधाएँ

CJI DY Chandrachud ने 10 नवंबर 2024 को अपने पद से सेवानिवृत्ति ली। उनके सेवानिवृत्त होने के बाद, उनके जीवन और भविष्य की योजनाओं को लेकर चर्चा जोरों पर है। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, “मुख्य न्यायाधीश या न्यायाधीश के रूप में सेवा समाप्त होने के बाद भी समाज आपको उसी भूमिका में देखता है। मुझे अपनी पदवी के प्रति ईमानदार रहना चाहिए, चाहे वह सेवा के दौरान हो या बाद में।” उनकी यह टिप्पणी उनके न्यायिक कार्यकाल और उनके द्वारा समाज के लिए किए गए योगदानों की गहरी समझ को दर्शाती है।

CJI चंद्रचूड़ को मिलने वाली पेंशन

भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपनी सेवा पूरी करने के बाद, डी.वाई. चंद्रचूड़ को जो पेंशन मिलेगी, वह एक महत्वपूर्ण सवाल था। भारतीय कानून के अनुसार, CJI की मासिक वेतन ₹2,80,000 होती है। सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें ₹16,80,000 प्रति वर्ष पेंशन के रूप में मिलेगा। इसके अलावा, उन्हें महंगाई राहत (Dearness Relief) भी अलग से दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, एकमुश्त ग्रेच्युटी (Gratuity) राशि ₹20 लाख तय की गई है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीशों की वेतन और सेवा शर्तें सुप्रीम कोर्ट वेतन सेवा शर्तों अधिनियम, 1958 के तहत निर्धारित होती हैं।

CJI DY Chandrachud  की सेवानिवृत्ति, जानिए उन्हें मिलने वाली पेंशन और सुविधाएँ

सेवानिवृत्त होने के बाद की सुविधाएँ

डी.वाई. चंद्रचूड़ को सेवानिवृत्ति के बाद कई विशेष सुविधाएँ प्राप्त होंगी। यह सुविधाएँ उनके द्वारा किए गए महान कार्य और समाज में उनके योगदान को मान्यता देती हैं।

सुरक्षा सुविधाएँ:

सेवानिवृत्ति के बाद चंद्रचूड़ को उनके आवास पर 24/7 सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही अगले पांच वर्षों तक एक व्यक्तिगत सुरक्षा गार्ड भी उनके साथ रहेगा। यह सुरक्षा व्यवस्था उनकी सामाजिक और न्यायिक भूमिका के महत्व को ध्यान में रखते हुए प्रदान की जाती है।

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आवास:

चंद्रचूड़ को दिल्ली में Type-VII आवास प्रदान किया जाएगा। यह सरकारी आवास उन्हें और उनके परिवार को रहने के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। यह सुविधा पूर्व न्यायाधीशों के लिए एक मानक है और यह उन्हें एक आरामदायक जीवन जीने में मदद करेगी।

अन्य सुविधाएँ:

इसके अलावा, चंद्रचूड़ को घरेलू कर्मचारी, ड्राइवर, मुफ्त फोन और इंटरनेट सेवाएँ, और हवाई अड्डे पर औपचारिक लाउंज का उपयोग करने की सुविधा भी मिलेगी। ये सभी सुविधाएँ उन्हें आरामदायक जीवन जीने के लिए प्रदान की जाती हैं ताकि वे अपने अनुभव और विशेषज्ञता को देश की सेवा में लगा सकें।

संविधानिक न्यायिक संस्थाओं में भूमिका

सेवानिवृत्त होने के बाद भी चंद्रचूड़ के पास कई अवसर होंगे। उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स से एक साक्षात्कार में बताया कि कानूनों के तहत, सेवानिवृत्त न्यायधीशों को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT), दूरसंचार विवाद समाधान और अपीलीय न्यायाधिकरण, और राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग जैसी संस्थाओं में काम करने के लिए नियुक्त किया जा सकता है। चंद्रचूड़ का मानना है कि इन संस्थाओं में ईमानदार और विशेषज्ञ व्यक्तियों की आवश्यकता होती है ताकि आने वाले मामलों का निपटारा सही तरीके से किया जा सके। यह संभावना जताई जा रही है कि वह इन संस्थाओं में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

सर्वाधिक ट्रोल किए गए न्यायधीश

अपने विदाई समारोह के दौरान, चंद्रचूड़ ने मजाक करते हुए कहा, “शायद मैं सबसे अधिक ट्रोल किए जाने वाले न्यायधीश हूं। मैं यह सोच रहा हूं कि सोमवार से क्या होगा? क्योंकि जो लोग मुझे ट्रोल करते थे, वे अब बेरोजगार हो जाएंगे।” यह टिप्पणी उनके आत्मविश्वास और हंसी-मजाक की भावना को दर्शाती है, जो न्यायपालिका के कठिन कार्य के बावजूद उनके व्यक्तित्व का एक अहम हिस्सा है।

न्यायपालिका और उनकी जिम्मेदारियाँ

चंद्रचूड़ का कहना था कि उनके कार्यकाल के दौरान समाज और न्यायपालिका के बीच एक मजबूत कड़ी बनाने का प्रयास उनकी प्राथमिकता रही। उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले दिए और न्यायपालिका में लोगों की अपेक्षाओं को बनाए रखने का प्रयास किया। उनका उद्देश्य हमेशा यह रहा कि न्यायपालिका लोगों के विश्वास का प्रतीक बनी रहे।

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डी.वाई. चंद्रचूड़ का सेवानिवृत्त जीवन: एक नई शुरुआत

डी.वाई. चंद्रचूड़ का सेवानिवृत्त होना एक नई शुरुआत का प्रतीक है। उनका अनुभव और ज्ञान भविष्य में न्यायिक और प्रशासनिक कार्यों में देश की सेवा के लिए उपयोगी हो सकता है। उनके द्वारा लिए गए फैसले और न्यायपालिका के प्रति उनका दृष्टिकोण भारत की न्यायिक प्रणाली के लिए एक अमूल्य धरोहर हैं।

चंद्रचूड़ के न्यायिक कार्यकाल की प्रमुख विशेषताएँ

चंद्रचूड़ का न्यायिक कार्यकाल कई ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण फैसलों के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने न केवल संविधानिक मामलों में महत्वपूर्ण निर्णय दिए, बल्कि सामाजिक न्याय और नागरिक अधिकारों की रक्षा में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके निर्णयों ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बढ़ावा दिया।

  1. अधिकारों का संरक्षण: चंद्रचूड़ ने नागरिकों के अधिकारों के संरक्षण में कई महत्वपूर्ण फैसले दिए। उदाहरण के लिए, उन्होंने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार के रूप में स्थापित किया।
  2. सामाजिक न्याय: उनके फैसलों में समाज के वंचित वर्गों के अधिकारों की सुरक्षा पर जोर दिया गया। उन्होंने महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण आदेश दिए।
  3. विवादों का समाधान: चंद्रचूड़ ने कई बड़े विवादों का समाधान किया, जिनमें राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मामलों से जुड़े मुद्दे शामिल थे। उनके फैसले हमेशा निष्पक्ष और न्यायपूर्ण रहे।

डी.वाई. चंद्रचूड़ की सेवानिवृत्ति एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो न केवल न्यायपालिका बल्कि पूरे देश के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत को दर्शाता है। उनके निर्णय और दृष्टिकोण भारतीय न्यायपालिका के लिए एक अमूल्य धरोहर हैं, और उनकी भूमिका को भविष्य में कई न्यायिक और प्रशासनिक कार्यों में देखा जाएगा। उनकी सेवानिवृत्ति के बाद भी उनके योगदान और अनुभव से देश को लाभ होता रहेगा।

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