Connect with us

Editorial

अपनी हार के बावजूद गौरव रोहिल्ला बन गए इन बड़े नेताओं के लिए खतरा, राजनीतिक भविष्य पर लटकी तलवार

Published

on

सत्य खबर, सफीदों। प्रदेश में निकाय चुनाव खत्म हो चुके हैं और सभी उम्मीदवार अपनी अपनी हार जीत को लेकर समीक्षा कर रहे हैं। राजनीतिक पंडित भी हर निकाय के चुनाव परिणाम के बाद स्थानीय राजनीतिक पर क्या असर पड़ने वाला है इसको लेकर चर्चा ही कर रहे हैं। अगर हम बात सफीदों के निकाय चुनाव की करें तो यहां अनीता बिट्टा अदलखा ने बाजी मारी है लेकिन दूसरे नंबर पर रहे गौरव रोहिल्ला की चर्चाएं भी जोरों पर हैं। गौरव रोहिल्ला की चर्चाएं शहर से निकलकर गांव की तरफ भी बढ़ रही हैं। इस चर्चा का कारण गौरव द्वारा प्राप्त की गई वोट हैं।

दरअसल चर्चा यह है कि जातीय समीकरण के हिसाब से सफीदों शहर में गौरव की वोट बहुत कम थी लेकिन उसने ओबीसी समाज को इकट्ठा किया और इतना बड़ा वोट बैंक हासिल कर लिया। गौरव को शहर के सबसे बड़े वोट बैंक पंजाबी और महाजन समाज की वोट नाममात्र ही मिली। ऐसे में ओबीसी के नाम पर अभी तक सफीदों विधानसभा में जिस भी प्रत्याशी ने भी चुनाव लड़ा वह शहर से आज तक इतना बड़ा आंकड़ा छू नहीं पाया। यही वजह है कि राजनीतिक पंडित अब मानने लगे हैं कि गौरव कि यह प्राप्ति सफीदों विधानसभा के कई ओबीसी नेताओं के लिए खतरे की घंटी है।

चुनाव में हार के तुरंत बाद गौरव रोहिल्ला ने जो फेसबुक पर पोस्ट किया है उसने भी इस बात को साफ कर दिया कि सफीदों में जो बड़े ओबीसी नेता हैं और चुनावी राजनीति करते हैं उनकी राह अब आसान नहीं होंगी। गौरव ने उन नेताओं को आने वाले वक्त में सबक सिखाने की बात भी कही है। विशेष तौर पर उसके निशाने पर बचन सिंह आर्य और कर्मवीर सैनी रहे। दोनों ही नेताओं को समय आने पर देख लेने की धमकी भी ओबीसी समाज द्वारा दी गई इन वोटों की वजह से ही बताई जा रही है।

पूरे विधानसभा में इस चुनाव की वजह से गौरव का नाम गांव गांव तक पहुंचा है। अब अगर विधानसभा में ओबीसी समाज को एक जुट करने में गौरव कामयाब हो गया तो चुनावी राजनीति करने वाले ओबीसी नेताओं के समीकरण बिगाड़े जा सकते हैं। अब जल्द ही विधानसभा चुनाव भी हैं ऐसे में इस वोट बैंक को किसी भी पार्टी से टिकट लेने के लिए भुनाया जा सकता है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *