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RG Kar Medical College में फिर हंगामा, नर्सिंग छात्रा ने की आत्महत्या की कोशिश

RG Kar Medical College और अस्पताल, जो पहले ही एक महिला डॉक्टर के सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले के कारण विवादों में है, अब एक और सनसनीखेज घटना का शिकार हो गया है। इस बार, एक नर्सिंग छात्रा ने अस्पताल के होस्टल में आत्महत्या की कोशिश की। यह घटना उस समय घटी जब छात्रा के हाथों पर चोट के निशान पाए गए, जिससे यह संदेह हो रहा है कि उसने खुद को नुकसान पहुंचाया। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि छात्रा को चोटें कैसे आईं, और इस मामले की जांच जारी है।

आत्महत्या की कोशिश की घटना

सूत्रों के मुताबिक, नर्सिंग छात्रा ने शनिवार रात अपने कमरे में आत्महत्या की कोशिश की। तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, और फिलहाल वह आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के ट्रॉमा केयर सेंटर में इलाज करवा रही है। शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, यह आत्महत्या की कोशिश उसकी रूममेट के साथ किसी विवाद के कारण हुई बताई जा रही है। छात्रा ने पहले ही होस्टल के वार्डन को अपनी परेशानी से अवगत कराया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका कि वार्डन ने इस शिकायत के बाद क्या कदम उठाए।

RG Kar Medical College में फिर हंगामा, नर्सिंग छात्रा ने की आत्महत्या की कोशिश

यह घटना आरजी कर मेडिकल कॉलेज के लिए एक और तकरार की वजह बन चुकी है, जहां पहले ही महिला डॉक्टर की हत्या के मामले में विवाद बढ़ चुका था। पुलिस ने इस घटना की जानकारी मिलने के बाद तला थाना पुलिस को सूचित किया, और अब मामले की जांच शुरू कर दी है।

अगस्त में महिला डॉक्टर की हत्या की घटना

यह नई घटना उस शॉकिंग घटना के तीन महीने बाद सामने आई है, जब अगस्त महीने में एक महिला डॉक्टर का शव आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल से मिला था। इस घटना के बाद अस्पताल में सुरक्षा और छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर गंभीर सवाल उठे थे। महिला डॉक्टर की हत्या के मामले में आरोपियों में से एक पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष को भी गिरफ्तार किया गया, जिनके खिलाफ सीबीआई ने कार्रवाई की। इस मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय भी गिरफ्तार हो चुका है और मामला अभी अदालत में विचाराधीन है।

इस घटना के बाद अस्पताल में एक “धमकी और डर” का माहौल बन गया था, जिससे छात्रों और जूनियर डॉक्टरों में असुरक्षा की भावना व्याप्त हो गई थी। जूनियर डॉक्टर लगातार महिला डॉक्टर के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं और उनका कहना है कि अस्पताल प्रशासन को इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए।

छात्राओं की मानसिक स्थिति पर सवाल

नर्सिंग छात्रा के आत्महत्या की कोशिश के बाद, अब अस्पताल और होस्टल के वातावरण को लेकर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। इस मामले में बास्वती मुखोपाध्याय, जो आरजी कर मेडिकल कॉलेज के नर्स यूनिट से जुड़ी हुई हैं, ने कहा कि चाहे होस्टल हो या अस्पताल, नर्सिंग छात्रों के लिए एक सुरक्षित और मानसिक रूप से स्वस्थ वातावरण की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि यह छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर मुद्दा है और उन लोगों को इसपर अधिक संवेदनशीलता से विचार करना चाहिए जो जिम्मेदार हैं।

“छात्रों को एक सुरक्षित वातावरण में मानसिक रूप से स्वस्थ रहने का अवसर मिलना चाहिए। यह सिर्फ अस्पताल की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि प्रशासन की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह इस तरह के मुद्दों पर ध्यान दे और उन्हें सही समाधान प्रदान करें,” बास्वती ने कहा।

छात्रों का कहना: मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाए

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में तनाव और चिंता का माहौल बढ़ता जा रहा है, खासकर महिला डॉक्टर की हत्या और अब नर्सिंग छात्रा की आत्महत्या की कोशिश के बाद। छात्रों का कहना है कि संस्थान को उनकी मानसिक स्थिति पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इस तरह के तनावपूर्ण घटनाक्रमों के बाद उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। एक नर्सिंग छात्रा ने बताया, “हमारी पढ़ाई और काम के दौरान बहुत दबाव होता है। इसके साथ ही अस्पताल और होस्टल का वातावरण भी बहुत तनावपूर्ण हो गया है। हमें मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए बेहतर समर्थन की आवश्यकता है।”

इसी दौरान, नर्स यूनिटी के एक सदस्य ने भी यह दावा किया कि छात्रा ने अपनी शिकायत के बारे में होस्टल के वार्डन को सूचित किया था, लेकिन यह अभी भी स्पष्ट नहीं हो पाया कि प्रशासन ने इस मामले पर क्या कदम उठाए। “छात्राओं को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए यह जरूरी है कि वे एक अच्छे और सहायक वातावरण में पढ़ाई करें। यही समय है कि प्रशासन इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाए,” उन्होंने कहा।

प्रशासन की जिम्मेदारी

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को अब यह समझने की जरूरत है कि छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य उनके प्राथमिक कर्तव्यों में से है। पहले ही एक महिला डॉक्टर की हत्या और फिर एक छात्रा की आत्महत्या की कोशिश ने इस बात को और अधिक अहम बना दिया है। प्रशासन को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना होगा और छात्रों के लिए एक सुरक्षित और समर्थन देने वाला वातावरण तैयार करना होगा।

कुल मिलाकर, यह मामला सिर्फ एक आत्महत्या की कोशिश का नहीं, बल्कि एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य मुद्दे का प्रतीक बन चुका है। छात्रों की मानसिक स्थिति और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अब त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है। यदि प्रशासन ने समय रहते इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया, तो आने वाले समय में और भी बड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

यह घटना आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के लिए एक चेतावनी है कि उन्हें अपने छात्रों की सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और समग्र कल्याण पर ध्यान देना होगा।

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