Sharmishtha Panoli Arrest: धर्म को गंदा कहा तो मचा बवाल, Sharmishtha Panoli की गिरफ्तारी ने बढ़ाई सियासी गरमाहट

Sharmishtha Panoli Arrest: कोलकाता पुलिस द्वारा सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनौली की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक बवाल मचा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी ने बंगाल सरकार पर जमकर हमला बोला है। पश्चिम बंगाल विधानसभा के विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी और उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने इस गिरफ्तारी को गलत बताया है। उन्होंने इसे किसी खास वर्ग को खुश करने की कोशिश करार दिया है।
पवन कल्याण का आरोप और समर्थन
बीजेपी नेता पवन कल्याण ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शर्मिष्ठा ने अपने विचार रखे थे जो कुछ लोगों को कष्टदायक लगे। उन्होंने गलती स्वीकार की और माफी मांगकर वीडियो डिलीट कर दिया था। इसके बावजूद कोलकाता पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब तृणमूल कांग्रेस के नेता सनातन धर्म का मजाक उड़ाते हैं तो उसका क्या होगा।
Mamata Banerjee – 'Maha Kumbh is Mrityu Kumbh'. 'Jai Shree Ram is insulting abusive cuss word, hurled towards her.' ❌ No legal action.
Mahua Moitra – “Kali to me is a meat-eating, alcohol-accepting Goddess,” ❌ No legal action.
Firhad Hakim – “Those who are not born in Islam… https://t.co/LaWLeD5NpJ
— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) June 1, 2025
सुवेंदु अधिकारी का विरोध और सवाल
सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी ने महाकुंभ को मृत्यु कुंभ कहा और जय श्रीराम को अपमानजनक शब्द बताया लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ FIR का जिक्र किया और कहा कि हिंदू देवताओं की मूर्तियां तोड़ी जाती हैं लेकिन पुलिस खामोश रहती है। उन्होंने पुलिस की एकतरफा कार्रवाई पर सवाल उठाए।
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल और आरोप
सुवेंदु अधिकारी ने पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि राम नवमी और हनुमान जयंती के जुलूसों पर पत्थर फेंके जाते हैं लेकिन पुलिस चुप रहती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयतावादी वकील शर्मिष्ठा के केस की पैरवी कर रहे हैं और जल्द ही उसे न्याय मिलेगा। उन्होंने ममता पुलिस को निर्दयी और बर्बर बताया।
शर्मिष्ठा का बयान और गिरफ्तारी का मामला
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 22 साल की कानून की छात्रा शर्मिष्ठा पनौली ने पाहलगाम हमले पर अपनी निजी टिप्पणी की थी। उन्होंने बाद में माफी मांगी और वीडियो हटा दिया था। इसके बावजूद उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया। यह मामला राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है और देश भर की नजरें बंगाल पुलिस पर टिकी हैं।